न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद : किसानों के खाते में आए 7513.62 करोड़ रुपए

Share Product Published - 28 May 2022 by Tractor Junction

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद : किसानों के खाते में आए 7513.62 करोड़ रुपए

राज्य सरकार ने किसानों को किया रबी फसल खरीद का भुगतान

रबी की खरीद अंतिम चरण में चल रही है। इस समय कई राज्यों में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद जारी है। इसी क्रम में हरियाणा में गेहूं की एमएसपी पर किसानों से खरीद की जा रही है। जानकारी के अनुसार अब तक राज्य के किसानों से अब तक 41,40,135 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है जिसके एवज में किसानों को करीब 7513.62 करोड़ रुपए का भुगतान सीधे उनके खातों में किया जा चुका है। 

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किसानों से गेहूं का एक-एक दाना खरीदेगी सरकार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के संंबंध में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के गेंहू का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को उनकी फसल का भुगतान समय पर करके सीधा उनके बैंक खातों में भेजा जा रहा है। अभी तक 7513.62 करोड़ रूपए किसानों के खाते में स्थानांतरित किए जा चुके हैं। यहां जारी बयान में डिप्टी सीएम, जिनके पास खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग का प्रभार भी है, ने मीडिया को बताया कि एक अप्रैल से लेकर 15 मई 2022 तक सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा कुल 41,40,135 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई जबकि दुबारा खरीद 16 मई से आरंभ की गई खरीद के बाद 23 मई 2022 तक 6,441 मीट्रिक टन गेहूं किसानों से खरीदा गया, यानि अभी तक कुल 41,46,576 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है।

किसानों को 72 घंटे में फसल खरीद का भुगतान करने के दिए निर्देश

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि रबी-2022 की फसल गेंहू की खरीद का पैसा फसल की खरीद होने के 72 घंटे के अंदर किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाना चाहिए। इस बार सरकार द्वारा गेहूं की खरीद के किसानों के बैंक खाते में 7513,62 करोड़ रुपए सीधे भेजे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि मंडियों से फसल का समय पर उठान सुनिश्चित किया गया तथा किसानों के लिए मंडी में सभी आवश्यक प्रबंध भी किए गए हैं।

92 मंडियों में की गई सरसों की खरीद

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इस बार सरसों की खरीद के लिए 92 मंडियों की तैयारी की गई थी। जबकि गेंहू के लिए 411 मंडियां, चना के लिए 11, जौ की खरीद के लिए 25 मंडियों में पूरे प्रबंध किए गए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अपने वायदे के मुताबिक रबी की फसलों को एमएसपी खरीद की। इन फसलों में सरसों को 5,050 रुपए प्रति क्विंटल, गेंहू को 2,015 रुपए प्रति क्विंटल, चना को 5,230 रुपए प्रति क्विंटल तथा जौ को 1,635 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विभिन्न खरीद एजेसिंयों द्वारा खरीदा गया।

राज्य में इन एजेंसियों के माध्यम से हो रही है एमएसपी पर खरीद

उन्होंने बताया कि राज्य में किसानों से गेहूं की खरीद खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड, हरियाणा राज्य भंडारण निगम व भारतीय खाद्य निगम द्वारा की जा रही है। इसके अलावा, चना की खरीद हैफेड, सरसों की खरीद हैफेड व हरियाणा राज्य भंडारण निगम तथा जौ की खरीद खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड एवं हरियाणा राज्य भंडारण निगम एजेंसी द्वारा की गई है।

राज्य में 31 मई को बंद हो जाएगी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद

राज्य में 31 मई 2022 तक ही किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी। इसके बाद रबी फसलों की खरीद बंद हो जाएगी। बता दें कि पहले 15 मई तक ही किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद की अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। लेकिन केंद्र सरकार ने राज्यों की मांग को देखते हुए इसे 15 दिन और बढ़ा दिया था। इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है। इस संबंध में केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने उक्त आदेश से संबंधित सरकारी पत्र को ट्वीट करते हुए बताया कि अब गेहूं की सरकारी खरीद 31 मई तक की जाएगी। 

किन राज्यों के लिए बढ़ाई गई अंतिम तिथि

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के सचिव के यहां से जारी हुए इस पत्र के मुताबिक बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर रबी फसल खरीद की तिथि को बढ़ाया गया है। बता दें कि केंद्र सरकार के इस आदेश से पहले ही मध्यप्रदेश, हरियाणा सहित कुछ अन्य राज्यों में गेहूं खरीद की समय सीमा बढ़ा दी गई थी। 

निर्यात पर रोक के बावजूद इस बार कम हुई एमएसपी पर गेहूं की खरीद

इस बार गेहूं का अच्छा उत्पादन हुआ है और किसानों को इसके बाजार में काफी अच्छे भाव मिल रहे हैं। इस कारण बहुत कम किसान सरकारी मंडियों में गेहूं बेच रहे हैं। अधिकांश किसान अपनी गेहूं की उपज को व्यापारियों को ऊंचे भावों पर बेच रहे है। बता दें कि बीते दिनों रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते विश्व भर में गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी देखी गई। भारत में भी गेहूं कीमतें बढ़ी जिसे देखते हुए सरकार ने इसके निर्यात पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी। गेहूं को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। 

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