अब सिंगल सुपर फॉस्फेट के उपयोग से बढ़ेगी फसलों की पैदावार : जानें, सही तरीका

Share Product प्रकाशित - 30 Sep 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

अब सिंगल सुपर फॉस्फेट के उपयोग से बढ़ेगी फसलों की पैदावार : जानें, सही तरीका

जानें, सिंगल सुपर फास्फेट के उपयोग का सही तरीका और इसके लाभ

फसलों के अधिक और उत्पादन के लिए किसानों को सिंगल सुपर फॉस्फेट के उपयोग पर जोर देना चाहिए। ये फसलों के बेहतर उत्पादन में मदद करता है। कृषि विशेषज्ञ भी इसके इस्तेमाल की सिफारिश करते हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि इसका इस्तेमाल किस तरह और कितनी मात्रा में किया जाए ताकि फसलों के बेहतर उत्पादन के साथ ही भूमि की उर्वरक क्षमता भी बनी रहे।

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किसी भी उर्वरक का प्रयोग करने से पूर्व मिट्टी जांच अवश्य करा लेनी चाहिए ताकि ये पता लगाया जा सके कि भूमि में किस पोषक तत्व की कमी है। इससे किसानों को खाद व उर्वरक का प्रयोग करने में आसानी होगी और भूमि की सेहत भी सुधरी रहेगी। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए सिंगल सुपर फास्फेट के उपयोग की जानकारी दे रहे हैं ताकि आप इसका सही तरीके से इस्तेमाल करके अपनी पैदावार बढ़ा सके।

क्या है सिंगल सुपर फास्फेट

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सिंगल सुपर फास्फेट एक फास्फोरस उर्वरक है। इसमें 16 प्रतिशत मात्रा में फास्फोरस होता है और 11 प्रतिशत सल्फर होता है। इसमें मौजूद सल्फर के कारण ये तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरक तुलना में अधिक लाभकारी पाया गया है। तिलहन फसलों में इसका उपयोग के काफी अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इसके प्रयोग से तिलहन फसलों में तेल की मात्रा बढ़ती है विशेषकर सरसों में। वहीं इसके प्रयोग से दलहनी फसलों में प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि होती है। 

सिंगल सुपर फास्फेट में मौजूद पोषक तत्व

मिट्टी में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो फसल की बेहतर पैदावार प्राप्त करने मेें सहायक होते है। लेकिन कई कारणों से मिट्टी के पोषक तत्वों में कमी हो जाती है। इसे पूरा करने के लिए जैविक और रासायनिक खाद व उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता है। मिट्टी के कुछ पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग किया जाता है। सिंगल सुपर फास्फेट में 16 प्रतिशत फॉस्फोरस की मात्रा होती है। वहीं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा होती है। इसके अलावा 19 प्रतिशत कैल्शियम और एक प्रतिशत जिंक की मात्रा होती है। इसमें से सल्फर की मात्रा इसमें अच्छी होने से ये फसलों की पैदावार बढ़ाने में किसानों की मदद कर सकता है। 

डीएपी की जगह सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) का कर सकते हैं इस्तेमाल

फसलों की बुवाई के साथ ही अक्सर बाजारों में उर्वरकों की मांग अधिक बढ़ जाती है। इसके कारण बाजार में उर्वरक की किल्लत देखने को मिलती है। खास कर डीएपी की कमी बाजार में देखने को मिलती है। ऐसे किसान डीएपी की जगह सिंगल सुपर फास्फेट का इस्तेमाल करके बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार ये दलहनी और तिलहनी फसलों के लिए काफी अच्छा है। इसे डीएपी की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। डीएपी की तुलना में सिंगल सुपर फास्फेट बाजार में किफायती दाम में मिल जाता है। ये आसानी से बाजार में मिल जाता है।

किसान अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए इस तरह करें एसएसपी का प्रयोग

किसान अधिक लाभ लेने के लिए यूरिया के साथ एसएसपी का इस्तेमाल कर सकते हैं। जो लाभ डीएपी +सल्फर को इस्तेमाल करने पर होता है वहीं लाभ किसानों को सिंगल सुपर फास्फोरस (एसएसपी) का इस्तेमाल यूरिया के साथ करने पर प्राप्त हो सकता है। किसान अपनी इच्छानुसार डीएपी+सल्फर और एसएसपी+यूरिया में से किसी एक का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप डीएपी+सल्फर की जगह एसएसपी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको तीन बोरी एसएसपी और एक बोरी यूरिया का उपयोग करना चाहिए।  

डीएपी की जगह एसएसपी के इस्तेमाल से किसानों के खर्च में होगी बचत

यदि किसान डीएपी की जगह एसएसपी का इस्तेमाल करते हैं तो उनके खर्च में बचत होगी और फसल की लागत भी कम होगी जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। यदि आप बाजार से एक बैंग डीएपी खरीदते हैं तो यह आपको उसमें 23 किलोग्राम फास्फोरस एवं 9 किलो नाइट्रोजन पाई जाती है। यदि डीएपी के विकल्प में यदि किसान 3 सिंगल सुपर फास्फोरस एवं एक बैग यूरिया का इस्तेमाल करें तो इससे भी कम मूल्य पर नाइट्रोजन और फास्फोरस प्राप्त कर सकता है। यदि आप एक बोरी डीएपी और 16 किलो सल्फर खरीदते हैं आपका कुल खर्च 2950 रुपए आ जाएगा। इसके विपरित आप एसएसपी यानि सिंगल सुपर फास्फोरस के तीन बोरी का उपयोग, यूरिया की एक बोरी के साथ करते हैं तो कुल खर्च 1617 रुपए ही आएगा। इस तरह आप डीएपी से बहुत ही कम दाम पर फसलों की पैदावार बढ़ा सकते हैं और बचत भी कर सकते हैं। 

क्या है उर्वरकों ताजा बाजार मूल्य

किसानों को उर्वरकों पर सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी के बाद किसानों को सस्ती दर पर खाद व उर्वरक उपलब्ध कराया जाता है। सब्सिडी के बाद उर्वरकों का जो मूल्य सरकार की ओर से निर्धारित किया गया है वे इस प्रकार से है:-

  • यूरिया-266.50 रुपए प्रति बैग (45 किलोग्राम) 
  • डीएपी-1,350 रुपए प्रति बैग (50 किलोग्राम) 
  • एनपीके- 1,470 रुपए प्रति बैग (50 किलोग्राम) 
  • एमओपी-1,700 रुपए प्रति बैग (50 किलोग्राम)
  • सिंगल सुपर फास्फेट - एक बोरी 425 रुपए (50 किलोग्राम) 

 

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