पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन से करें बुवाई, उत्पादन में होगी 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ोतरी

Share Product Published - 15 Jun 2021 by Tractor Junction

पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन से करें बुवाई,  उत्पादन में होगी 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ोतरी

जानें, क्या है पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन और इससे धान की रोपाई का तरीका

भारत में गेहूं के बाद धान की खेती बहुतायत में जाती है। दक्षिण भारत की प्रमुख फसलों में धान का महत्वपूर्ण स्थान है। वैसे तो यहां सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त सुविधा हो वहां धान की खेती आसानी से की जा सकती है। लेकिन पानी की कमी के कारण उत्तरी भारत के कई राज्य जहां धान की खेती होती थी, वहां के किसान इसे छोडऩे को मजबूर हैं। साथ ही राज्य सरकारें भी किसानों को धान की जगह अन्य फसलों की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इसके पीछे प्रमुख कारण पानी की कमी के साथ ही धान की फसल पर लागत अधिक आना और उत्पादन उस हिसाब से कम होना है। पर अब आधुनिक कृषि यंत्रों की सहायता से कम समय में धान की बुवाई की जा सकती है और उत्पादन भी अधिक मिलता है। धान की बुवाई के लिए विशेष रूप से बनाई गई पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन धान किसानों की इसमें सहायता कर सकती है। इस मशीन के प्रयोग से धान की बुवाई करना बेहद सरल है और इसमें उत्पादन भी अधिक प्राप्त किया जा सकता है। आइए जानतें हैं पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन के बारे उपयोग और लाभों के बारें में-

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क्या है पैडी ट्रांसप्लांटर

 

पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन की सहायता से धान की पौध की रोपाई की जाती है। इससे करीब 2 घंटे में एक एकड़ तक धान की रोपाई की जा सकती है। इस मशीन के कई मॉडल आते हैं जिनमें 4, 6,8 कतारों में धान की रोपाई करते हैं। इस मशीन से रोपाई करने पर समय की बचत होती है साथ ही पौधों की निश्चित दूरी होती है जिससे पौध सीधा और कतार में खड़ी रहती है। 


पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई से लाभ

जहां पैडी ट्रांसप्लांटर से धान रोपाई बहुत ही आसान है वहीं मशीन द्वारा 1 एकड़ की धान की रोपाई मात्र 2 से 3 घंटे में पूरी हो जाती है एवं अपेक्षाकृत लागत भी कम आती है। पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से मैट टाइप नर्सरी तैयार करने से उत्पादन में भी 10 से 12 प्रतिशत बढ़ोतरी भी होती है। पैडी ट्रांसप्लांटर से रोपाई करने में जहां कम श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है। वहीं इससे बीज की बचत एवं निंदाई, गुड़ाई एवं कटाई आदि कार्य भी आसानी से किए जा सकते हैं। 

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पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से धान की रोपाई का तरीका

नर्सरी तैयार करने की विधि बहुत ही सरल है सबसे पहले मेट टाइप नर्सरी तैयार करना होता है। पोलीथिन के ऊपर फ्रेम की सहायता से गीली मिट्टी डालकर बराबर मात्रा में अंकुरित धान को छिडक़ा जाता है इसके लिए प्रति एकड़ लगभग 7 से 8 किलो ग्राम धान के बीज की आवश्यकता होती है। नर्सरी 15 से 18 दिन में मशीन से रोपाई हेतु तैयार हो जाती है। मशीन रोपाई हेतु खेत की उथली मताई रोपा के 4 से 5 दिन पहले करनी होती है, 1 एकड़ धान की मशीन से रोपाई हेतु मात्र 2 से 3 घंटे का समय लगता है एवं 3 से 4 ही मजदूरों की आवश्यकता होती है। जबकि परंपरागत विधि से धान रोपाई में 15 से 20 मजदूर लगते हैं एवं लागत भी ज्यादा आती है।


पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन की कीमत और खर्चा

मशीन की कीमत ढाई लाख के करीब है, इसमें 4 हॉर्स पावर का इंजन है, एक घंटे में 600 ग्राम डीजल की खपत होती है। एक एकड़ की रोपाई में करीब 3 लीटर डीजल खर्च होता है। मशीन को चलाने के लिए एक ड्राइवर और 2 सहायकों की जरुरत होती है।


पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन पर सरकार से मिलता है अनुदान

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की ओर पैडी राइस ट्रांसप्लांटर से धान रोपाई करने पर सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। इसके तहत किसानों को 2 हेक्टेयर भूमि तक जुताई व मताई करके तैयार करनी होती है और उसमे मेट टाइप नर्सरी तैयार करनी होगी। उसके बाद किसानों को धान रोपाई का कार्य आधुनिक पैडी ट्रांसप्लांट मशीन द्वारा करवाना होगा। इसके बाद राज्य के किसानों को छतीसगढ़ सरकार की ओर से  3000 रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान राशि का लाभ दिया जाता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश में पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन पर सब्सिडी दी जाती है। इसके लिए मध्यप्रदेश राज्य की ओर से समय-समय पर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। किसान इसके तहत आवेदन करके सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। 


पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से धान की रोपाई करते समय ध्यान रखने वाली बातें

  • पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन में तीन पहिए होते हैं सडक़ पर चलने के लिए रबर का टायर, खेत में चलने के लिए लोहे की पहिया होती है। धान लगाने के लिए खेत तैयार करते समय ध्यान रखें कि खेत में पानी एक दिन पहले भरे पानी में जुताई करें और सारा पानी निकाल दें। मशीन कीचड़ में चलाएं। 
  • मशीन चलाने से पहले आगे लोहे का पहिया लगाएं और पीछे के दोनों पहिया निकाल देना चाहिए। मशीन एक बार में 8 लाइन लगाई जा सकती हैं। 
  • धान की बुवाई करने से पहले सबसे पहले खेत को समतल करके पानी भर दें। सवा मीटर चौड़ी और 3 मीटर लंबी पॉलीथिन पर एक बीघे का बैरन उगाया जा सकता है इसी हिसाब से जितना धान लगाना हो उस हिसाब से पॉलीथिन बिछाएं। 
  • पॉलीथिन से पॉलीथिन की दूरी 2 फीट रखें फिर 1 इंच चौड़े पटरी ले सवा मीटर पॉलिथीन पर दोनों किनारों पर रखकर गीली मिट्टी भर दें।
  • धान से धान की दूरी लगभग आधा अंगुल रखें, जिससे बैरन मोटा हो जाए इस तरह जब बैरन हो जाए तो दूसरे दिन स्प्रेयर से पानी का छिडक़ाव करें। 
  • छिडक़ाव के बाद उसे दूसरी पॉलीथिन से ढक दें चार दिन बाद ऊपर की पॉलीथिन हटा दें, पानी का छिडक़ाव छठे दिन करें फिर पानी लगा दें। 
  • इस तरह तीसरी बार पानी लगाएं। 18 से 20 दिन बाद बैरन पैडी ट्रांसप्लांटर में लगाने के लिए तैयार हो जाएगी। याद रखें, जब बैरन लगानी हो, उसमें पानी देना बंद कर दें, ताकि पौधे के साथ मिट्टी की परत न टूटे।


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