प्रकाशित - 03 Jun 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Top 5 Crops of Kharif Season : भारत में मानसून (Monsoon) की बारिश के साथ ही खरीफ फसलों की खेती (cultivation of kharif crops) की तैयारी शुरू हो जाती है। किसान इसमें खरीफ की कई तरह की फसलों की बुवाई करते हैं, लेकिन यदि बाजार मांग के अनुसार खेती की जाए तो किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं। खरीफ सीजन जून से अक्टूबर तक होता है। ऐसे में यदि फसलों का सही तरीके से चयन किया जाए तो यह सीजन किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो सकता है। जरूरत है, बस थोड़ा बाजार पर नजर रखने और उसकी मांग को समझने की। किसानों को बाजार मांग के अनुरूप ही फसलों की बुवाई को प्राथमिकता देनी चाहिए जिससे उन्हें खरीफ सीजन में बेहतर लाभ मिल सके।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसान भाइयों के लिए खरीफ सीजन की उन टॉप 5 फसलों की जानकारी लेकर आए हैं जो उन्हें अच्छा मुनाफा दिला सकती हैं, तो आइए जानते हैं, इसके बारे में।
चावल भारत की खरीफ सीजन की प्रमुख खाद्यान्न फसल है, जिसकी मांग देश में ही नहीं विदेशों में भी काफी अच्छी रहती है। भारत में इसकी खेती प्रमुख रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में होती है। धान (चावल) के हाइब्रिड बीजों और आधुनिक तरीकों से प्रति एकड़ 20 से 25 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। धान की बासमती किस्म की सबसे अधिक मांग बाजार में रहती है। धान की बासमती की कई ऐसी किस्में हैं जिनकी खेती करके किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक हाई–यील्ड वैरायटी और हाइब्रिड बीजों का इस्तेमाल करके धान की खेती से 50,000 से 80,000 रुपए प्रति एकड़ तक कमाई की जा सकती है।
मक्का कम पानी में पैदा होने वाली फसल है। विशेषकर सूखे क्षेत्रों के लिए इसकी खेती सबसे अच्छा विकल्प है। भारत में इसकी खेती बिहार, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान में व्यापक रूप से की जाती है। मक्का की मांग पशु चारा, स्टार्च इंडस्ट्री और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर, बायोफ्यूल इंडस्ट्री में लगातार बढ़ रही है। मक्का (कॉर्न) की खेती करके किसान 30,000 से 60,000 रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।
सोयाबीन की मांग खाद्य तेल, पशु चारा और प्रोसेस्ड फूड इंडस्ट्री में लगातार बनी रहती है। इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। सोयाबीन कई तरह की चीजें तैयार कर बेची जाती है, जिसमें सोया पनीर भी शामिल है जिसकी बाजार में काफी अच्छी मांग रहती है। भारत में सोयाबीन की खेती प्रमुख रूप से तीन राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में होती है। जिसमें मध्यप्रदेश में सोयाबीन का सबसे अधिक उत्पादन होता है। यदि मौसम और बाजार अनुकूल हो तो इसकी खेती से प्रति एकड़ 40,000 से 70,000 रुपए तक की कमाई की जा सकती है।
मसाला फसलों के रूप में मिर्च की घरेलू और औद्योगिक मांग हमेशा बनी रहती है। सूखी मिर्च की विदेशाें में भी मांग है। किसान इसकी खेती करके काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। वैसे तो भारत के सभी राज्यों में इसकी खेती की जाती है, लेकिन सबसे अधिक इसकी खेती आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु व राजस्थान में की जाती है। इसमें आंध्रप्रदेश मिर्च का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। इसके बाद नंबर आता है तेलंगाना और मध्यप्रदेश जहां इसकी खेती प्रमुख रूप से की जाती है। अच्छी किस्म और उचित देखरेख से किसान मिर्च की खेती से एक एकड़ में 60,000 से 1,20,000 रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। यदि ड्रायिंग यूनिट हो तो मुनाफा और भी अधिक हो सकता है।
किसान हरी सब्जियों की खेती करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं जिसमें भिंडी की खेती किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। ऐसा इसलिए कि इसकी बाजार मांग काफी अच्छी रहती है, खासकर शहरी क्षेत्रों में, इसकी मांग काफी है। भिंडी कम समय में तैयार होने वाली फसल है। यह 45 से 50 दिन में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। यदि बात की जाए इससे कमाई की तो एक अनुमान के मुताबिक यदि मंडी या रिटेल बिक्री में इसे बेचा जाए तो भिंडी से प्रति एकड़ 1,00,000 रुपए तक की कमाई की जा सकती है।
खरीफ सीजन में सही फसल का चयन किसानों को बेहतर उत्पादन और बाजार में ऊंचे दाम दिलाने में सहायता कर सकता है। मौसम, मिट्टी और बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए यदि वैज्ञानिक तरीके से खेती की जाए, तो ये फसलें किसानों को बेहतर मुनाफा दिला सकती है। ऊपर दी गई जानकारी केवल मार्गदर्शन के रूप में दी गई है। खेती के लिए फसल के चयन के संदर्भ में किसान कृषि विशेषज्ञों और स्थानीय कृषि विभाग से सलाह लेकर ही अंतिम निर्णय लें ताकि जोखिम कम और मुनाफा अधिक प्राप्त हो सके।
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