प्रकाशित - 09 Jun 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
मानसून की बारिश के साथ ही धान की खेती का सीजन आ जाएगा। किसान अपने खेत में खरीफ की मुख्य फसल धान की बुवाई के काम में लग जाएंगे। किसानों को धान की बुवाई के काम में आसानी हो, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से धान की बुवाई की डीएसआर तकनीक पर आधारित डायरेक्ट राइस सीडर मशीन पर सब्सिडी दी जा रही है। प्रदेश के जो किसान सब्सिडी पर डायरेक्ट राइस सीडर की खरीद करना चाहते हैं, उन किसानों के लिए यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण है, इसे ध्यान से पढ़े, इसमें हम आपको बताएंगे क्या है डीएसआर मशीन, इस पर कितनी मिल रही है सब्सिडी, इसके लिए कैसे करना है आवेदन, तो आइए जानते हैं, इसके बारे में पूरी जानकारी।
डायरेक्ट राइस सीडर (DSR) का अर्थ है, धान की सीधी बुवाई करना। इस विधि में नर्सरी या पौधरोपण की जरूरत नहीं होती है। डीएसआर मशीन को ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है। इस मशीन की सहायता से बीज को सीधा खेत में बो दिया जाता है। यह पारंपरिक धान की बुवाई की तुलना में अधिक बेहतर है, क्योंकि इसमें पानी की बचत होती है। जबकि पारंपरिक रूप से धान की खेती में बहुत अधिक पानी की जरूरत होती है। वर्तमान में गिरते जल स्तर व पानी की कमी को देखते हुए यह विधि आज की आवश्यकता है। इस मशीन की खास बात यह है कि यह खेत में बिना पानी जमा किए धान की बुवाई आसानी से कर सकती है।
डायरेक्ट राइस सीडर मशीन से धान की बुवाई करने के लिए सबसे पहले खेत को अच्छी तरह समतल किया जाता है। इसके बाद डीएसआर मशीन की सहायता से बीजों को विशेष रूप से उपचारित किया जाता है, जिससे वे अच्छी तरह से अंकुरित हो सकें। इसके बाद ट्रैक्टर से जुड़ी इस डीएसआर मशीन को खेत में ले जाया जाता है। इसके बाद बीज को मशीन में डाला जाता है। मशीन खेत में दौड़ती है और बीज को समान रूप में कतार में बोती चली जाती है। बुवाई के बाद खेत में उचित मात्रा में पानी दिया जाता है ताकि बीजों का अंकुरण सही से हो सके। इस मशीन से श्रम और समय की बचत होती है।
कृषि अभियांत्रिकी विभाग, मध्यप्रदेश की ओर धान सहित अन्य फसलों की बुवाई के लिए कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। इसके तहत डीएसआर मशीन पर सब्सिडी दी जा रही है। एमपी में किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए कई याजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसमें महिला तथा पुरुष वर्ग, जाति वर्ग एवं जोत श्रेणी के अनुसार किसानों को अलग–अलग सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है। इसमें किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। प्रदेश के जो किसान कृषि यंत्र पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, वे किसान ई–कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर उपलब्ध सब्सिडी कैलकुलेटर के जरिये कृषि यंत्र की लागत के अनुसार उनको मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी देख सकते हैं।
बाजार में अलग–अलग कंपनियों की डायरेक्ट राइस सीडर मशीन (DSR) उपलब्ध है। ऐसे में उनके फीचर्स और स्पेसिफिकेशन के हिसाब से उनकी कीमत अलग–अलग होती है। यदि बात करें जगतजीत डीएसआर मशीन की तो इसकी कीमत करीब 1.15 लाख से 1.28 लाख* रुपए तक है। ऐसे में यदि किसानों को इस पर अधिकतम 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है तो उन्हें यह मशीन लगभग आधी कीमत में मिल सकती है।
मध्यप्रदेश में किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र लेने के लिए धरोहर राशि के रूप में डिमांड ड्राफ्ट (DD) देना होता है। ऐसा इसलिए कि सरकार चाहती है कि योजना के तहत वही किसान आवेदन करें जो वास्तव में कृषि यंत्र की खरीद करना चाहते हैं। राज्य के इच्छुक किसान जो सब्सिडी पर डीएसआर मशीन की खरीद करना चाहते हैं, वे डीएसआर मशीन के लिए निर्धारित 3,000 रुपए की धरोहर राशि का डिमांड ड्राफ्ट यानी डीडी बनवाकर इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदक किसान को डीडी जिले के सहायक कृषि यंत्री के नाम से बनाकर स्कैन करके पोर्टल पर अपलोड करना होगा। किसानों को यह डिमांड ड्राफ्ट स्वयं के खाते से बनवाना होगा। पंजीयन में डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) निश्चित राशि से कम होने पर आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
डायरेक्ट राइस सीडर मशीन (DSR) के लिए आवेदन हेतु किसानों को कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत होगी। इन दस्तावेजों की आवश्यकता किसानों को आवेदन करते समय एवं प्रक्रिया में चयन होने के बाद सत्यापन के समय रहेगी। यह दस्तावेज इस प्रकार से हैं–
मध्यप्रदेश के किसान जो इस मशीन के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें मध्यप्रदेश कृषि अभियांत्रिकी विभाग के ई–कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए अभी अंतिम तारीख का निर्धारण नहीं किया गया है। ऐसे में किसानों को इसके लिए जल्द आवेदन करना चाहिए, क्योंकि योजना सीमित समय और बजट के अनुसार चलती है। जो किसान पहले पोर्टल पर पंजीकृत हैं वे आधार ओटीपी के माध्यम से लॉगिन करके आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। वहीं वे किसान जिन्होंने अभी तक पोर्टल पर अपना पंजीकरण नहीं किया है। उन किसानों को एमपी ऑनलाइन या सीएससी सेंटर पर जाकर बायोमैट्रिक आधार अथेन्टिकेशन के माध्यम से अपना पंजीकरण करना होगा। इसके बाद किसान कृषि यंत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने ब्लॉक या जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
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