प्रकाशित - 17 May 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Goat-Sheep Rearing Training 2025 : पशुधन आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी के उद्देश्य से कृषि विज्ञान केंद्र, पोकरण की ओर से बकरी एवं भेड़ पालन पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 19 मई से 25 मई 2025 तक आयोजित होगा, जिसमें पशुपालन से जुड़े कई वैज्ञानिक पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रमाण–पत्र भी दिया जाएगा जो लाभार्थी को बैंक लोन, बीमा और सब्सिडी प्राप्त करने में सहायता करेगा।
भेड़-बकरी पालन एक पारंपरिक व्यवसाय होते हुए भी आज के समय में अच्छी संभावनाओं वाला बिजनेस बन चुका है। इसे कम पूंजी में शुरू कर पशुपालक नियमित आय प्राप्त कर सकते हैं। प्रशिक्षण में व्यवसाय का महत्व, प्रमुख नस्लों की पहचान, उनकी खासियत, आवास प्रबंधन, आहार व्यवस्था, स्वास्थ्य सुरक्षा और प्रजनन संबंधी समस्याओं का समाधान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम में विशेष रूप से अजोला एवं साइलेज तकनीक पर केंद्रित सत्र पशुपालकों को बताएंगे कि कैसे ये नवाचार चारे की लागत घटाकर लाभ को बढ़ा सकते हैं। साथ ही नवजात बच्चों को कोलस्ट्रम पिलाने के फायदे, टीकाकरण, और कर्मीनाशक दवाओं का सही उपयोग भी प्रशिक्षण में सिखाया जाएगा।
प्रशिक्षण में खास तौर पर बकरियों में बांझपन के कारण और उनका प्रबंधन के विषय पर जानकारी दी जाएगी, क्योंकि यह समस्या आज भी कई पशुपालकों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिससे उनकी आमदनी प्रभावित होती है। इस प्रशिक्षण में प्रजनन से संबंधित समस्याओं की पहचान, उनके उपचार के वैज्ञानिक तरीके और रोकथाम के उपायों पर व्याख्यान दिए जाएंगे। इसी तरह भेड़-बकरियों में सामान्य और मौसमी बीमारियों की पहचान, लक्षण और उनका स्थानीय स्तर पर प्रबंधन कैसे किया जाए, इस पर भी व्यावहारिक जानकारी दी जाएगी।
प्रशिक्षण में सिर्फ तकनीकी ज्ञान ही नहीं बल्कि सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। कई पशुपालक आज भी राष्ट्रीय पशुधन मिशन, मुद्रा योजना, पशुधन बीमा योजना जैसी सरकारी सहायता योजनाओं से अनजान हैं या उचित जानकारी के अभाव में लाभ नहीं उठा पाते। कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. दशरथ ने बताया कि इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अक्सर प्रशिक्षण अनुभव प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होती है, जो इस कार्यक्रम में भाग लेने वालों को प्रदान किया जाएगा। इसका सीधा लाभ उन्हें बैंक ऋण, बीमा और अनुदान प्राप्त करने में मिलेगा। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य पशुधन बाहुल्य क्षेत्रों में पशु उत्पादकता को बढ़ाना, पारंपरिक पद्धतियों में सुधार लाना और पशुपालकों को आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ना है।
जो किसान, युवा, महिला उद्यमी और पशुपालक प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं, वे कृषि विज्ञान केंद्र, पोकरण के फेसबुक पेज पर जाकर ऑनलाइन लिंक के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। साथ ही, इच्छुक प्रतिभागी सीधे केंद्र पर जाकर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी कर सकते हैं। यह प्रशिक्षण न केवल पशुपालकों को तकनीकी ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण देगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा। जो पशुपालक अपनी आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ पशुओं की देखभाल में सुधार लाना चाहते हैं, उनके लिए यह प्रशिक्षण बहुत ही उपयोगी और व्यावसायिक अवसरों से भरपूर रहेगा।
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