अक्टूबर माह के कृषि कार्य : प्याज, लहसुन, फूलगोभी, मटर, टमाटर, पपीता, इसबगोल में होगा फायदा

Share Product Published - 17 Oct 2020 by Tractor Junction

अक्टूबर माह के कृषि कार्य : प्याज, लहसुन, फूलगोभी, मटर, टमाटर, पपीता, इसबगोल में होगा फायदा

अक्टूबर माह में की जाने वाली वानिकी क्रियाएं, किसान करें ये काम

किसानों अपने खेत में दाल व अनाज के साथ अलावा सब्जियां व फलों का उत्पादन भी करते हैं। कई किसान तो ऐसे हैं कि वे सिर्फ सब्जी और फल उत्पादन से ही अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इसके पीछे कारण यह है कि वे समय-समय पर सब्जियों व फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

इस प्रयासों में प्रमुख है, सब्जियों व फलों को समयानुसार बोना व उनके उत्पादन काल के दौरान उनकी अच्छे से देखभाल करना ताकि स्वस्थ व गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्राप्त हो सके। आज हम आपको इसी विषय पर जानकारी देंगे कि सब्जियों व फलों के उत्पादन काल में इनका किस प्रकार ध्यान रखना चाहिए और कौन-कौनसी वानकी क्रियाएं करनी चाहिए, जिससे गुणवत्तापूर्ण उत्पादन में बढ़ोतरी हो और किसानों भाइयों को अपने उत्पाद का बाजार में बेहतर दाम मिल सके। आज हम अक्टूबर माह में की जाने वाली वानकी क्रियाओं के बारें में आपको बता रहे हैं। आशा करते हैं ये जानकारी हमारे किसान भाइयों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1


प्याज की नर्सरी लगाएं

इस माह प्याज की नर्सरी ऊंची उठी शैय्या पर लगाएं। प्याज की उन्नत किस्मों में अलों ग्रनों, पूसा रेड, पूसा रतनार, पूसा व्हाईट पलैट, पूसा व्हाइट राऊड व पूसा माधवी है। इससे पहले नर्सरी में कम्पोस्ट खाद मिलाकर शैया तैयार करें। इसके बाद 5 किलोग्राम बीज को नर्सरी में लगाएं। यह कार्य 17 अक्टूबर से लेकर 17 नबंवर माह तक किया जा सकता है।

 

गाजर व मूली की बुवाई करें

जापानी व्हाईट मूली तथा पूसा केसर व पूसा मघाली गाजर अक्टूबर में बोई जा सकती है। सितंबर में बोई फसल में आधा बोरा यूरिया डाल दें तथा 10 दिन के अंतर पर सिंचाई करें। कीट-नियंत्रण के लिए 0.2 प्रतिशत मैलाथियान छिडक़ाब करना चाहिए।

 

 

मटर की बीजाई करें

मटर अर्कल 17 अक्टूबर से 7 नवंबर तक तथा वोर्नवीला एवं लिकंन अक्टूबर के अंत से 17 नवंबर तक बोया जा सकता है। बीजाई से पहले खेत में आधा बोरी यूरिया, 8 टन कम्पोस्ट, 3 बोरे सिंगल सुपर फासफेट, 1 बोरा म्युरेट आफ पोटाश डालना चाहिए। फिर 30 किलोग्राम बीज रातभर भिगोकर 1-1.5 फुट दूर लाइनों में एक इंच पौधों में दूरी रखकर बुवाई करनी चाहिए। बीजाई के बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। खरपतवार नियंत्रण के लिए 600 ग्राम स्टोम्प को 370 लीटर पानी में घोलकर बिजाई के 1-2 दिन के अंतर पर खेत में छिडक़ाव करें। इसके बाद पहली सिंचाई 27-30 दिन बाद करें। कीट-नियंत्रण के लिए 0.1 प्रतिशत इंडोसल्फान या मैलाथियान का छिडक़ाव करना चाहिए।


टमाटर की विशेष फसल के लिए अभी करें बीजाई / टमाटर की बुवाई

टमाटर की विशेष फसल के लिए अक्टूबर के शुरू में बीजाई करके मध्य नवंबर तक रोपाई कर कर सकते हैं। बोने से पहले, 170 ग्राम बीज को 0.7 ग्राम थीरम से उपचारित कर लें तथा हर 17 दिन बाद शाम के समय 2 ग्राम थीरम प्रति लीटर पानी में घोलकर का छिडक़ाव करें। सफेट मक्खी की रोकथाम के लिए नर्सरी में 0.1 प्रतिशत मैलाथियान 17 दिन के अंतर पर छिडक़ाव किया जा सकता है। पुरानी टमाटर की फसल से रोगग्रस्त पौधे उखाडक़र जला दें। दवाइयां छिडक़ने से पहले फल तोड़ लेना चाहिए ताकि दवा का दुष्प्रभाव फलों पर न हो।


