Published - 08 Oct 2020 by Tractor Junction
हरियाणा में इस समय धान और कपास की खरीद समर्थन मूल्य पर खरीद चल रही है। इसमें उन किसानों की फसल को ही खरीदा जा रहा है जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवा रखा है। बता दें कि हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी कर दिया है। इसके बाद ही किसान यहां की मंडियों में फसल बेच सकते हैं। यहीं व्यवस्था हरियाणा में बाहर के किसानों के लिए की गई हैं। उन्हें भी अपनी फसल बेचने के लिए इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण करना होगा उसके बाद ही वे यहां की मंडियों में अपनी उपज बेच पाएंगे। अभी कुछ दिन पूर्व हरियाणा बार्डर पर किसानों को फसल बेचने के लिए रोक दिया गया था परन्तु विरोध के बाद अब किसान पंजीकरण करवाकर अपनी उपज हरियाणा की मंडियों में बेच सकते हैं।
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अभी तक यह होता था कि अलग-अलग राज्य के किसान अपने राज्य की मंडियों में ही फसल बेच सकते थे। लेकिन नए कानून के लागू होने के बाद अब किसान देश की किसी भी मंडी में अपनी उपज बेच सकते हैं। इस नए कानून के तहत ही हरियाणा में भी बाहर के किसानों से खरीद के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल खोल दिया गया है। अब बाहर के किसान इस पोर्टल पर अपना ब्योरा दर्ज कर अपनी उपज बेच सकते हैं। वहीं इस संबंध में एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार द्वारा यह निर्णय राज्य की विभिन्न मंडियों के आढ़तियों और प्रदेश से बाहर के किसानों की मांग के चलते लिया गया है। उन्होंने बताया कि इससे धान खरीद सीजन के दौरान दूसरे राज्यों के किसानों को अपनी फसल बेचने में मदद मिलेगी।
खरीद के दौरान लाए जाने वाले जरूरी कागजात के बारे में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि किसानों को अपने साथ इस आशय के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां लानी चाहिए कि उन्होंने मालिक या किराएदार के तौर पर अपने खेतों में धान की फसल बोई है। इससे व्यापारियों द्वारा की जाने वाली मुनाफाखोरी में कमी आएगी। वहीं मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए किसान के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खातें की पासबुक, खतौनी की कापी, स्वयं का मोबाइल नंबर होना जरूरी है। ध्यान रखें उसी मोबाइल नंबर को ही इसमें दर्ज कराएं जिस मोबाइल का उपयोग आप वर्तमान में कर रहे हैं। मोबाइल नंबर बदलने की स्थिति में आप तक योजना के संबंध में सूचनाएं नहीं पहुंच पाएंगी। इसलिए ऐसा मोबाइल नंबर ही यहां दें ताकि जरूरी सूचनाएं आप तक पहुंच सकें। इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद ही आप यहां मंडी में फसल बेचने पाएंगे।
हरियाणा की मंडियों में 6 अक्टूबर तक 17,85,582.59 क्विंटल धान पहुंची, जिसमें से 1,02,003.165 क्विंटल की खरीद हुई। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. के. दास ने इस संबंध में जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि धान की फसल के अलावा, मंडी में 84,930.88 क्विंटल बाजरे की आवक हुई, जिसमें से 31,999.26 क्विंटल की खरीद हुई। इसके अतिरिक्त, 1,351.33 क्विंटल मक्का की आवक हुई, जिसमें से 224 क्विंटल की खरीद की गई।
सरकार ने विपणन सीजन 2020-21 के लिए खरीफ फसलों की एमएसपी की घोषणा पहले ही कर दी है। सरकार द्वारा इन्हीं मूल्यों पर किसानों से खरीदी की जाएगी। धान (ग्रेड ए)- 1888 रुपए, धान (सामान्य) -1868 रुपए, बाजरा -2150 रुपए, ज्वार -2620 रुपए, मक्का- 1850 रुपए और सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3880 रुपए है।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने फसल खरीद का भुगतान 72 घंटे में करने के निर्देश दिए हैं। चौटाला ने बताया कि किसानों की फसलों के दाम जल्दी से जल्दी उनके खाते में भिजवाने के लिए इस बार राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। यह राशि किसानों की मर्जी के मुताबिक ट्रांसफर की जाएगी. वो चाहें तो अपनी फसलों के दाम आढ़ती के माध्यम से लें या फिर सीधा अपने बैंक अकाउंट में। सरकार ने इस बार खरीफ सीजन की फसलों धान, बाजरा व मक्का की खरीद के लिए मंडियों की संख्या को बढ़ा भी दिया है। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि धान की खरीद के लिए पिछले वर्ष जहां 196 मंडियां बनाई गई थीं वहीं इस बार इनकी संख्या 198 कर दी गई है। बाजरा के लिए 128 व मक्का के लिए 19 मंडियां बनाई गई हैं।
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