Published - 16 Dec 2021
by Tractor Junction
अब किसान अपनी गिरदावरी रिपोर्ट अपने मोबाइल पर ऑनलाइन देख सकेंगे। इसके लिए सरकार ने सारा एप पर जियो फेंस तकनीक का इस्तेमाल कर गिरदावरी की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि गिरदावरी रिपोर्ट को ऑनलाइन सभी लोग देख सकेंगे। इस तकनीक के इस्तेमाल करने का सरकार का उद्देश्य गिरदावरी रिपोर्ट में पारदर्शिता लाना है। इससे किसानों को वास्तविक नुकसान का मुआवजा मिल सकेगा। बता दें कि फसल बेचने एवं फसल का नुकसान होने पर मुआवजा आदि के कार्यों के लिए गिरदावरी की आवश्यकता होती है। ऐसे में फसलों की सही गिरदवारी होना आवश्यक है, जिससे फसलों की सही जानकारी एकत्रित कर किसानों को नुकसान का सही लाभ पहुंचाया जा सके। यह पहल मध्यप्रदेश सरकार की ओर से की जा रही है। इससे यहां केे किसानों को लाभ होगा।
कृषि क्षेत्र में सरकार की ओर से निरंतर नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसी ही नई तकनीक का प्रयोग अब मध्यप्रदेश राज्य सरकार करने जा रही है। जिसके तहत किसानों की फसलों की सही गिरदावरी सीधे एप पर अपलोड की जाएगी, जिसे आमजन द्वारा पोर्टल पर देखा जा सकता है। इस संबंध में मध्यप्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि गुणवत्तापूर्ण फसल गिरदावरी कार्य सुनिश्चित करने के लिए सारा एप में जियो फेंस तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस संबंध में आयुक्त भू-अभिलेख ने सभी कलेक्टर्स को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि अभी तक फसल गिरदावरी का काम सारा एप के माध्यम से ही किया जा रहा है। परंतु अब गुणवत्तापूर्ण गिरदावरी जांच का काम भी जियो फेंस तकनीक के साथ सारा एप के माध्यम से किया जाएगा।
राजस्व मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि गिरदावरी डाटा का उपयोग ई-उपार्जन, फसल बीमा आदि योजनाओं में किया जाता रहा है। ई- उपार्जन से प्राप्त होने वाली फसल की जानकारी में विसंगति की शिकायतों के लंबित रहने पर फसल कटने के बाद शिकायत निराकरण में कठिनाई होती है। जियो फेंस तकनीक के उपयोग से फसल गिरदावरी के डाटा मे सुधार हुआ है। इस तकनीक में खेत में जाकर गिरदावरी की जानकारी फोटो सहित जियो लोकेशन अद्यतन की जाती है, जिसे आमजन द्वारा पोर्टल पर देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जियो फैंस तकनीक का उपयोग अन्य राज्यों में किया जा रहा है। मध्यप्रदेश द्वारा कर्नाटक की तर्ज पर इस तकनीक का सारा एप में उपयोग किया गया, जिसके सार्थक परिणाम आने पर तकनीक को निरन्तर किया जा रहा है।
सारा एप में फेंस तकनीकी के कारण गिरदावर को अब फसल संबंधी जानकारी के लिए स्वयं खेत पर जाना होगा। जिसपर फसल की फोटो के साथ ही उसकी लोएशन भी अपडेट करनी होगी। अब इस एप के कारण वे एक जगह खटिया पर बैठकर गिरदावरी नहीं कर सकेंगे। आयुक्त ने सभी कलेक्टर्स को समय-सीमा में गिरदावरी की कार्यवाही कराए जाने के लिए कहा है।
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से सारा एप लॉन्च किया हुआ है। इस ऐप के माध्यम से किसान गिरदावरी कार्य से संबंधित कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं सुचारू रूप से कार्य करने के लिए सरकार द्वारा किसानों की राय भी इस एप के द्वारा ली जाती है। इस एप के जरिये विभिन्न फसलों को भी पोर्टल में रिकॉर्ड किया जाता है। सारा ऐप एक बहुत ही महत्वपूर्ण मोबाइल एप्लीकेशन है जिसके जरिए किसान द्वारा उसकी भूमि में बोई गई विभिन्न प्रकार की फसलों को इस पोर्टल द्वारा दर्ज किया जाएगा। किसान बोई गई फसलों का रिकॉर्ड स्वयं इस पोर्टल में दर्ज कर सकते है।
फसल गिरदावरी के माध्यम से, किसान फसल बीमा, प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली मौद्रिक सहायता, बैंक ऋण और अन्य योजना-संबंधी लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इतना ही नहीं इस ऐप के माध्यम से भूमि धारक के नाम का हस्तांतरण भी आसान हो गया है। इस ऐप ने फसल संबंधी सभी आंकड़ों में पारदर्शिता पैदा की है और लोग अब ऐप के माध्यम से सभी लाभों और योजनाओं की जांच कर सकते हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश सरकार ने एमी-ई-उपार्जन एप भी लांच की है।
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