प्रकाशित - 31 May 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
मई का महीना चल रहा है। इस महीने किसान जायद फसलों की तैयारी कर सकते हैं। इस समय किसान खेत में गहरी जुताई करके कीट, रोग से छुटकारा पाकर अपने फसलोत्पादन को बढ़ा सकते हैं। खेत की गहरी जुताई करने से न केवल मिट्टी की क्वालिटी में सुधार होता है, बल्कि फसल की पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है। कृषि एक्सपर्ट्स के मुताबिक गर्मियों में की गई खेत की गहरी जुताई से मिट्टी में मौजूद कीट, खरपतवार और बीमारियाें का असर काफी हद तक कम हो जाता है।
एक परीक्षण के आधार पर प्राकृतिक खेती से उत्पादन में भी 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है। यदि गर्मी की जुताई, सही तरीके और समय पर की जाए तो यह खेत की सेहत सुधारने का सबसे आसान तरीका होगा। यदि आप भी जायद फसलों का बेहतर उत्पादन चाहते हैं तो इस बार गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करके उत्पादन बढ़ाएं और खेती की लागत को कम करके खेती को लाभकारी बना सकते हैं।
ग्रीष्मकालीन जुताई काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे रबी फसलों की कटाई के बाद किया जाता है। मई का महीना गहरी जुताई के लिए काफी अच्छा माना गया है। इस समय खेतों में थोड़ी नमी रहती है, जिससे मिट्टी पलटना आसान हो जाता है। जुताई करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि खेत की ऊपरी परत नीचे और नीचे की परत ऊपर आ जाए। यदि खेत का ढाल पूरब से पश्चिम है, तो जुताई उत्तर से दक्षिण की दिशा में करनी चाहिए। जमीन ऊंची–नीची हो तो जुताई ऐसी दिशा में की जानी चाहिए जहां बरसात का पानी रुके नहीं और मिट्टी में समा जाए ताकि खेत में नमी बनी रहे।
गर्मी के मौसम में किसान तीन तरीकों से जायद फसलों की खेती के लिए गहरी जुताई करके खेत को तैयार कर सकते हैं। जायद के लिए गहरी जुताई तीन तरीके की जा सकती है, जिसमें बाहर से भीतर की ओर, भीतर से बाहर की ओर तथा चक्का दरार जुताई शामिल है। जुताई का तरीका खेत की बनावट और ढलान पर निर्भर करता है । यदि ढाल ज्यादा है तो टेढ़ी-मेढ़ी जुताई करें। मिट्टी पलटने वाले हल या टर्नरिस्ट हल का उपयोग करें। साथ ही बारिश से पहले ही खेत में पानी की निकासी और सिंचाई की नालियों की भी व्यवस्था कर लें।
जायद फसलों के लिए खेत की तैयारी में ट्रैक्टर, मिट्टी पलटने वाला हल, डिस्क हल, रोटरी कल्टीवेटर आदि का इस्तेमाल किया जाता हे।
ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करीब 9 से 12 इंच गहरी की जानी चाहिए। जबकि अधिकांश किसान एक निश्चित गहराई तक ही जुताई करते हैं, आमतौर पर किसान 6 से 7 इंच तक ही जुताई करते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि बारिश के कुछ समय बाद पानी का अपवाह शुरू हो जाता है जिससे मिट्टी नमी की कमी हो सकती है। जबकि 9 से 12 इंच तक जुताई करने से लंबे समय तक खेत में नमी बनी रहेगी।
खेत की गहरी जुताई करने से मिट्टी की ऊपरी सख्त परत टूटती है, जिससे बारिश का पानी अंदर जाता है जिससे खेत में नमी बनी रहती है जो खेत और फसल दोनों के लिए अच्छा है, खेत की गहरी जुताई से जो अन्य लाभ मिलते हैं, वे इस प्रकार से हैं–
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