फूलगोभी की नर्सरी तैयार करें

फूलगोभी की पूसा स्नोवाल-1 व पूसा स्नोवाल के-1 किस्में 17 अक्टूबर तक नर्सरी में बोई जा सकती है। इसके चार सप्ताह बाद खेत में रोपाई करें। पुरानी फसल में 10 दिन के अंतर पर सिंचाई करते रहें। खरपतवार नियंत्रण के लिए एक गुडाई करें तथा यूरिया की दूसरी किस्त एक बोरा, पहली किस्त के 30-40 दिन बाद दें। कीड़ों से बचाव के लिए फूलगोभी पर 0.2 प्रतिशत मैलाथियान का छिडक़ाव करते रहना चाहिए।


इस माह भी लगा सकते हैं पालक व मैथी

पालक व मैथी को अक्टूबर माह में भी लगाया जा सकते है। सितंबर में बोई फसल को 30 दिन बाद काट सकते है। ध्यान रहें तथा हर कटाई के बाद आधा बोरा यूरिया अवश्य डाल दें। सिंचाई हर सप्ताह करें। कीट के नियंत्रण के लिए 0.2 प्रतिशत मैलाथियान का छिडक़ाव किया जाना चाहिए।


अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में लगाएं बरसीम

बरसीम को अक्टूबर के आखिरी सप्ताह तक लगा सकते है। सितंबर में लगी फसल में 10 दिन के अंतर पर सिंचाई करते रहें। रिजका (लूसर्न) भी चारे की अच्छी फसल है इसे गहरी अच्छे निकास वाली दोमट भूमि में 17 अक्टूबर से लगा सकते हैं। रिजका की उन्नत किस्म लुसर्न-9, एल एल कम्पोजिट-7 तथा लुसर्न-टी है। इसे 7 कि.ग्रा. बीज को राइजावियम जैव खाद लगाकर एक फुट दूर लाइनों में 1-2 इंच गहरा बोया जाना चाहिए। बीजाई के समय आधा बोरा यूरिया तथा 4 बोरे सिंगल सुपरफासफेट को 8 इंच गहरा ड्रिल करें।


जई की इन किस्मों को बोएं

जई बोने का उत्तम समय 17 से 30 अक्टूबर तक का रहता है। इसलिए इसकी बुवाई अभी कर सकते हैं। इसके लिए उन्नत किस्मों में ओ.एल-9, कैन्ट व हरियाणा जई है जो कई कटाइयां देती है। जई का 27 कि.ग्रा. बीज 27 ग्राम वीटावैक्स से उपचारित करके 7 इंच दूर लाइनों में लगाएं। इसमें बीजाई पूर्व सिंचाई बहुत लाभदायक रहती है। बीजाई के समय पौना बोरा यूरिया व एक बोरा सिंगल सुपर फासफेट खेत में डालना चाहिए। इससे बेहतर उत्पादन मिलता है।


कम पानी वाले क्षेत्रों में लगाएं इसबगोल

इसबगोल एक औषधीय फसल है जिसे अच्छे जल निकाल वाली मिट्टी तथा कम पानी वाले क्षेत्रों में 17 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच लगा लगाया जा सकता है। बीजों को बोने से पहले इनको उपचारित करें। करीब 3 कि.ग्रा. बीज को 9 ग्राम थिरम से उपचारित करके 9 इंच दूर लाइनों में एक इंच से कम गहरा बोयें। बीजाई के पहले आधा बोरा यूरिया व आधा बोरा सिंगल सुपर फासफेट दें। पहली सिंचाई एक माह बाद करें तथा बाद में आधा बोरा यूरिया दो लाइनों के बीच दें। दूसरी व तीसरी सिंचाई एक माह के अंतर की जा सकती है।


देसी किस्म की लहसुन की करें बुवाई

लहसुन की देसी किस्म की साफ 200-300 किलोग्राम फांके 6&4 इंच दूरी पर अक्टूबर माह में लगाएं। खेत तैयार करते समय 20 टन कम्पोस्ट, आधा बोरा यूरिया, 1 बोरा सिंगल सुपर फास्फेट तथा 1 बोरा म्युरेट आफ पोटाश दें। शेष आधा बोरा यूरिया नवंबर माह में लहसुन की लाइनों के बीच डालें।


पपीते को तना गलन रोग से बचाएं

  • पपीते को तन्ना गलन रोग से बचाने के लिए खेत में पानी जमा नहीं रहने दें। रोग फैलने पर 2 ग्राम केप्टाळून प्रति लीटर पानी में घोल कर 17 दिन बाद छिडक़ाव करें।
  • नींबू में रोगग्रस्त टहनियां काट दें फिर 0.3 प्रतिशत कॉपर-आक्सीक्लोराईड स्प्रे करें।
  • डहलिया लगाएं, गुलाब की देखभाल करें-
  • इस माह डहलिया को गमलों में लगाया जा सकता है। इस मौसम में इसे लगाने पर इसकी बढ़वार अच्छी होती है।
  • गुलदाऊदी पर जल्दी आई कलियों को तोड़ देना चाहिए। इससे फूल बड़े आकार के आते हैं।
  • गुलाब के पौधे की कांट-छांट व गुड़ाई करें।

 

 

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back