प्रकाशित - 03 Jun 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Top 10 Agricultural Machinery for Kharif Crop: भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां मुख्य रूप से दो फसल चक्र होते हैं। पहला खरीफ तो दूसरा रबी। खरीफ फसलों की बुवाई का समय मानसून की शुरुआत के साथ जून से जुलाई में होता है और फसल की कटाई अक्टूबर के माह तक की जाती है। इस सीजन में किसान धान, मक्का, बाजरा, कपास, तुअर, मूंग, उड़द आदि फसलों की खेती प्रमुख रूप से करते हैं।
मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून की शुरुआत जल्दी हो गई है। केरल के साथ ही कई जगह पर मानसून आ चुका है, वहीं उत्तर भारत में भी मानसून के जून के प्रथम सप्ताह में जल्द ही पूरी तरह सक्रिय होने की उम्मीद है। ऐसे में किसान खरीफ फसलों की तैयारी में जुट गए हैं। खरीफ सीजन में खेती के लिए किसानों को कृषि यंत्रों की आवश्यकता होगी ताकि उनकी खेती का काम आसान हो सके। इसके लिए उन्हें खरीफ खेती के कृषि यंत्रों की जानकारी होना बेहद जरूरी हो जाता है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को खरीफ की खेती में उपयोग में आने वाले प्रमुख 10 कृषि यंत्र और उनकी कार्यक्षमता व कीमत की जानकारी दे रहे हैं, तो आइए जानते हैं इसके बारे में।
ट्रैक्टर (Tractor) खेती के लिए एक महत्वपूर्ण कृषि मशीन है। इससे कई कृषि यंत्रों को जोड़कर फसल बुवाई से लेकर कटाई तक के काम आसानी से पूरे किए जा सकते हैं। इसके अलावा मंडी तक फसल ले जाने का काम भी ट्रैक्टर से किया जाता है। इस तरह किसानों के लिए ट्रैक्टर सबसे जरूरी है। बाजार में कई कंपनियों के ट्रैक्टर उपलब्ध हैं जिसमें महिंद्रा, सोनालीका, स्वराज, मैसी फर्ग्यूसन, आयशर, जॉन डियर, सॉलिस, फार्मट्रैक, कुबोटा, न्यू हॉलैंड आदि ब्रांड के ट्रैक्टर आते हैं, जो खेती के लिए अच्छे माने जाते हैं। किसान अपनी जरूरत के हिसाब से अपने लिए ट्रैक्टर का चुनाव कर सकते हैं।
सीड ड्रिल मशीन एक ऐसा कृषि यंत्र है जिसका उपयोग बीजों को मिट्टी में डालने के लिए किया जाता है। इस मशीन की सहायता से निर्धारित गहराई व समान दूरी पर बुवाई की जा सकती है। यह मशीन किसानों को बीजों को हाथ से बोने की जगह कम समय में बुवाई करना आसान बनाती है। सीड ड्रिल मशीन की सहायता से किसान बीजों को समान गहराई और दूरी पर बो सकते हैं। तीन प्रकार की सीड ड्रिल आती है, जिनमें ट्रैक्टर से चलने वाली सीड ड्रिल मशीन, हस्तचलित सीड ड्रिल मशीन और मिनी सीड ड्रिल मशीन है। इस मशीन द्वारा गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन, चना, उड़द, मूंगफली आदि फसलों की बुवाई की जा सकती है। इस मशीन का इस्तेमाल खाद वितरित करने में भी किया जा सकता है।
रोटावेटर कृषि यंत्र का इस्तेमाल मिट्टी की सतह को तैयार करने के लिए जाता है। यह मशीन बीजों की बुवाई के लिए मिट्टी को तैयार करती है। रोटावेटर का उपयोग मिट्टी की 125 मिमी से 1500 मिमी की गहराई तक जुताई करने के लिए किया जा सकता है। रोटावेटर का उपयोग जुताई में करने के बाद पाटा लगाने की जरूरत नहीं होती हे, क्योंकि यह मिट्टी को पहले ही भुरभुरा बना देता है। रोटावेटर का उपयोग सभी प्रकार की मिट्टी में किया जा सकता है। रोटावेटर के उपयोग से मिट्टी की क्वालिटी में सुधार होता है तथा बीज के लिए एक बेहतर बिस्तर तैयार हो जाता है जिससे पैदावार में बढ़ोतरी होती है। इसके उपयोग से समय व श्रम की बचत होती है। इस कृषि यंत्र को ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है।
