जीरो टिलेज सीड मशीन : गेहूं की बुवाई में करें प्रयोग, प्रति एकड़ 4-5 हजार रुपए की बचत

Share Product Published - 29 Oct 2020 by Tractor Junction

जीरो टिलेज सीड मशीन : गेहूं की बुवाई में करें प्रयोग, प्रति एकड़ 4-5 हजार रुपए की बचत

जानें, कैसे होती है जीरो टिलेज मशीन से बुवाई और क्या रखें सावधानी

यह समय गेहूं की बुवाई का है। इस समय कई जगह पर गेहूं की फसल की बुवाई का कार्य चल रहा है और ये अभी नवंबर माह तक जारी रहेगा। गेहूं की बुवाई के पहले किसानों को कई बार खेत की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बनाने का कार्य करना पड़ता है। इसमें किसान को ट्रैक्टर से एक से लेकर तीन-चार जुताई करनी पड़ती है। इसमें उसका समय और खर्चा दोनों लगता है। यदि ट्रैक्टर किराये का हो तो ये खर्चा और भी अधिक बैठता है। इस भारी-भरकम खर्च को कैसे कम किया जाए। आज हम इसी विषय पर आपको बताने वाले हैं ताकि आपके श्रम और पैसे दोनों की बचत हो सके और उत्पादन भी अधिक हो। तो आज हम किसान भाइयों को गेहूं की बुवाई में काम आने वाली जीरो टिलेज सीड मशीन के बारे में बताएंगे कि इसका उपयोग करके आप कैसे कम समय और कम खर्च पर अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं इस मशीन के बारे में कि ये मशीन किस प्रकार हमारे किसान भाइयों के लिए मददगार साबित हो सकती है।

 

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कैसे होती है जीरो टिलेज सीड मशीन से बुवाई

जीरो टिल सीड कम फर्टी ड्रिल से गेहू की बुआई धान की कटाई के तुरंत बाद नमी का उपयोग करके बिना जुते हुए खेत में एक निश्चित गहराई मे मिट्टी के नीचे खाद तथा बीज को लाइन में बनाए गए कूड़ों में रखना इस मशीन का मुख्य कार्य है। इस मशीन में बीज बक्सा, खाद बक्सा, बीज की मात्रा सेट करनें वाला लीवर, बीज का आकार सेट करनें वाला लीवर, धरातल पहिया एवं फार मुख्य भाग होते हैं। जीरो टिलेज सीड मशीन में कम चौड़े हल लगे होते हैं। मशीन के एक भाग में बीज और दूसरे भाग में खाद होती है, जो नीचे हल तक पहुंचते हैं। करीब दो से तीन इंच की चौड़ाई में मशीन जमीन को खोदती है और उसमें बीज बो दिया जाता है। मशीन से बिना जुताई किए बुवाई होती है।

 


जीरो टिलेज सीड मशीन से बुवाई करने से होने वाले लाभ

  • इस मशीन से एक ही गहराई पर बीज बोने से समय पर अच्छा जमाव होता है साथ ही साथ समय की बचत भी होती है। वहीं खेत की जुताई में आने वाला खर्चा बचता है जिससे प्रति एकड़ 4 से 5 हजार रुपए की बचत होगी।
  • लाइन में फसल होनें के कारण सिंचाई, निराई, कटाई आदि आसानी से होती है। इस मशीन की सहायता से धान व जौ की फसलों की बुवाई भी की जा सकती है।
  • जीरो टिलेज तकनीक से बिजाई करने के बाद गेहूं की फसल पीली नहीं पड़ती और न ही गिरती है साथ ही बारिश में पपड़ी नहीं बनती।
  • जीरो टिलेज मशीन में बीज, खाद नापने की आधुनिक तकनीक दी गई है ताकि सीड व खाद बराबर मात्रा खेत में गिरे।

 

जीरो टिलेज सीड मशीन के उपयोग में क्या रखें सावधानियां

  • बीज और खाद पूर्व निर्धारित स्थान पर ही बोए जाने चाहिए तथा नलियों में कोई रूकावट नहीं होनी चाहिए ताकि बीज या खाद गिरने में आसानी रहे।
  • बुआई के समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मशीन को मोड़ते समय उसकी फालियां ऊपर उठी हो अन्यथा इसमें टूट फूट हो सकती है।
  • खेत में कम नमी होने की दशा में हल्का पाटा लगाएं और फिर बुवाई करें।
  • यदि खेत के शुष्क होने की संभावना हो तो धान की कटाई से पूर्व हल्की सिंचाई कर देना चाहिए। उचित नमी पर बुआई करने पर अच्छा जमाव होता है।
  • बुवाई करते समय बीज की गहराई 3-5 सेमी. रखनी चाहिए।


जीरो टिलेज सीड मशीन का प्राप्ति स्थान, कीमत व सब्सिडी

यह मशीन कृषि यंत्र विक्रय केन्द्रों पर मिल जाती है। मशीन को किराए पर भी लिया जा सकता है। इसके अलावा राज्य सरकारे भी अनुदान पर इसे किसानों को उपलब्ध कराती है। इस पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत सब्सिडी तक मिलती है। यह सब्सिडी अलग-अलग राज्यों के नियमानुसार अलग-अलग हो सकती है। अब बात करें इसकी कीमत की तो इसकी अनुमानित कीमत 40 हजार रुपए से लेकर 55 हजार रुपए हो सकती है।

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