प्रकाशित - 11 Feb 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को नई तकनीक और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए समय–समय पर मेला व प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) की ओर से “पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025” का आयोजन 22 से 24 फरवरी 2025 तक किया जाएगा। यह मेला भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के दिल्ली स्थित पूसा परिसर मेला ग्राउंड में आयोजित होगा। इस साल इस मेले की थीम “उन्नत कृषि–विकसित भारत” रखी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि यह मेला देश के किसानों को उन्नत तकनीकी से अवगत कराने और योजनाओं व नवाचारों को किसान तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से लगाया जाने वाला “पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025” किसानों के लिए बहुत ही आकर्षक होने वाला है। इसमें आधुनिक खेती और उत्पादन बढ़ोतरी के साथ किसानों की आय बढ़ाने के बिंदुओं पर फोकस किया जाएगा। इस तीन दिवसीय मेले के दौरान कई सत्र आयोजित किए जाएंगे जिसमें किसानों को महत्वपूर्ण व उपयोगी जानकारी प्रदान की जाएगी।
मेले में किसानों को कृषि योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी जाएगी जिससे किसान सरकार की नई नीतियों व योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकेंगे। मेले में विशेष रूप से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, सब्सिडी और कृषि ऋण से जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी।
कृषि मेले के दौरान किसानों को फसल विविधीकरण और जलवायु अनुकूल कृषि पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसमें किसानों को बताया जाएगा कि वे बदलते मौसम और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार अपनी खेती के तरीकों को कैसे अनुकूलित कर सकते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा जल संसाधन, सूखा प्रतिरोधी फसलों तथा ऑर्गेनिक फार्मिंग पर भी चर्चा की जाएगी।
कृषि मेले के दौरान आयोजित कार्यक्रमों के तहत कृषि क्षेत्र में युवा व महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसमें महिला किसानों तथा युवा उद्यमियों को स्टार्टअप शुरू करने, जैविक खेती, एग्री–प्रोसेसिंग और कृषि व्यापार से जुड़ने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। ऐसी उम्मीद है कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
मेले में किसानों के लिए डिजिटल कृषि को लेकर आधुनिक तकनीकों का लाइव प्रदर्शन किया जाएगा। इसके तहत ड्रोन तकनीक, स्मार्ट सिंचाई प्रणाली, सटीक खेती (प्रिसिजन फार्मिंग) और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों के प्रयोग को प्रदर्शित किया जाएगा ताकि खेती को अधिक लाभदायक और टिकाऊ बनाया जा सके।
मेले में आयोजित सत्र के दौरान कृषि विपणन और किसान संगठन पर विशेष चर्चा की जाएगी। इसके तहत किसानों को बताया जाएगा कि वे अपनी फसल (उपज) को सीधे बाजार तक कैसे पहुंचा सकते हैं और कैसे कृषि ई–मार्केटप्लेस और कोऑपरेटिव संगठन से जुड़कर अपनी आय में बढ़ोतरी कैसे कर सकते हैं। इसके अलावा मेले में किसानों के नवाचार को भी प्रमुखता दी जाएगी। इसमें प्रगतिशील किसान अपने स्वयं द्वारा विकसित किए गए उपकरण, तकनीक तथा खेती के नए तरीकों को पेश करेंगे। इससे पारंपरिक खेती से हटकर नवाचार आधारित कृषि को बढ़ावा मिलेगा। इससे फसल की उत्पादकता बढ़ेगी जिससे किसानों की आय में सुधार होगा।
पशुपालक किसानों के लिए राजस्थान के करौली जिले में पशु मेले का आयोजन 12 फरवरी 2025 से किया जा रहा है। ऐसे में जो किसान पशु की खरीद व उसको बेचना चाहते हैं उनके लिए यह अच्छा अवसर है। किसान यहां से पशुपालन के लिए पशु की उन्नत नस्ल की खरीद कर सकते हैं। यह मेला 20 फरवरी तक जारी रहेगा। पशु मेले में पशु खरीदने के लिए किसानों को कुछ नियमों का पालन भी करना होगा। इसमें हाईकोर्ट के निर्देशानुसार पशु मेले में पशु खरीदने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। इसमें जमाबंदी की नकल, पहचान–पत्र की प्रति, क्रय किए गए पशु को कृषि कार्य अथवा दुग्ध उत्पादन में उपयोग में लेने का शपथ पत्र आदि दस्तावेज देना होगा। वहीं मेले में पशु की खरीद करने वाले को पशु को ईयरटेक लगवाना और पशु स्वास्थ्य प्रमाण–पत्र भी जारी करवाना आवश्यक होगा। इसके अलावा तीन वर्ष से कम आयु के गौवंश को राज्य से बाहर ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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