20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में किसानों को मिले 30 हजार करोड़
आत्मनिर्भर भारत अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 हजार करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद 14 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों और मजदूरों को राहत देने के लिए कई बड़े ऐलान किए। वित्त मंत्री ने बताया कि पैकेज में किसानों और दिहाड़ी और प्रवासी मजदूरों का खासा ख्याल रखा गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि मोदी सरकार से किसानों को इस साल 30 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। यह रकम नाबार्ड की तरफ से उपलब्ध कराई गई राशि के अलावा होगी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद सरकार ने 3 करोड़ किसानों को 4.22 लाख करोड़ कृषि लोन पर 3 महीने का मोराटोरियम की सुविधा दी है। इस अवधि में किसानों को अपने कृषि कर्ज का भुगतान करना जरूरी नहीं होगा। वहीं श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूरों को उनके राज्य में ही काम उपलब्ध कराया जाएगा।
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आत्मनिर्भर भारत अभियान में किसानों के लिए खास बातें
- वित्त मंत्री ने कहा कि 2 महीने में 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड दिए हैं और केसीसी के माध्यम से किसानों को 25 हजार करोड़ का लोन दिया गया है।
- आर्थिक पैकेज में किसानों, प्रवासी मज़दूरों, स्ट्रीट वेंडर, छोटे व्यापारियों पर फोकस किया गया है।
- किसानों को दिए जाने वाले फसली ऋण के भुगतान को बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया है। जिन किसानों को अपने कर्ज का भुगतान पहली मार्च तक करना था, लेकिन वे लॉकडाउन के चलते भुगतान नहीं कर पाए, ऐसे किसानों को इस महीने के आखिर तक का भुगतान में राहत दी गई है। 31 मई तक भुगतान करने वाले किसानों से कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं वसूला जाएगा।
- सरकार ने 3 करोड़ किसानों को 4.22 लाख करोड़ का रियायती कर्ज़ दिया है। अब किसानों को 3 महीने तक ब्याज में छूट का फायदा मिलेगा।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए पिछले 2 महीने में कई कदम उठाए गए हैं। कोविड के हमले के बाद भी बैंकों के जरिए गतिविधियां जारी रहीं है।
- लॉकडाउन के दौरान 63 लाख लोन दिए गए हैं।
- वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि एमएसएमई के पैकेज से भी मजदूर और किसानों को भी मदद मिलेगी।
- केंद्र ने राज्य सरकारों को इजाज़त दी है कि वे आपदा के लिए रकम का इस्तेमाल कर प्रवासी मजदूरों के लिए खाने और रहने का इंतजाम कर सकें। शहरी गरीबों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से व्यवस्था की जा रही है। पिछले दो महीनों में 11 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- इसके अलावा वित्त मंत्री ने बताया कि क्रॉप लोन पर इंटरेस्ट सबमेंशन स्कीम की अवधि 1 मार्च से बढ़ाकर 31 मई 2020 कर दी गई है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि 25 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान में मजदूरों के लिए खास बातें
- दो महीने के लिए प्रवासी मजदूरों को नि:शुल्क अनाज दिया जाएगा. जिन मजदूरों का राशन कार्ड नहीं बना हुआ है, उन्हें भी प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन और 1 किलो चना हर महीने 2 महीने तक जरूर मिलेगा।
- राशन उपलब्ध कराने के लिए टेक्नोलॉजी सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली से मिलने वाले राशन को नहीं ले पाते है। इसके लिए वन नेशन वन राशन कार्ड का एलान किया गया है।
- सरकार सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन तय करने का प्रयास कर रही है। न्यूनतम वेतन का लाभ लगभग 30 फीसदी कर्मचारी उठा पाते हैं। इसमें राज्यों के बीच न्यूनतम वेतन में अंतर को खत्म किया जाएगा। इसे वैधानिक रूप दिया जाएगा।
- सभी मजदूरों को नियुक्ति पत्र मिलेंगे और साल में एक बार हेल्थ चेकअप होगा।
- असंगठित क्षेत्र को सोशल सेक्योरिटी स्कीम का लाभ मिलेगा। मजदूरों के लिए ईएसआईसी सुविधा को लागू किया जाएगा। महिलाओं को अगर रात्रि में काम करना पड़ता है, तो उनके लिए अलग-अलग तरह के सेफगार्ड लाए जाएंगे।
- 13 मई तक मनरेगा के तहत 14.62 करोड़ व्यक्तियों को काम दिया गया। अब तक इस पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 1.87 लाख ग्राम पंचायतों में 2.33 करोड़ लोगों को काम दिया गया। पिछले साल मई की तुलना में 40-50 फीसदी कामगार बढ़े हैं। इनके लिए मजदूरी को 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया गया है।
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