प्रकाशित - 23 Dec 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
देश के कई राज्यों में गन्ना पेराई सत्र 2024–25 शुरू हो चुका है। चीनी मिलों द्वारा किसानों से गन्ने की खरीद बड़े जोर–शोर के साथ की जा रही है। खास बात यह है कि किसानों को गन्ना खरीदी का भुगतान भी बड़ी तत्परता के साथ किया जा रहा है जिससे किसान भी खुश हैं। इसी कड़ी में राज्य के भोरमदेव शक्कर कारखाना कवर्धा द्वारा गन्ना किसानों को गन्ने की खरीद का भुगतान किया गया है। इस कारखाने में पेराई सत्र 2024–25 में गन्ना बेचने वाले किसानों को अब तक 14.13 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
कारखाने के प्रबंध संचालक जीएस शर्मा ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सत्र में अब तक 1,09,175 मीट्रिक टन गन्ने की पेराई की गई है। जबकि 94,270 क्विंटल शक्कर का उत्पादन किया गया है। यह उपलब्धि किसानों के सहयोग और कारखाने के कुशल प्रबंधन के कारण संभव हो सका है।
छत्तीसगढ़ राज्य में गन्ना उत्पादक किसानों को प्रति क्विंटल 315.10 रुपए प्रति क्विंटल की रेट से भुगतान जारी किया गया है। कारखाना प्रबंधन ने गन्ना उत्पादक किसानों से अपील की है कि वे कारखाने में परिपक्व, साफ–सुधारा बिना अगवा और बिना पड़ वाला गन्ना आपूर्ति के लिए लाएं। इससे शक्कर की रिकवरी प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए गन्ना प्रोत्साहन योजना (Ganna Protsahan Yojana) के तहत विष्णुदेव सरकार की ओर से कृषि विभाग के बजट 2024–25 में 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे प्रदेश सहित कबीरधाम जिले के गन्ना किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी और उनकी स्थिति में सुधार होगा। गन्ना प्रोत्साहन योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता करेगी। गन्ना प्रोत्साहन योजना के तहत भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के शेयर धारक किसानों को 24.50 करोड़ रुपए तथा सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकार शक्कर कारखाना के किसानों को 19.70 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना शामिल है।
भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना प्रबंधन के अनुसार पेराई सत्र 2023–24 में कुल 12050 किसानों ने 388828 क्विंटल गन्ने की बिक्री की थी। वहीं सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना पंडरिया प्रबंधन से प्राप्त जानकारी अनुसार कुल 7865 किसानों द्वारा 313000 क्विंटल गन्ना बिक्री की गई थी।
गन्ने का भुगतान सीधा किसानों के खाते में किया जा रहा है। कारखाना द्वारा किए गए भुगतान को चेक करने के लिए किसान नीचे दिए गए तरीके से बड़ी आसानी से चेक कर सकते हैं, जो इस प्रकार से हैं–
सरकार द्वारा खाते में ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर किया जाता है। ऐसे में पैसा आने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है। यदि आपके खाते में कोई गड़बड़ है तो इससे भी अधिक समय लग सकता है, जैसे– खाते का आधार से लिंक नहीं होना, ईकेवाई नहीं होना आदि कारण हो सकते हैं। यदि ऐसा है तो सबसे पहले आपको अपना खाता दुरुस्त करना चाहिए। यदि आपका खाता भी सही है और उसके बाद भी पैसा नहीं आया तो इसके लिए आप इसकी सूचना भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नं. पर दे सकते हैं।
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में गन्ने की खेती (Sugarcane Cultivation) होती है जिनमें सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, कबीरधाम, कवर्धा, बालोद, दुर्ग, बेमेतरा, बस्तर शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में गन्ने की खेती के लिए तीन जलवायु क्षेत्र हैं जिसमें छत्तीसगढ़ का मैदानी क्षेत्र, बस्तर का पठार और सरगुजा का उत्तरी क्षेत्र है। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में औसत से कम बारिश होती है। यहां के किसान पहले भूमिगत जल स्त्रोत से गन्ने की खेती करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने ट्यूबवेल खनन में छूट दी थी जिसके बाद से यहां पर गन्ने की खेती में बढ़ोतरी हुई।
भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने काे कबीरधाम जिले में 2 जून 2022 को स्थापित किया गया था। भोरमदेव शक्कर कारखाना देश में शक्कर की आपूर्ति करने के साथ ही विदेशों में भी शक्कर का निर्यात कर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस कारखाने द्वारा कारखाना परिसर में 6 मेगावाट को-जन पॉवर प्लांट संचालित किया जा रहा है। को–जन पावर प्लांट की स्थापना होने से गन्ने के पेराई के बाद बचने वाले अवशेष का इस्तेमाल बिजली उत्पादन में किया जाता है। इससे स्वयं के लिए बिजली की आपूर्ति भी की जा रही है। भोरमदेव शक्कर कारखाने में सह– उत्पाद शीरा पर आधारित एथेनॉल प्लांट का निर्माण किया गया है। 141 करोड़ की लागत से बना यह एथेनॉल प्लांट कारखाने की 35 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। बता दें कि भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना मर्यादित कवर्धा को रिकॉर्ड समय में कारखाने की स्थापना करने तथा बेहतर संचालन करने के कारण सहकारिता के सर्वोच्च अवार्ड ‘ठाकुर प्यारेलाल अवार्ड’ सहित अन्य छह राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
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