कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना पर 10 लाख की सब्सिडी, अभी करें आवेदन

Share Product Published - 03 Aug 2021 by Tractor Junction

कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना पर 10 लाख की सब्सिडी, अभी करें आवेदन

जानें, क्या है कस्टम हायरिंग केंद्र योजना और इससे कैसे मिलेगा लाभ

खेतीबाड़ी के कामों कृषि यंत्रों की उपयोगिता बढ़ती जा रही है। अधिकांश किसान अब खेती के कामों में कृषि यंत्रों का उपयोग करने लगे हैं। इससे किसानों के लिए कृषि कार्य पहले की अपेक्षा अधिक आसान हो गया है। कृषि यंत्रों की खेती में उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से कस्टम हायरिंग केंद्र खालने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि सभी किसानों को आसानी से कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकें। इसके लिए सरकार कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए 10 लाख रुपए की सब्सिडी मुहैया करा रही है। अभी फिलहाल मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने राज्य में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक किसान इस योजना के तहत आवेदन करके कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना कर  इससे कमाई कर सकते हैं। इस योजना का फायदा ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचे इसके लिए राज्य सरकार की ओर से इसकी आवेदन की तिथि को भी बढ़ा कर 6 अगस्त तक कर दिया गया है। बता दें कि पहले इस योजना में आवेदन की तिथि 31 जुलाई 2021 थी जिसे बढ़ाकर 6 अगस्त 2021 कर दिया गया  है। 

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क्या है कस्टम हायरिंग केंद्र योजना

इस योजना के तहत कुल लागत 25 लाख रुपए रखी गई है। योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख तक का क्रेडिट लिंक्ड बेक एंडेड अनुदान दिया जा रहा है। अनुदान की गणना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना में प्रत्येक यंत्र हेतु दिए गए प्रावधान के अनुसार की जाएगी। इसके अलावा इस योजना पर 3 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान भी लाभार्थी किसानों को दिया जाएगा। 


प्रदेश के सभी जिलों के किसान कर सकते हैं आवेदन

कस्टम हायरिंग योजना प्रदेश के सभी जिलों के लिए लागू की गई है। इस वर्ष प्रदेश में सभी वर्गों को मिलाकर 416 कस्टम हायरिंग सेंटर बनाएं जाएंगे। जिले के अनुसार सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए अलग-अलग लक्ष्य जारी किए गए है। प्रदेश के सभी जिलों के लिए सामान्य वर्ग के लिए 6, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 1-1 कस्टम हायरिंग सेंटर का लक्ष्य रखा गया है। 


कस्टम हायरिंग सेंटर अनुदान हेतु यहां करें आवेदन

मध्यप्रदश शासन द्वारा राज्य के किसानों से कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन पात्र संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल www.chc.mpdage.org के माध्यम से कर सकते हैं। किसान योजना से जुड़ी अन्य जानकारी अपने संभाग या जिले के कृषि यंत्री या कृषि विभाग से ले सकते हैं। इसके आलवा इच्छुक व्यक्ति मध्यप्रदेश के कृषि अभियांत्रिकी संचनालय के फोन नंबर  0755-4935001 पर भी कॉल कर सकते हैं।


कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापना हेतु पात्रता एवं शर्तें

