ज्यादा दूध देने वाली भैंस की टॉप 4 नस्ल : मुर्रा, जाफरबादी, भदावरी और सूरती भैंस की पूरी जानकारी

Share Product प्रकाशित - 05 Jun 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

ज्यादा दूध देने वाली भैंस की टॉप 4 नस्ल : मुर्रा, जाफरबादी, भदावरी और सूरती भैंस की पूरी जानकारी

जानें, भैंस की इन टॉप 4 नस्लों की विशेषता, लाभ और कीमत

हमारे देश में खेती के साथ-साथ पशुपालन की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। यहां किसान खेती के साथ पशुपालन करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पशुपालन के लिए नई-नई नस्लों की गाय व भैंस के पालन पर जोर दिया जा रहा है। गाय व भैंस की कई ऐसी किस्में हैं जो अधिक दूध देती हैं। डेयरी उद्योग के लिए तो ये नस्लें काफी लाभकारी साबित हो रही हैं। गाय की अपेक्षा भैंस के दूध को ज्यादा पसंद किया जाता है। इसके पीछे कारण ये है कि भैंस का दूध गाय के दूध की अपेक्षा अधिक गाढ़ा होता है। इसमें वसा की मात्रा भी ज्यादा होती है। हालांकि भैंस के दूध से ज्यादा गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए अधिक गुणकारी होता है। खैर यहां हम बात कर रहे हैं भैंस की ऐसी उन्नत नस्लों के बारे में जिनसे अधिक दूध प्राप्त किया जा सकता है, तो बता दें कि भैंस की कई ऐसी उन्नत नस्ले हैं जिनसे काफी अच्छा दुग्धोत्पादन प्राप्त करके बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है।

Buy Used Tractor

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को भैंस की चुनिंदा 4 नस्लों की जानकारी दे रहे हैं जो अधिक दूध देने के लिए देशभर में जानी जाती है, तो आइये जानते हैं भैंस की इन टॉप 4 नस्लों के बारे में।

1.  मुर्रा नस्ल

भैंस की मुर्रा नस्ल (Murrah Breed of Buffalo) अधिक दूध देने वाली नस्ल मानी जाती है। भारत में बहुत से पशुपालक इसे पालकर काफी अच्छा लाभ कमा रहे हैं। इसके दूध देने की क्षमता अन्य सभी देसी नस्लों से अधिक होती है। इसके पालन के लिए मध्यप्रदेश सरकार की ओर से इस नस्ल की खरीद पर सब्सिडी भी दी जा रही है। इस भैंस की खासियत यह है कि इसका दूध गाढ़ा होता है इसमें वसा की मात्रा 7 प्रतिशत पाई जाती है। इस भैंस का रंग काला होता है। हरियाणा में इसे काला सोना भी कहा जाता है। भारत में इस भैंस का सबसे अधिक पालन हरियाणा और पंजाब में किया जाता है। इतना ही नहीं इसके दूध की बेहतर क्वालिटी के कारण इसे इटली, बुल्गारिया, मिस्र आदि देशों में भी पाला जाने लगा है।

मुर्रा भैंस की विशेषता, लाभ और कीमत

इसका रंग स्याह काला होता है। इसके सींग जलेबी के आकार के होते हैं यानि गोल मुड़े हुए होते हैं। मुर्रा भैंस का सिर छोटा व सींग छल्ले के आकार के होते हैं। इसकी पूंछ लंबी और पिछला हिस्सा सुविकसित होता है। इसके सिर, पूंछ और पैर पर सुनहरे रंग के बाल पाये जाते हैं। मुर्रा भैंस की गर्भा अवधि 310 दिन की होती है। यदि इसकी सही तरीके से देखभाल की जाए तो यह भैंस प्रतिदिन 20 से 30 लीटर तक दूध देती है। इसके दूध के भाव काफी अच्छे मिलते हैं। यदि बात की जाए इसकी कीमत की तो मुर्रा भैंस की कीमत बाजार में काफी ऊंची होती है। आमतौर पर इसकी कीमत 50,000 रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक हो सकती है। मुर्रा भैंस की कीमत इसकी दूध देने की मात्रा पर निर्भर करती है।

2.  जाफराबादी भैंस

जाफराबादी नस्ल की भैंस भी अधिक दूध देने वाली नस्लों में शामिल है। इसका मूल स्थान गुजरात का जाफराबाद है। इसके कारण ही इसका नाम जाफराबादी भैंस हो गया है। यह भैंस प्रतिदिन 30 लीटर तक दूध दे सकती है। यह भैंस वजन में काफी भारी होती है। दूध का व्यवसाय करने वाले लोगों के लिए भैंस की यह नस्ल काफी अच्छी मानी जाती है। डेयरी उद्योग के लिए भी यह नस्ल काफी अच्छी है।

