Published - 15 Jun 2021 by Tractor Junction
भारत में गेहूं के बाद धान की खेती बहुतायत में जाती है। दक्षिण भारत की प्रमुख फसलों में धान का महत्वपूर्ण स्थान है। वैसे तो यहां सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त सुविधा हो वहां धान की खेती आसानी से की जा सकती है। लेकिन पानी की कमी के कारण उत्तरी भारत के कई राज्य जहां धान की खेती होती थी, वहां के किसान इसे छोडऩे को मजबूर हैं। साथ ही राज्य सरकारें भी किसानों को धान की जगह अन्य फसलों की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इसके पीछे प्रमुख कारण पानी की कमी के साथ ही धान की फसल पर लागत अधिक आना और उत्पादन उस हिसाब से कम होना है। पर अब आधुनिक कृषि यंत्रों की सहायता से कम समय में धान की बुवाई की जा सकती है और उत्पादन भी अधिक मिलता है। धान की बुवाई के लिए विशेष रूप से बनाई गई पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन धान किसानों की इसमें सहायता कर सकती है। इस मशीन के प्रयोग से धान की बुवाई करना बेहद सरल है और इसमें उत्पादन भी अधिक प्राप्त किया जा सकता है। आइए जानतें हैं पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन के बारे उपयोग और लाभों के बारें में-
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पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन की सहायता से धान की पौध की रोपाई की जाती है। इससे करीब 2 घंटे में एक एकड़ तक धान की रोपाई की जा सकती है। इस मशीन के कई मॉडल आते हैं जिनमें 4, 6,8 कतारों में धान की रोपाई करते हैं। इस मशीन से रोपाई करने पर समय की बचत होती है साथ ही पौधों की निश्चित दूरी होती है जिससे पौध सीधा और कतार में खड़ी रहती है।
जहां पैडी ट्रांसप्लांटर से धान रोपाई बहुत ही आसान है वहीं मशीन द्वारा 1 एकड़ की धान की रोपाई मात्र 2 से 3 घंटे में पूरी हो जाती है एवं अपेक्षाकृत लागत भी कम आती है। पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से मैट टाइप नर्सरी तैयार करने से उत्पादन में भी 10 से 12 प्रतिशत बढ़ोतरी भी होती है। पैडी ट्रांसप्लांटर से रोपाई करने में जहां कम श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है। वहीं इससे बीज की बचत एवं निंदाई, गुड़ाई एवं कटाई आदि कार्य भी आसानी से किए जा सकते हैं।
नर्सरी तैयार करने की विधि बहुत ही सरल है सबसे पहले मेट टाइप नर्सरी तैयार करना होता है। पोलीथिन के ऊपर फ्रेम की सहायता से गीली मिट्टी डालकर बराबर मात्रा में अंकुरित धान को छिडक़ा जाता है इसके लिए प्रति एकड़ लगभग 7 से 8 किलो ग्राम धान के बीज की आवश्यकता होती है। नर्सरी 15 से 18 दिन में मशीन से रोपाई हेतु तैयार हो जाती है। मशीन रोपाई हेतु खेत की उथली मताई रोपा के 4 से 5 दिन पहले करनी होती है, 1 एकड़ धान की मशीन से रोपाई हेतु मात्र 2 से 3 घंटे का समय लगता है एवं 3 से 4 ही मजदूरों की आवश्यकता होती है। जबकि परंपरागत विधि से धान रोपाई में 15 से 20 मजदूर लगते हैं एवं लागत भी ज्यादा आती है।
मशीन की कीमत ढाई लाख के करीब है, इसमें 4 हॉर्स पावर का इंजन है, एक घंटे में 600 ग्राम डीजल की खपत होती है। एक एकड़ की रोपाई में करीब 3 लीटर डीजल खर्च होता है। मशीन को चलाने के लिए एक ड्राइवर और 2 सहायकों की जरुरत होती है।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की ओर पैडी राइस ट्रांसप्लांटर से धान रोपाई करने पर सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। इसके तहत किसानों को 2 हेक्टेयर भूमि तक जुताई व मताई करके तैयार करनी होती है और उसमे मेट टाइप नर्सरी तैयार करनी होगी। उसके बाद किसानों को धान रोपाई का कार्य आधुनिक पैडी ट्रांसप्लांट मशीन द्वारा करवाना होगा। इसके बाद राज्य के किसानों को छतीसगढ़ सरकार की ओर से 3000 रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान राशि का लाभ दिया जाता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश में पैडी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन पर सब्सिडी दी जाती है। इसके लिए मध्यप्रदेश राज्य की ओर से समय-समय पर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। किसान इसके तहत आवेदन करके सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
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