प्रकाशित - 20 May 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
भारत में कृषि यंत्रों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (NRFMTTI), हिसार (हरियाणा) को अब ट्रैक्टर (Tractor) और कंबाइन हार्वेस्टर की परीक्षण सुविधा के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR) के तहत आधिकारिक मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही संस्थान को राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) से भी मान्यता प्राप्त हो गई है, जो परीक्षण की क्वालिटी और इसकी अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता को दिखाता है।
NRFMTTI, हिसार जो वर्षों से कृषि मशीनरी के प्रशिक्षण, परीक्षण और प्रमाणीकरण के क्षेत्र में काम कर रहा है, अब CMVR के तहत ट्रैक्टरों और कंबाइन हार्वेस्टरों की टेस्टिंग/परीक्षण के लिए अधिकृत एजेंसी बन गया है। यह सुविधा खास तौर पर उन मशीनों के लिए महत्वपूर्ण है जो फसलों की कटाई और थ्रेसिंग जैसे कार्यों में उपयोग होती हैं। अब निर्माताओं को अपने उत्पादों की टेस्टिंग के लिए अन्य राज्यों या विदेशों में जाने की जरूरत नहीं होगी। यह कदम ना सिर्फ संस्थान की क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी पहल को भी मजबूती देता है। अब देश में ही विश्वस्तरीय टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध होने से भारत में निर्मित ट्रैक्टर और हार्वेस्टरों की क्वालिटी और प्रतिस्पर्धा दोनों बेहतर होगी।
इस मंजूरी से विशेष रूप से उत्तर भारत के ट्रैक्टर और हार्वेस्टर निर्माताओं को लाभ मिलेगा। अब ये कंपनियां अपने उत्पादों का CMVR प्रमाणन स्थानीय स्तर पर ही प्राप्त कर सकेंगी, जिससे उनकी लॉजिस्टिक्स लागत में कटौती होगी और प्रमाणीकरण प्रक्रिया भी तेज होगी। साथ ही, NABL द्वारा प्रमाणित परीक्षणों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वीकार्यता होती है, जिससे भारतीय मशीनरी निर्माताओं को ग्लोबल मार्केट में अपने उत्पादों को प्रमोट करने में सुविधा होगी। छोटे और मध्यम स्तर के निर्माता, जो अब तक महंगे परीक्षण (Testing) विकल्पों के कारण पिछड़ जाते थे, उन्हें भी यह सुविधा आगे बढ़ने का मौका दे सकती है। यदि यह सुविधा पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संचालित होती है, तो यह पूरे कृषि यंत्र (Agricultural Machinery) क्षेत्र के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है।
हालांकि इस कदम को पूरे कृषि यंत्र उद्योग के लिए उत्साहवर्धक माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि परीक्षण/टेस्टिंग प्रक्रिया कितनी पारदर्शी होती है। कुछ जानकारों ने इस बात पर भी जोर दिया है कि यह सुविधा केवल बड़ी कंपनियों तक सीमित न रह जाए, बल्कि इसे छोटे और क्षेत्रीय स्तर के निर्माताओं तक भी पहुंचाया जाए। इसके लिए संस्थान को सरल प्रक्रिया, कम शुल्क और तकनीकी सहायता जैसे प्रावधानों पर भी काम करने की आवश्यकता है।
यह मंजूरी भारत के कृषि तकनीकी क्षेत्र में एक नई शुरुआत के तौर पर देखी जा रही है। ट्रैक्टर और हार्वेस्टर जैसे कृषि यंत्रों/मशीनों का सही और मानकीकृत टेस्टिंग न केवल किसानों को बेहतर उत्पाद देगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि भारत में बनी मशीनें अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों पर खरी उतरें। इससे भविष्य में निर्यात बढ़ने, स्थानीय रोजगार सृजन और कृषि मशीनीकरण के प्रसार में भी सहायता मिलेगी। हिसार स्थित NRFMTTI को मिली यह मंजूरी भारत के कृषि यंत्र क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है। यदि इसका क्रियान्वयन समावेशी, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त तरीके से किया गया, तो यह न केवल किसानों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, बल्कि भारत को कृषि तकनीकी हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित होगा।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों वीएसटी ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।