जाफराबादी भैंस की विशेषता, लाभ और कीमत

जाफराबादी नस्ल की भैंस का मुंह छोटा होता है। इसके सींग घुमावदार होते हैं। इसका रंग काला होता है और इसकी त्वचा ढीली होती है। इस नस्ल की भैंस के माथे पर सफेद निशान होता है। यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है। यह भैंस वजन में अन्य प्रजाति की भैसों से ज्यादा भारी होती है। इसका वजन 800 किलोग्राम से लेकर 1 टन तक होता है। इसका रंग काला होता है। यह भैंस अन्य नस्लों की भैंस से ज्यादा दिन तक दूध देती है। यह भैंस हर साल बच्चा देती है जो डेयरी उद्योग के लिए फायदेमंद होता है। इसका दूध बेचकर या इस नस्ल की भैंस को बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस भैंस की कीमत 50 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक होती है।

3.  भदावरी भैंस

भैंस की भदावरी नस्ल भी अधिक दूध देने वाली नस्लों में शुमार है, हालांकि यह नस्ल मुर्रा नस्ल की भैंस से थोड़ा कम दूध देती है, लेकिन इसका दूध घी बनाने के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इस भैंस का नाम भदावरी कैसे पड़ा इसके पीछे भी एक किस्सा है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले इटावा, आगरा, भिंड, मुरैना तथा ग्वालियर जनपद में कुछ हिस्सों को मिलाकर एक छोटा सा राज्य था जिसे भदावर कहते थे। भैंस की ये नस्ल भदावर क्षेत्र में विकसित होने से इसका नाम भदावरी पड़ गया। वर्तमान में इस नस्ल की भैंस आगरा की बाह तहसील, भिंड के भिंड तथा अटेर तहसील, इटावा, औरैय्या तथा जालौन जिलों में पाई जाती है।

Buy Mahindra 575 DI

भदावरी भैंस की विशेषता, लाभ और कीमत

इस नस्ल की भैंस का आकार मध्यम होता है। इसके शरीर पर बहुत कम बाल होते हैं। इसकी टांगे छोटी और मजबूत होती है। इसके सींग तलवार के आकार के होते हैं। इसकी गर्दन के निचले भाग पर दो धारियां पाई जाती है जिन्हें कंठ माला कहा जाता है। इसके अयन का रंग गुलाबी होता है। इस नस्ल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह नस्ल कठिन परिस्थितियों में रहने की क्षमता रखती है। भैंस की यह नस्ल अधिक गर्म और आर्द्र जलवायु में भी आराम से रह सकती है। इतना ही नहीं इस नस्ल की भैंस को जो भी मिल जाए उसे खाकर अपना गुजारा कर सकती है। इस नस्ल में खाद्य परिवर्तन की क्षमता अन्य नस्लों से अधिक होती है। इस नस्ल की भैंस प्रतिदिन औसतन 5 से 6 किलोग्राम दूध देती है। यदि अच्छी तरह रखरखाव व पौष्टिक खुराक दी जाए तो इससे 8 से 10 किलोग्राम तक प्रतिदिन दूध प्राप्त किया जा सकता है। भदावरी भैंस की कीमत 60 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक होती है।

4.  सूरती भैंस

भैंस की अधिक दूध देने वाली नस्लों में सूरती भैंस भी आती है। यह भैंस गुजरात के चारोतर पथ में पाई जाती है। यह स्थान माही और साबरमती नदियों के बीच पाया जाता है। इस नस्ल के सबसे अच्छे पशु गुजरात के आणंद, बडौदा और कैरा जिलों में मिलते हैं। इस भैंस को सूरती के अलावा चारोटारी, दक्कनी, गुजराती आदि नामों से जाना जाता है। इस नस्ल की खास बात ये है कि ये नस्ल वजन में हल्की होती है। इसका सिर लंबा होता है। इससे यह भैंस की अन्य नस्लों की तुलना में कम फीड का उपयोग करती है। इसका पालन करके भी अच्छी दूध प्राप्त किया जा सकता है।

सूरती भैंस की विशेषता, लाभ और कीमत

इस नस्ल की भैंस की रंग रस्टी ब्राउन से सिल्वर ग्रे या ब्लैक तक होता है। इसके दूध में वसा की उच्च मात्रा पाई जाती है। यह नस्ल सीमित सुविधाओं और संसाधन में भी दूध का अच्छा उत्पादन देती है। इसकी फीड आवश्यकता भी अन्य नस्लों से कम होती है, ऐसे में इसके खान पान पर लागत कम आती है। यह नस्ल कम भूमि वाले छोटे व सीमांत किसानों के लिए लाभकारी है। सूरती भैंस का वजन 400 से 410 किलोग्राम तक होता है। इसके दूध में 8 से लेकर 12 प्रतिशत तक वसा पाई जाती है। इस नस्ल की भैंस एक ब्यात में 900 से लेकर 1300 लीटर तक दूध देती है। सूरती भैंस की बाजार में कीमत 30 हजार रुपए या इससे ज्यादा होती है।

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों स्टैंडर्ड ट्रैक्टरसेलस्टियल ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

हमसे शीघ्र जुड़ें

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back