  • कस्टम हायरिंग केंद्र न्यूनतम रुपए 10 लाख तथा अधिकतम रु. 25 लाख तक की लागत का स्थापित किया जा सकेगा।
  • बैंक ऋण के आधार पर केन्द्र स्थापित किया जाने पर ही अनुदान की पात्रता होगी।
  • अनुदान का भुगतान ऋण स्वीकृत करने वाले बैंक को किया जाएगा जो हितग्राही द्वारा बैंक- ऋण की पुर्नअदायगी किए जाने के उपरान्त हितग्राही के खाते में समायोजित होगा।
  • योजना के तहत व्यक्तिगत आवेदकों के साथ-साथ महिला स्व- सहायता समूह / संगठन भी कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने हेतु आवेदन कर सकेंगे। समूह / संगठन में जिस श्रेणी के सदस्यों की संख्या अधिक होगी, समूह / संगठन को उसके अनुसार सामान्य, अनुसूचित या जनजाति वर्ग में माना जाएगा।
  • योजनांतर्गत व्यक्तिगत श्रेणी के न्यूनतम 18 वर्ष आयु के व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। आवेदक की उम्र 18 वर्ष से कम एवं 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • व्यक्तिगत आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा।
  • पूर्व से ही शासकीय अथवा अर्द्धशासकीय सेवाओं में कार्यरत अथवा अन्य शासकीय योजना से रोजगार हेतु लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे।
  • योजना के तहत कृषि, कृषि अभियांत्रिकी एवं उद्यानिकी स्नात्तकों को प्राथमिकता दिए जाने का प्रावधान है। प्राथमिकता सूची में इन आवेदकों के प्रकरणों पर निर्धारित सीमा जिले हेतु निर्धारित लक्ष्यों के 30 प्रतिशत अधिकतम 3 केंद्रों तक प्राथमिकता दी जाकर विचार किया जाएगा।
  • एक ग्राम एक परिवार तथा एक समूह / संगठन को केवल एक ही कस्टम हायरिंग केंद्र दिए जाने का प्रावधान है। जिन ग्रामों में पूर्व में केंद्र स्थापित हो चुके है वहीं के लिए आवेदन प्रस्तुत न किए जाए। ग्रामों के संबंध में अंतिम निर्णय संबधित कृषि यंत्री कार्यालय द्वारा अभिलेखों के सत्यापन के समय लिया जाएगा।
  • जिस ग्राम में केंद्र स्थापित किया जाना है आवेदक को उस ग्राम का मतदाता होना अथवा उस ग्राम में स्वयं या माता- पिता के नाम पर भूमि होने पर ही संबंधित ग्राम में केंद्र के आवेदन हेतु पात्रता होगी।
  • क्रेडिट लिंक्ड बैंक एंडेड सब्सिडी की राशि पर बैंक द्वारा हितग्राही से कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। ऋण राशि अदा करने में असफल होने की स्थिति में हितग्राही को अनुदान का लाभ प्राप्त नहीं होगा तथा बैंक की ऋण राशि, जिसमें अनुदान राशि एवं देय ब्याज सम्मिलित होगा, वापस चुकानी होगी।
  • स्वीकृति ऋण की वसूली अधिकतम 9 वर्ष में की जाएगी तथा ऋण स्थगन अवधि अधिकतम 6 माह रहेगी।
  • स्वीकृति किए गए ऋण को 4 वर्ष अवधि के पुर्न रूप से लौटाया नहीं जा सकेगा। इस अवधि के पूर्व हितग्राही द्वारा बैंक ऋण पुर्न रूप से चुकाने पर हितग्राही को अनुदान की पात्रता नहीं रहेगी। इस स्थिति में बैंक द्वारा अनुदान की राशि शासन की जाना होगी।
  • योजना के तहत क्रय की गई मशीनों / यंत्रों आदि को ऋण प्रदाय किए गए बैंक के अतरिक्त अन्य किसी व्यक्ति / संस्था को हितग्राही द्वारा अवधि तक विक्रय / रेहन (मोरगेज) अथवा हस्तांतरित नहीं किया जा सकेगा। इसका उल्लंघन किए जाने पर शासन नियमानुसार अनुदान राशि माय ब्याज के वापस करना होगी। राशि वापस न किए जाने की दशा में संपूर्ण राशि की वसूली भू-राजस्व की भांति की जा सकेगी।
  • हितग्राही को अनुदान राशि केवल मशीनों / यंत्रों की लागत के आधार पर देय होगी। मशीनों / यंत्रों के रखरखाव शेड निर्माण एवं आवश्यकता अनुसार भूमि की व्यवस्था आवेदक / हितग्राही को स्वयं करनी होगी।

