Published - 13 Aug 2020 by Tractor Junction
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सरकार ने शहर के रेहड़ी-पटरी वालों को अपना काम शुरू करने के लिए 20 हजार रुपए तक का लोन मुहैया का फैसला किया है। अधिकारियों द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार शहर के रेहड़ी-पटरी वालों को 20 हजार रुपए तक का कर्ज मुहैया कराएगी। राष्ट्रीय राजधानी में करीब पांच लाख रेहड़ी-पटरी वाले हैं, लेकिन, केवल 1.3 लाख ने ही अपना पंजीकरण नगर निगम और एनडीएमसी में कराया हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि डीएसएफडीसी रेहड़ी-पटरी वालों को कम ब्याज दर पर कर्ज मुहैया कराएगा।
उन्होंने कहा कि समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने एक बैठक के बाद यह फैसला लिया है। दिल्ली एससी, एसटी, ओबीसी, माइनॉरिटी एंड हैंडीकैप्ड फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन यानी डीएसएफडीसी ने रघुबीर नगर में 60 वर्क शेड का भी रेनोवेशन किया है। यह अनुसूचित जाति के उद्यमियों को आवंटन के लिए तैयार हैं।
रेहड़ी-पटरी, सडक़ पर ठेला लगाने वाले या सडक़ किनारे दुकान लगाने वाले लोग आर्थिक दृष्टि से कमजोर होते हैं और वे अपनी रुपए संबंधी आवश्यकताओं को स्थानीय स्तर पर साहूकारों से उधार रुपए लेकर पूरी करते हैं। साहूकारों द्वारा मनमानी तरीके से ऊंची ब्याज दर पर कर्ज दिया जाता है जिसे चुकाना इन लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है।
लेकिन सरकार द्वारा ऐसे लोगों को बैंक से कम ब्याज दर लोन मुहैया कराने से इनकी साहूकारों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी और सरकार भी यही चाहती है। सरकार द्वारा कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है जिसे लेना बेहद आसान है और उसे चुकाना भी। सरकार के इस फैसले से निश्चित ही रेहड़़ी-पटरी वाले कमजोर तबके को लाभ होगा और उन्हें साहूकारों के ऊंचे ब्याज से छुटकारा मिलेगा।
लोन प्राप्त करने के लिए सबसे पहले रेहड़ी-पटरी, ठेला या सडक़ किनारे दुकान लगाने वाले लोगों को अपना नगर निगम और एनडीएमसी में पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के बाद पात्रता पूरी करने पर आपको बैंक से लोन मुहैया कराया जाएगा। पंजीकरण के लिए आपको आधार कार्ड, वोटर आईडी, मोबाइल नंबर, किस कार्य हेतु लोन लेना है आदि जानकारी देनी होती है।
रेहड़ी-पटरी, ठेले या सडक़ किनारे दुकान चलाने वालों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना शुरू की है। इसके तहत रेहड़ी-पटरी, ठेले या सडक़ किनारे दुकान लगाने वालों को कम ब्याज पर 10 हजार रुपए तक का लोन मुहैया कराया जाता है। इस स्कीम का मकसद रेहड़ी-पटरी और छोटी दुकान चलाने वालों को सस्ता कर्ज देना है।
इस स्कीम को पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि के नाम से भी जानते हैं। इस स्कीम के तहत हर स्ट्रीट वेंडर 10,000 रुपये तक लोन ले सकता है। इस राशि को रेहड़ी-पटरी वाले 1 साल के भीतर किस्त में लौटा सकते हैं। यह बेहद आसान शर्तों के साथ दिया जाएगा। इसमें किसी गारंटी की जरूरत नहीं होगी। इस तरह यह एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन होगा।
इस लोन को समय पर चुकाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को 7 फीसद का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के तौर पर उनके अकाउंट में सरकार की ओर से ट्रांसफर किया जाएगा। इस स्कीम के तहत जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है।
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