प्रकाशित - 21 May 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी किसानों के लिए नई–नई योजनाएं लागू करके किसानों की आय बढ़ाना और खेती को आसान बनाने में किसान की सहायता कर रही हैं। इसी कड़ी में खेती में किसानों की आमदनी बढ़ाने और कर्ज के बोझ से राहत दिलाने के उ्देश्य से राज्य सरकार किसानों के हित में एक नई योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों को सस्ती दरों पर कृषि ऋण (Cheap Agriculture Loan) उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस नई योजना के जरिये किसान खेती में अधिक पूंजी निवेश कर सकेंगे और अपनी कृषि उत्पादकता व आमदनी में भी बढ़ोतरी कर सकेंगे। इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री ने "मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना" (Mukhyamantri Krishak Samriddhi Yojana) शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यह योजना विशेष रूप से लघु एवं सीमांत किसानों के आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए तैयार की जा रही है।
दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मई को सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में योजना का प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने और नाबार्ड व सहकारी बैंकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उन्होंने सहकारी बैंकों की ऋण वितरण क्षमता बढ़ाने, शाखाओं का आधुनिकीकरण करने और किसानों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय सहायता देने को कहा है। सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि सहकारी संस्थाएं किसानों के लिए टेक्नोलॉजी, लोन और मार्केटिंग तक की पहुंच सुनिश्चित करें ताकि किसान आत्मनिर्भर बन सकें। सहकारिता के माध्यम से प्रदेश में कृषक समृद्धि को प्राथमिकता दी जाएगी।
बैठक में बताया गया कि उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक का ऋण वितरण 2017 के ₹9,190 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2025 तक ₹23,061 करोड़ हो गया है। इसी अवधि में जिला सहकारी बैंकों का व्यवसाय ₹41,234 करोड़ तक पहुंचा और ₹162 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ। पिछले आठ वर्षों में फसली ऋण (Crop Loan) ₹11,516 करोड़ और दीर्घकालिक ऋण ₹393 करोड़ वितरित किए गए।
सरकार एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत गोदाम निर्माण पर भी जोर दे रही है। अब तक 1.17 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता सृजित की जा चुकी है। वर्ष 2025–26 तक 100 और नए गोदाम बनने प्रस्तावित हैं। साथ ही, देश की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अंतर्गत 16 जिलों में 500–100 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम प्रस्तावित हैं।
मुख्यमंत्री ने सहकारी बैंकों और संस्थाओं में रिक्त पदों की आईबीपीएस के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं। इससे संस्थाओं की कार्यक्षमता और सेवा गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके साथ ही पीसीएफ की कार्यप्रणाली में बदलाव और राइस मिलर्स को त्वरित भुगतान के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सहकारिता ही किसानों की समृद्धि की कुंजी है। ऐसे में निजी क्षेत्र की भागीदारी से भंडारण व विपणन में सहयोग लेने की नीति तैयार की जाएगी और सहकारी संस्थाओं को सशक्त, पारदर्शी और किसान केंद्रित बनाया जाएगा। “मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना” यूपी सरकार का एक मजबूत प्रयास है, जो किसानों को कर्ज से राहत, अधिक उत्पादन और आर्थिक स्थायित्व देने की दिशा में आगे बढ़ेगा। यह योजना किसानों के लिए एक बड़ी राहत और नए अवसरों का द्वार खोल सकती है।
मीडिया रिपाेर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना का संचालन सहकारी ग्राम विकास बैंक के माध्यम से किया जाएगा। बैंक की ओर से किसानों को लंबी अवधि का ऋण कम ब्याज पर दिया जाएगा। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार ब्याज पर अनुदान देगी जिससे किसानों को कम ब्याज पर ऋण मिल सकेगा। यह दीर्घकालीन ऋण किसानों को 5 या उससे अधिक वर्ष के लिए दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि सहकारिता विभाग ने मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। बता दें कि सहकारी ग्राम विकास बैंक को नाबार्ड से करीब 8 प्रतिशत की ब्याज दर से ऋण मिलता है। वहीं बैंक द्वारा किसानों को प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण वितरित किया जाता है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार की ओर से ब्याज पर सब्सिडी का लाभ दिए जाने से योजना के तहत किसानों के यह ऋण अधिकतम तीन से पांच प्रतिशत की दर पर उपलब्ध हो सकेगा।
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