Published - 24 Aug 2021 by Tractor Junction
बिहार में मशरूम उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य के किसानों को इसकी खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से मशरूम प्रशिक्षण का कार्यक्रम का आयोजन एक सितंबर 2021 से शुरू किया जाएगा। प्रशिक्षण लेने के इच्छुक व्यक्ति 25 अगस्त तक अपना पंजीकरण करा सकते हैं। यदि विश्वविद्यालय की ओर से निर्धारित अभ्यार्थियों की संख्या पूर्ण नहीं होती है तो इस तिथि के बाद भी विश्वविद्यालय की ओर से आवेदन लिए जा सकते हैं।
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पिछले कुछ वर्षों से मशरूम की खेती को सरकार द्वारा काफी बढ़ाया दिया जा रहा है क्योंकि यह किसानों की आमदनी बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। किसानों को मशरूम उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार मशरूम की खेती पर सब्सिडी एवं प्रशिक्षण भी देती है। नई तरह की फसल होने के कारण एवं अलग-अलग तरह के मशरूम के उत्पादन के लिए किसानों के लिए प्रशिक्षण लेना जरूरी हो जाता है ताकि किसान इसका उत्पादन बिना किसी नुकसान के कर सकें। साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों मशरूम की खेती के लिए ट्रेनिंग के अलावा उसके विभिन्न उत्पाद तैयार करने के लिए भी प्रशिक्षण देती है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही उद्यम स्थापित किए जा सकें। मशरूम की खेती की खास बात ये हैं कि इसका उत्पादन छोटी सी जगह भी काफी होती है। आप चाहे तो घर के एक कमरे से भी इसका उत्पादन शुरू करके अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं। मशरूम की लोकप्रियता को देखते हुए बिहार के युवा किसान भी मशरूम का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
बिहार के समस्तीपुर में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद विश्वविद्यालय की तरफ से किसानों को मशरूम के विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण संस्थान पूसा के द्वारा किसानों को मशरूम पर कई प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है। इस बार पूसा द्वारा एंटरप्रेन्योरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम तथा मेडिसिनल मशरूम खेती तकनीक पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण देने से पहले अभ्यार्थी का चयन किया जाएगा। इसके बाद उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। संस्थान की ओर से सितंबर माह में मशरूम पर दो प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाएंगे। दोनों की प्रशिक्षण अवधि अलग-अलग है। इसमें मेडिसिनल मशरूम खेती तकनीक पर एक सितंबर से 03 सितंबर 2021 तक चलने वाली ट्रेनिग प्रोगाम के लिए 40 अभियार्थी का चयन किया जाएगा। वहीं एंटरप्रेन्योरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम जो एक सितम्बर से 30 सितंबर तक चलेगा। इसके लिए 10 अभियार्थी का चयन किया जाएगा। ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए पंजीयन पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर किया जाएगा।
विश्वविद्यालय की ओर से सितंबर माह में मशरूम पर दो प्रकार की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें एंटरप्रेन्योरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए फीस 10,000 रुपए रखी गई है। वहीं मेडिसिनल मशरूम खेती तकनीक के लिए फीस 600 रुपए है। इसके अलवा प्रशिक्षण के लिए रहने तथा खाने के लिए अलग से शुल्क देना होगा या फिर आप खुद से व्यवस्था कर सकते हैं।
पंजीयन के लिए आवेदक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पूसा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय समस्तीपुर से संपर्क कर सकते हैं। कोई भी प्रतिभागी आवेदन करना चाहते हैं तो वह ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदक को एक फार्म भरकर तथा ट्रेनिंग प्रोग्राम के अनुसार ऑनलाइन जमा करके फार्म को आनलाइन भेज सकते हैं। इसके अलावा इच्छुक किसान भाई-बहन अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र अथवा अपने राज्य के कृषि विश्वविद्यालय से भी मशरूम की ट्रेनिंग ले सकते हैं।
आवेदक इस पते पर डी.डी. बनवाकर राशि जमा कर सकते हैं। किसान ने जो डीडी जमा किया है उसकी एक छायाप्रति अपने पास रखें। खाता धारक का नाम – mushroom revolving fund खाता संख्या - 4512002100001682 आई.एफ.एस.कोड.- PUNB0451200 बैंक का नाम- PUNJAB NATIONAL BANK, RAU PUSA BRANCH यह फार्म डाउनलोड करके प्रिंट निकाल लें तथा हाथ से भरकर इस पर ई-मेल कर दें। दी गई मेल आईडी raudayram@gmail.com पर मेल कर सकते हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आने वाले ये प्रशिक्षण केंद्र समय- समय पर विभिन्न स्थानों पर मशरूम से जुड़ी जानकारियां एवं ट्रेनिंग मुहैया कराते रहते हैं। आप अपने सुविधा अनुसार इन प्रशिक्षण केंद्रों से मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण ले सकते हैं।
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