पावर वीडर का उपयोग खरपतवार नियंत्रण के लिए के लिए किया जाता है। यह यंत्र विशेष रूप से उन खेतों के लिए उपयोगी है जहां ट्रैक्टर नहीं पहुंच सकता है। पावर वीडर से मिट्टी की तैयार करने का काम किया जा सकता है। इस मशीन से खरपतवार निकालना, जुताई और मेड बनाने का काम भी किया जा सकता है। पावर वीडर का उपयोग प्रमुख रूप नारियल के खेतों, कपास, गन्ना रोपण, सब्जियों, बागवानी आदि में अंतर–फसल (न्यूनतम 2 फीट) तक खरपतवार निकालने में किया जा सकता है। इस मशीन का उपयोग निराई, रिज निर्माण जिसमें सीधी और गोलाकार शामिल है, में किया जाता है। पावर वीडर का उपयोग भूमि का समतलीकरण, पीटीओ का उपयोग करने वाला पंप या स्प्रेयर व घनी घास काटने वाली मशीन के रूप में किया जाता है।
मल्टीक्रॉप थ्रेशर एक ऐसी मशीन है जो विभिन्न प्रकार की फसलों को आसानी से थ्रेश करने के लिए डिजाइन की गई है। इस मशीन का उपयोग किसान गेहूं, चावल, सरसों, मक्का, बाजरा, सोयाबीन जैसी फसलों को अलग करने में किया जाता है, जैसे अनाज को भूसी से अलग करना। यह मशीन विभिन्न प्रकार की फसलों को अलग करने में लिए उपयोग में ली जाती है। इस मशीन से किसान गेहूं, चावल, सोयाबीन, सरसों, बाजरा, मक्का आदि फसल को कटाई के बाद थ्रेसिंग कर सकते हैं। इस मशीन का काम फसल कटाई के बाद की प्रक्रियाओं को आसान बनाना है। ये मशीन तीन प्रकार की होती हैं। पहली–ट्रैक्टर चलित थ्रेशर, दूसरी इलेक्ट्रिक थ्रेशर और तीसरी मैनुअल थ्रेशर। ट्रैक्टर चलित थ्रेशर को ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है। इससे विभिन्न प्रकार की फसलों को थ्रेश करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। वहीं इलेक्ट्रिक थ्रेशर बिजली से चलते हैं और छोटे खेतों के लिए सही हैं। इसके अलावा मैनुअल थ्रेसर जिसे हाथ से चलाया जाता है और यह भी छोटे खेतों के लिए उपयुक्त है।
स्प्रेयर एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग कीटनाशक व खरपवार नाशकों के छिड़काव के लिए किया जाता है। इसका उपयोग उर्वरक लगाने के लिए भी किया जाता है। स्प्रेयर का आकार मैन–पोर्टेबल यूनिट आमतौर पर स्प्रे गन के साथ बैकपैक के रूप में होते है। यह तीन प्रकार के होते हैं, ट्रैक्टर चलित, स्वचलित और हस्तचलित। अधिकतर छोटे खेतों के लिए हाथ से चलने वाले स्प्रेयर उपयोग में लिए जाते हैं जबकि बड़े खेतों में बैकपैक या पावर स्प्रेयर इस्तेमाल किए जाते हैं।
हैप्पी सीडर मशीन (Happy Seeder machine) खेत में पराली व फसल अवशेष बिना निकाले फसलों की सीधी बुवाई कर सकता है। हैप्पी सीडर मशीन में आगे की ओर रोटावेटर यूनिट लगी होती हैं, जिसकी सहायता से पराली व फसल अवशेष को काटकर मिट्टी में मिला देता है, जो कि आगे चलकर खाद के रुप में परिवर्तित होकर मिट्टी की उवर्रक क्षमता को बढ़ाता है। हैप्पी सीडर मशीन में पीछे की ओर जीरो ट्रेलर लगा होता है, जो फसलों की बुवाई का काम करता है। हैप्पी सीडर मशीन में दो बॉक्स होते हैं, जिसमें खाद और बीज को अलग-अलग भरा जाता है। इस मशीन के माध्यम से एक दिन में लगभग 6 से 8 एकड़ में बुवाई की जा सकती है।
