उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य 25 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया, किसानों को होगा फायदा

Share Product Published - 27 Sep 2021 by Tractor Junction

उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य 25 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया, किसानों को होगा फायदा

गन्ने का एसएपी : अब किस कीमत होगी किसानों से गन्ने की खरीद, जानें, नया रेट

यूपी में गन्ना किसानों को तोहफा देते हुए राज्य की योगी सरकार ने गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है। इससे यहां के 45 लाख गन्ना किसानों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने गन्ना के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 25 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी योगी सरकार की ओर से चार साल बाद की गई है। इससे पहले योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले साल 2017-18 में गन्ने के एसएपी में 10 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ में आयोजित किसान सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों का शोषण नहीं होने देंगे। गन्ने का समर्थन मूल्य 325 से बढ़ाकर 350 रुपए कर दिया गया है। इससे प्रदेश के 45 लाख किसानों की आय में 8 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने किसानों के बिजली बिल के बकाये पर ब्याज माफ करने की घोषणा भी की। 

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यूपी मेें गन्ना का राज्य सरकार द्वारा घोषित मूल्य / गन्ना मूल्य 2021-22 उत्तर प्रदेश

सीएम ने घोषणा की है कि अब तक जो गन्ना 325 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाता था, वह अब 350 रुपए क्विंटल में खरीदा जाएगा। इसी तरह 315 रुपए प्रति क्विंटल वाले सामान्य प्रजाति के गन्ने की कीमत अब 340 रुपए  प्रति क्विंटल मिलेगी। इतना ही नहीं, अनुपयुक्त माने जाने वाले करीब 01 फीसदी गन्ने के मूल्य में भी 25 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की गई है। अब तक 305 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाने वाला अनुपयुक्त गन्ना भी अब 330 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा।


गन्ना मूल्य उत्तर प्रदेश : एसएपी में बढ़ोतरी के बाद गन्ना की नई कीमत/रेट

यूपी सरकार की ओर से गन्ना नया एसएपी घोषित कर दिया गया है। इसके अनुसार अब गन्ना का नया रेट इस प्रकार रहेगा- 

क्र.सं. गन्ना का प्रकार पुरानी कीमत/ रेट नई कीमत/ रेट
1. सामान्य प्रजाति गन्ना 315 340
2. मध्यम या उत्तम प्रजाति गन्ना 325 350
3. अनुपयुक्त अगैती गन्ना 305 330

 

न्यूनतम समर्थन मूल्य गन्ना : यूपी में कितना गन्ना बेच सकेंगे किसान

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के लिए नई गन्ना सट्टा नीति भी जारी की हुई है। इसके अनुसार ही किसानों को गन्ना बेचने का लक्ष्य दिया जा रहा है। राज्य के सीमांत, लघु सीमांत तथा सामान्य किसान अधिकतम गन्ना बेचने का लक्ष्य इस प्रकार निर्धारित किया गया है- 

  • सीमांत कृषक (1 हेक्टेयर तक)- 850 क्विंटल  गन्ना बेच सकेंगे।
  • लघु सीमांत किसान (2 हेक्टेयर तक)-1,700 क्विंटल गन्ना बेच सकेंगे।
  • सामान्य कृषक (5 हेक्टेयर तक)-4,250 क्विंटल गन्ना बेच सकेंगे।

 

राज्य में गन्ने का अधिक उत्पादन होने की दशा में तय लक्ष्य

राज्य में गन्ने का अधिक उत्पादन होता है तो इसके लिए भी यूपी सरकार ने किसानों के लिए गन्ना बेचने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है जो इस प्रकार से हैं- 

  • सीमांत कृषक (1 हेक्टेयर तक)-1,350 क्विंटल गन्ना बेच सकेंगे।
  • लघु सीमांत किसान (2 हेक्टेयर तक)- 2,700 क्विंटल गन्ना बेच सकेंगे।
  • और सामान्य किसान (5 हेक्टेयर तक)- 6,750 क्विंटल तक गन्ना बेच सकेंगे। 


पंजाब और हरियाणा के मुकाबले अभी भी यूपी में कम है गन्ना का मूल्य / गन्ने का रेट (Ganna Rate)

पंजाब और हरियाणा में के मुकाबले यूपी में अभी भी गन्ना का राज्य सरकार की ओर से नया घोषित एसएपी मूल्य कम है। यूपी सरकार से पहले पंजाब और हरियाणा सरकार ने गन्ना के एसएपी में बढ़ोतरी कर दी है। पंजाब सरकार ने गन्ने के रेट में 35 रुपए क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के साथ अब पंजाब में गन्ने का रेट 360 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। ये रेट हरियाणा राज्य सरकार की ओर से तय किए गए रेट से 2 रुपए अधिक है। बता दें कि हरियाणा सरकार ने गन्ना का रेट अपने यहां 358 रुपए प्रति क्विंटल की दर से तय कर रखा है। इस तरह देखें तो पंजाब और हरियाणा में गन्ने का मूल्य यूपी से अधिक है। 

 

केंद्र सरकार द्वारा कितना तय है गन्ने का एफआरपी

केंद्रीय सरकार की ओर से गन्ना का फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (एफआरपी) 290 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है जो 10 फीसदी रिकवरी पर आधारित है। इसके अनुसार अगर किसी किसान की रिकवरी 9.5 फीसदी से कम होती है तो उन्हें 275.50 रुपए प्रति क्विंटल मिलेंगे। गौरतलब है इससे पहले गन्ने का एफआरपी 285 रुपए प्रति क्विंटल  था। 


क्या है गन्ना का एफआरपी और एसएपी रेट में अंतर

एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। कमीशन ऑफ एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेज (सीएसीपी) हर साल एफआरपी की सिफारिश सरकार से करता है। सीएसीपी गन्ना सहित प्रमुख कृषि उत्पादों की कीमतों के बारे में सरकार को अपनी सिफारिश भेजती है। उस पर विचार करने के बाद सरकार उसे लागू करती है। हालांकि एफआरपी सभी किसानों पर लागू नहीं होता है। गन्ना का अधिक उत्पादन करने वाले कई बड़े राज्य गन्ना की अपनी-अपनी कीमतें तय करते हैं। इसे स्टेट एडवायजरी प्राइस (एसएपी) कहा जाता है। उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा अपने राज्य के किसानों के लिए अपना एसएपी तय करते हैं। आम तौर पर एसएपी केंद्र सरकार के एफआरपी से ज्यादा होता है।  


देश में उत्तरप्रदेश में होता है गन्ने का सबसे अधिक उत्पादन

2015-16 के अनुमान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, क्योंकि यह अनुमानित 145.39 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन करता है, जो अखिल भारतीय उत्पादन का 41.28 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल 2.17 लाख हेक्टेयर के क्षेत्र में बोई जाती है, जो कि अखिल भारतीय गन्ने की खेती का 43.79 प्रतिशत हिस्सा है। राज्य में करीब 48 लाख किसान गन्ने की खेती में लगे हुए हैं। 


किस राज्य में कितना है गन्ना कीमत/रेट

गन्ना उत्पादक राज्य जिन्होंने गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी की है। उन राज्यों में अब गन्ने एसएपी इस प्रकार से हैं-

क्र.सं. राज्य गन्ना का नया (एसएपी) मूल्य
1. पंजाब 360 रुपए प्रति क्विंटल
2. हरियाणा 358 रुपए प्रति क्विंटल
3. यूपी 350 रुपए प्रति क्विंटल 

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