प्रकाशित - 10 Feb 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को खरीफ विपणन सीजन 2024–25 में उनके द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर बेचे गए धान का भुगतान राज्य सरकारों की ओर से किया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य की ओर से प्रदेश के करीब 6.69 लाख धान किसानों के खाते में 6982 करोड़ रुपए रुपए की राशि ट्रांसफर कर दी है। वहीं शेष राशि का भुगतान किसानों को जल्द किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इन किसानों को एक सप्ताह में उनकी फसल का भुगतान कर दिया जाएगा।
राज्य के भुगतान आंकड़ों के मुताबिक धान खरीद के बाद 6982 करोड़ से अधिक की राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। वहीं फसल विपणन सीजन 2024–25 में धान के लिए 6.69 लाख किसानों से कुल 43 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि जिन किसानों का पैसा बकाया रह गया है, उनके खाते में शेष राशि जल्द ही ट्रांसफर की जाएगी। बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों से धान की खरीद की प्रक्रिया सितंबर 2024 में रजिस्ट्रेशन के साथ शुरू की थी और किसानों से धान की खरीद 2 दिसंबर 2024 से शुरू की थी। धान खरीद के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में 1393 खरीद केंद्र बनाए थे।
मध्यप्रदेश सरकार के अनुसार किसानों से धान की खरीद केंद्र सरकार की ओर से खरीफ विपणन सीजन 2024–25 के लिए जारी किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) रेट पर की गई है। केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित किए गए रेट के अनुसार धान कॉमन ग्रेड के लिए एमएसपी 2300 और धान ग्रेड ए के लिए 2320 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान की खरीद का भुगतान किया गया है।
अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से 6.69 किसानों से धान की खरीद की गई है। इसमें से कुछ किसानों के खाते में राशि जारी नहीं हो पाई है। ऐसे में प्रदेश के किसानों के लिए यह चेक करना जरूरी हो जाता है कि उनके खाते में धान खरीदी का पैसा आया है या नहीं, तो आप नीचे दिए गए विवरण के अनुसार इसे आसानी से चेक कर सकते हैं-
मध्यप्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद राजपूत के मुताबिक अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए 66 हजार 77 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। किसान 31 मार्च 2025 तक पंजीयन करा सकते हैं। यदि जिलावार देखे तो बैतूल में 362, नर्मदापुरम में 1793, विदिशा में 1563, राजगढ़ में 1096, रायसेन में 1969, भोपाल में 1975, सीहोर में 12,596, सतना में 48, सीधी में 75, रीवा में 44, सिंगरौली में 19, मैहर में 3, उमरिया में 64, अनूपपुर में 9, शहडोल में 239, पन्ना में 37, सागर में 419, दमोह में 124, छतरपुर में 289, निवाड़ी में 88 और टीकमगढ़ में 341 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसी प्रकार बड़वानी में 17, खरगोन में 189, खंडवा में 339, अलीराजपुर में 13, बुरहानपुर में 2, झाबुआ में 776, धार में 4202, इंदौर में 9381, नीमच में 134, ग्वालियर में 55, शिवपुरी में 23, गुना में 23, दतिया में 142, अशोकनगर में 6, भिंड में 4, मुरैना में 96, श्योपुर में 43, छिंदवाड़ा में 157, सिवनी में 61, डिंडौरी में 21, कटनी में 14, नरसिंहपुर में 215, मंडला में 353 और हरदा में 173 किसानों ने एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है। बता दे कि 2025–26 विवरण रबी सीजन के लिए केंद्र सरकार की ओर से गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है जो पिछले साल के मुकाबले 150 रुपए रुपए अधिक है। ऐसे में इस सीजन गेहूं बेचने से किसानों को प्रति क्विंटल 150 रुपए अधिक बोनस मिलेगा।
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