Published - 10 May 2021 by Tractor Junction
बिहार में गेहूं खरीद का कार्य जारी है और किसान खरीद केंद्रों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की फसल बेच रहे हैं। इस बार राज्य में हुई गेहूं के अच्छे उत्पादन को देखते हुए बिहार सरकार ने गेहूं खरीदी के लक्ष्य को भी बढ़ा दिया है। राज्य सरकार का मानना है कि इससे अधिक से अधिक किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी गेहूं की फसल बेच पाएंगे जिससे उन्हें फायदा होगा। बिहार में चल रही गेहूं की सरकारी खरीदी को लेकर बीते दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में वर्ष 2020-21 के रबी सीजन में किए जा रहे गेहूं खरीद को लेकर कई बड़े निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा की प्रदेश में गेहूं का उत्पादन इस वर्ष अच्छा हुआ है, इसलिए गेहूं की ज्यादा से ज्यादा सरकारी खरीदी की जाए। पैक्स के माध्यम से किए जा रहे गेहूं की खरीदी की डेट बढ़ाने तथा गेहूं खरीदी का लक्ष्य बढ़ाने का भी निर्देश दिए गए। निर्देशों के अनुसार अब बिहार में 31 मई तक गेहूं की सरकारी खरीद की जाएगी ताकि राज्य के ज्यादा से ज्यादा किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ प्राप्त कर सके।
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राज्य में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए पहले 1 लाख टन का लक्ष्य रखा गया था जिसे अब बढक़र 7 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। इस बढ़े हुए लक्ष्य से राज्य के किसानों को ज्यादा से जायदा लाभ मिलेगा। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल देश के 43,35,972 किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बिक्री का फायदा मिला। जिसमें से बिहार के सिर्फ 1002 किसान शामिल थे। जबकि यहां किसानों की संख्या 1.64 करोड़ है। इसके कुल उत्पादन में बिहार का शेयर 6.2 फीसदी है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ने नाम मात्र की खरीद की थी। इससे पहले 2020-21 में बिहार सरकार ने महज 0.05 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीदा था। वहीं 2019-20 में 0.03 लाख मिट्रिक टन की खरीद हुई थी। बात करें पिछले पांच साल ( 2016-17 से 2020-21) में एमएसपी पर कुल 2,85,071 करोड़ रुपए का गेहूं खरीदा गया जो यहां के किसानों की संख्या को देखते हुए बहुत कम था। इस बार भी रबी मार्केटिंग सीजन 2021-22 में केंद्र के 427 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीद के टारगेट में बिहार सरकार ने सिर्फ 1 लाख मिट्रिक टन गेहूं ही खरीदने का लक्ष्य रखा गया था। अब चूंकि मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 7 लाख मीट्रिक टन कर दिया है जो यहां के किसानों के लिए अच्छी खबर है। इससे इस बार राज्य के अधिक से अधिक किसानों को फायदा मिल सकेगा।
बिहार में गेहूं बेचने के लिए प्रति किसान सीमा तय की गई है। इस तय सीमा के तहत ही किसान गेहूं को पैक्स में बेच सकते हैं। जिस किसान के पास खुद की भूमि है और वह अपनी भूमि पर गेहूं की खेती कर रहे हैं तो वैसे किसान पैक्स के माध्यम से 150 क्विंटल गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकते हैं। जबकि लीज या बटाई पर खेती करने वाले किसान पैक्स के माध्यम से 50 क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकते हैं।
राज्य के सभी जिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी सरकारी एजेंसियों के द्वारा की जा रही है। पैक्स ने इस वर्ष गेहूं खरीदी के लिए 6400 खरीदी केंद्र बनाएं हैं। इन सभी खरीदी केन्द्रों पर 20 अप्रैल से गेहूं की खरीदी का कार्य किया जा रहा है। इन केंद्रों पर जाकर किसान एमएसपी पर गेहूं का विक्रय कर सकते हैं।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पैक्स के माध्यम से गेहूं बेचने के लिए राज्य सरकार ने किसानों के लिए कुछ दस्तावेज मांगे हैं। किसान को गेहूं बेचने के लिए यह सभी दस्तावेज साथ लेकर जाना होगा। इसमें फोटो पहचान पत्र (आधार कार्ड / वोटर पहचान पत्र) बैंक पास बुक की छाया प्रति भूमि संबंधित दस्तावेज किसानों को अपने साथ लेकर आने होंगे। इनके अभाव में किसान से गेहूं की खरीद नहीं हो पाएगी।
बिहार सरकार ने राज्य के किसानों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए है। किसान गेहूं की सरकारी खरीद की जानकारी एवं समस्या के समाधान के लिए इन नंबर पर कॉल कर सकते हैं। ये नंबर इस प्रकार से हैं- 0612-2200693 और 1800-345-6290 .
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