रीपर मशीन फसलों की कटाई और उसे एकत्रित करने का काम करती है। यह मशीन आमतोर पर अनाज फसलों जैसे गेहूं, धान या अन्य अनाज की फसलों को काटने के लिए इस्तेमाल की जाती है। रीपर मशीन में घुमावदार ब्लेड होता है जो फसल काटने का काम करता है। वहीं इसमें एक कनवेयर बेल्ट और अन्य सिस्टम होता है जिसके जरिये इसे इकट्ठा किया जाता है। चार प्रकार के रीपर आते हैं जिसमें पहला–रीपर कम बाइंडर जो फसल को काटने के साथ ही उनके बंडल बनाने का काम भी करता है। दूसरा–पावर रीपर, इसे ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है। इसमें एक इंजन होता है जो मशीन को चलाने में सहायता करता है। तीसरा स्वचालित रीपर, यह मशीन खुद से चलती है। इसमें एक इंजन और एक कंट्रोल सिस्टम होता है जो मशीन को चलाने में सहायता करता है। चौथा हाथ से चलने वाली रीपर मशीन होती है। इसमें एक ब्लेड और हैंडल होता है। रीपर मशीन के इस्तेमाल से फसल की कटाई तेजी से की जा सकती है जिससे किसान समय की बचत कर सकते हैं।
कल्टीवेटर कृषि यंत्र का उपयोग खेत की मिट्टी को ढीला और हवादार बनाने के लिए किया जाता है। इसे ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है। इसका उपयोग जुताई, खरपतवारों को हटाने ओर बीजों को लगाने के लिए तैयार करने के लिए किया जाता है। कल्टीवेटर कई प्रकार के आते हैं जिसमें कुछ रोटावेटर, कमानी टाइन कल्टीवेटर, कठोर टाइन कल्टीवेटर, बार–प्वाइंट कल्टीवेटर तथा डक फुट टाइप कल्टीवेटर शामिल हैं।
वाटर पंप या सोलर पंप द्वारा पानी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का काम किया जाता है। इससे खेतों में सिंचाई का काम आसान हो जाता है। वाटर पंप को बिजली या डीजल से चलाया जाता है। जबकि सोलर पंप को सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालित किया जाता है। वर्तमान में सरकार सोलर पंप को बढ़ावा दे रही है। इसके दो फायदे हैं एक तो स्वयं की बिजली बनाकर सिंचाई का काम कर सकते हैं और दूसरा अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच भी सकते हैं। सोलर पंप पर सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ भी किसानों को प्रदान किया जाता है।
खरीफ की खेती में काम आने वाले प्रमुख 10 कृषि यंत्र, उनके उपयोग व कीमत (खरीफ कृषि यंत्र लिस्ट)
क्र. | यंत्र का नाम | प्रमुख उपयोग | अनुमानित कीमत (₹) | विशेषता |
1. | ट्रैक्टर | सभी कृषि कार्यों में सहायक | ₹3,00,000 – ₹10,00,000 | मिनी ट्रैक्टर से लेकर हेवी ड्यूटी ट्रैक्टर उपलब्ध |
2. | सीड ड्रिल मशीन | बीजों की गहराई और दूरी से बुवाई | ₹30,000 – ₹1,50,000 | सटीक बुवाई, उत्पादन में वृद्धि |
3. | रोटावेटर | मिट्टी को भुरभुरा करने व जुताई के लिए | ₹60,000 – ₹1,80,000 | बेहतर जुताई, अंकुरण में सहायक |
4. | पावर वीडर | खरपतवार नियंत्रण | ₹40,000 – ₹1,20,000 | ट्रैक्टरविहीन क्षेत्रों में उपयोगी |
5. | मल्टी क्रॉप थ्रेशर | मड़ाई (धान, गेहूं, बाजरा आदि) | ₹70,000 – ₹2,50,000 | बहुफसली मड़ाई संभव |
6. | स्प्रेयर मशीन | कीटनाशक व उर्वरक छिड़काव | ₹2,000 – ₹25,000 | छोटे-बड़े खेतों के अनुसार विकल्प |
7. | हैपी सीडर | पराली के बिना गेहूं की बुवाई | ₹1,50,000 – ₹2,50,000 | पर्यावरण अनुकूल बुवाई |
8. | कल्टीवेटर | प्रारंभिक जुताई व मिट्टी की सतह तोड़ना | ₹25,000 – ₹90,000 | जलधारण क्षमता बढ़ाता है |
9. | रीपर मशीन | फसलों की तेज व कुशल कटाई | ₹60,000 – ₹2,00,000 | विशेष रूप से धान-गेहूं के लिए |
10. | वाटर / सोलर पंप | खेत की सिंचाई | ₹15,000 – ₹2,00,000 | ईंधन बचत, सरकारी सब्सिडी उपलब्ध |
नोट: उपरोक्त कीमतें बाजार, ब्रांड, पावर क्षमता और सब्सिडी पर निर्भर है, इसमें बदलाव संभव है।
ट्रैक्टर सहित खरीफ की खेती में काम आने वाले कृषि यंत्रों की सटीक कीमत जानने के लिए आप ट्रैक्टर जंक्शन की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं और ट्रैक्टर जंक्शन ऐप को भी डाउनलोड कर सकते हैं।
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