 

आवेदक द्वारा अपना आवेदन निम्न में से किसी एक तरफ के केंद्र हेतु प्रस्तुत किया जा सकेगा

कृषि फसलों हेतु, अथवा 2. उद्यानिकी फसलों हेतु


कृषि फसलों हेतु निम्न मशीनें अनिवार्य होगी

 

क्र.सं. यंत्र का नाम
1.  एक ट्रेक्टर (35 बीएचपी से 55 बीएचपी)
2.         एक प्लाऊ
3.         एक रोटावेटर
4.          एक कल्टीवेटर अथवा एक डिस्क हेरो
5.         एक सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल
6.        एक ट्रेक्टर चलित थ्रेसर अथवा एक स्ट्रा रीपर
7.        एक रेज्ड बेड प्लंटर अथवा राईस ट्रांस प्लंटर


उद्यानिकी फसलों हेतु निम्न मशीनें अनिवार्य होगी

क्र. सं. यंत्र का नाम
1. एक ट्रेक्टर (35 बीएचपी से 55 बीएचपी)
2. एक प्लाऊ
3.     एक रोटावेटर
4.    एक कल्टीवेटर अथवा एक डिस्क हेरो
5.

एक पोटेटो प्लांटर अथवा गार्लिक प्लांटर अथवा
ओनियन प्लांटर अथवा वेजिटेबल प्लांटर अथवा
अन्य कोई उद्यानिकी फसल का प्लांटर / ट्रांसप्लांटर

6. एक ट्रेक्टर चलित थ्रेसर अथवा पोटेटो दीगर अथवा ओनियन हार्वेस्टर
अथवा अन्य कोई उद्यानिकी फसल का हार्वेस्टर 


सभी यंत्र ट्रैक्टर की हार्स पावर के साथ मेचिंग होना अनिवार्य

सभी यंत्र ट्रैक्टर की हार्स पावर के साथ मेचिंग के होना अनिवार्य है। इसके अतरिक्त क्षेत्र एवं फसलों के आधार पर अन्य उपयुक्त यंत्रों / मशीनों का चयन भी किया जा सकेगा। संचालनालय में पंजीकृत निर्माताओं के यंत्रों का ही क्रय योजनान्तर्गत किया जा सकेगा। यंत्रों का क्रय पंजीकृत निर्माताओं के अधिकृत विक्रेताओं म.प्र. राज्य कृषि उधोग विकास निगम अथवा मार्कफेड से किया जा सकेगा। पंजीकृत निर्माताओं की सूची कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की वेबसाइट  www.dbt.mpdage.org पर उपलब्ध हैं।  


केवल कृषि/उद्यानिकी कार्य के लिए ही होगा मशीनों का उपयोग

  • कस्टम हायरिंग केंद्र द्वारा केवल कृषि / उद्यानिकी संबंधित कार्य ही किए जा सकेंगे। वर्षाकाल आदि में जब कृषि कार्य नहीं होते है तक अकृषि कार्य भी किया जा सकेगा।
  • कस्टम हायरिंग केंद्र अंतर्गत प्रदाय की गई मशीनों / उपकरणों / कृषि यंत्रों को सही हालत में आवेदक द्वारा रखा जाना होगा। इसका निरिक्षण समय-समय पर अधिकारियों / विभागीय इंजीनियरों द्वारा किया जाएगा।
  • कृषकों के खेतों में किए गए कार्यों का विवरण कस्टम हायरिंग केंद्र द्वारा एक पंजी में संधारित करके रखा जाना होगा। इसका निरिक्षण भी समय- समय पर अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। विभाग द्वारा चाहे जाने पर केंद्र को संधारित जानकारियों उपलब्ध कराना होगी।

 

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