Published - 25 Mar 2021
by Tractor Junction
रबी फसल की खरीद के भुगतान में देरी होने पर किसान को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ रकम का भुगतान करना होगा। ये घोषणा हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की है। घोषणा के मुताबिक यदि एक अप्रैल से शुरू होने वाले रबी सत्र के दौरान किसानों को उनकी फसलों की खरीद के लिए भुगतान किए जाने में देर की जाती है तो उन्हें नौ प्रतिशत की ब्याज का भी भुगतान किया जाएगा। खरीद की गई फसलों का भुगतान सीधे किसानों के सत्यापित खातों में किया जाएगा। मुख्यमंत्री बीते दिनों आगामी खरीद सत्र में लगे अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते कर रहे थे और उसी दौरान उन्होंने किसानों के हित में ये बात कही। बता दें कि हरियाणा में गेहूं और सरसों की खरीद एक अप्रैल से शुरू होगी, जबकि अन्य फसलों की खरीद 10 अप्रैल से शुरू की जाएगी। किसानों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खरीद केंद्रों में उपयुक्त व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए हैं।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों को निर्धारित समय अवधि के भीतर अपनी खरीदी गई उपज का भुगतान प्राप्त करना होगा। भुगतान में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसानों को समय पर भुगतान किया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारियां तय की जानी चाहिए।
बैठक के दौरान, खट्टर ने फसलों की सुचारू खरीद के लिए किए जा रहे प्रबंधों की भी समीक्षा की और संबंधित विभागों और खरीद एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राज्य भर में विभिन्न मंडियों में किसानों को अपनी उपज बेचते समय किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। खट्टर ने कहा कि अग्रिम निर्धारित योजना बनाकर परेशानी से मुक्त और समयबद्ध खरीद सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल की तरह राज्य में कोविड -19 मामलों में अचानक वृद्धि को देखते हुए, खरीद केंद्रों की आवश्यक संख्या में भी वृद्धि की जानी चाहिए ताकि परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित की जा सके।
खट्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन खरीद केंद्रों की स्थापना के लिए आवश्यक स्थानों की समय पर पहचान जल्द से जल्द की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडियों से फसलों को समय पर उठाने के लिए उपयुक्त परिवहन व्यवस्था की जानी चाहिए और अगर कोई ट्रांसपोर्टर 48 घंटे के भीतर फसलों को उठाने में विफल रहता है, तो उपायुक्तों को किसी भी वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था के साथ तैयार रहना चाहिए।
बैठक के दौरान, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, अनुराग रस्तोगी ने बताया कि खरीद के पूरे मौसम में उक्त बातों के सख्त कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक उपायक्त को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)/ दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक खरीद केंद्र पर कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए।
हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। पंजीकरण के अभाव में किसानों से फसल नहीं खरीदी जाएगी। हरियाणा के किसान ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रबी फसलों (गेहूं, सरसों, जौ, सूरजमुखी, चना एवं धान) के पंजीकरण करवा सकते हैं। बता दें कि इस वर्ष पंजीकरण के लिए ‘परिवार पहचान-पत्र’का होना अनिवार्य कर दिया है। किसानों अपने कृषि उत्पादों को मंडियों में बेचने एवं कृषि या बागवानी विभाग से संबंधित योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अपनी फसलों का पंजीकरण ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in में करवा सकते है। यह पंजीकरण कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी किया जा सकता है।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण करने के लिए किसानों को जिन दस्तावेजों की जरूरत होगी उनमें आवेदक आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, परिवार पहचान पत्र, मोबाइल नंबर, ज़मीन के कागजात, आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।