Published - 01 Apr 2021 by Tractor Junction
उन किसानों के लिए ये बहुत अच्छी खबर है जिन्होंने इस बार सरसों का उत्पादन किया है। इस बार बाजार में सरसों का भाव तेज चलने से किसानों को उनकी सरसों का अच्छा भाव मिल रहा है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बाजार में किसानों की सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य से करीब 1000 रुपए तक ज्यादा में भाव में बिक रही है जिससे उन्हें फायदा हो रहा है। सरसों का बाजार भाव 5,800 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहा है। जबकि रबी सीजन के लिए सरकार ने सरसों का एमएसपी 4,650 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। अलवर मंडी की बात करें तो कुछ दिन पहले 6000 रुपए क्विंटल के हिसाब से सरसों मंडी में बिकी थी। हालांकि अभी के ताजा भावों में गिरावट आई है फिर भी सरसों के भाव एमएसपी से ऊंचे बने हुए है।
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कारोबारियों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाने के तेलों के दाम ऊंचे होने से सरसों के भाव में तेजी आई है। आगे आवक जोर पकडऩे के बावजूद भाव में गिरावट की संभावना कम ही नजर आती है। आयातित खाद्य तेलों के भाव महंगे चल रहे हैं। इसलिए सरसों तेल की खपत बढ़ गई है। क्रूड पाम तेल का भाव भी ऊंचा है। वहीं अन्य तेलों में मिलावट की जा सकती है लेकिन सरसों के तेल में मिलावट की गुंजाइश नहीं होती है। जिससे लोगों को शुद्ध तेल मिल रहा है।
देश में इस साल सरसों का उत्पादन 104.27 लाख टन रहने का अनुमान है। हालांकि खाद्य तेल उद्योग संगठन सेंट्रल ऑगेर्नाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (सीओओआईटी) और मस्टर्ड ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) के आकलन के अनुसार, देश में इस साल सरसों का उत्पादन 89.50 लाख टन रहेगा। इसके मुताबिक राजस्थान में सबसे अधिक 35 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 15 लाख टन, पंजाब, हरियाणा में 10.5 लाख टन, मध्य प्रदेश में 10 लाख, पश्चिम बंगाल में पांच लाख और गुजरात में चार लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया गया। इसके अलावा दस लाख टन अन्य राज्यों में होने का अनुमान है। कुल मिलाकर 89.50 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया गया। वहीं पिछले साल 72 से 75 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान जताया गया था। अभी फिलहाल देश के विभिन्न राज्यों में इस समय रबी फसल की कटाई का काम चल रहा है। 26 मार्च तक रबी फसलों की 48 फीसदी कटाई की जा चुकी है।
सिरसा अनाज मंडी नई सरसों का भाव 4600-4971, ऐलनाबाद मंडी में नई सरसों 4800-5054 रुपए, सिवानी मंडी में सरसों 4950, आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 4962, भट्टू मंडी में सरसों 4890, डबवाली मंडी में सरसों का भाव 4800 से 5065 रुपए प्रति किवंटल का रहा। इसी प्रकार राजस्थान अलवर मंडी सरसों 4800- 5300 रुपए प्रति क्विंटल, नोहर मंडी में सरसों का भाव 4500 से 5000, पिली सरसों 5550, सादुलशहर सरसों का रेट 4870-5251, गोलूवाला मंडी में सरसों 4950-5065 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिकी। इधर मध्यप्रदेश की इंदौर मंडी में सरसों के भाव सरसों 4950-5000 रुपए प्रति क्विंटल बने रहे।
राजस्थान की अलवर मंडी में सरसों की आवक शुरू हो चुकी है। मंडी में प्रतिदिन सरसों के 15 हजार से अधिक कट्टे बिकने आ रहे हैं। किसानों को सरसों के दाम बेहतर मिल रहे हैं। मंडियों में मई जून माह तक सरसों की आवक रहेगी। अलवर के अलावा खैरथल, खेड़ली, नगर, गोविंदगढ़ सहित जिले की अन्य मंडियों में भी बड़ी संख्या में सरसों बिकने के लिए आ रही है। अलवर के अलावा धौलपुर, भरतपुर, करौली, दौसा के आसपास के जिलों में भी सरसों की बंपर पैदावार होती है। अलवर के आसपास क्षेत्र की सरसों अन्य जगहों की तुलना में बेहतर होती है। इसलिए अलवर के तेल की डिमांड अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा है। सीजन के समय अलवर मंडी में 50 हजार बोरी सरसों की आवक होती है। इधर हरियाणा के सिरसा जिले की मंडियों में पिछले दिनों 7846 क्विंटल सरसों पहुंच चुकी है। जिले में प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा 4700 से लेकर 5471 रुपए प्रति क्विंटल सरसों खरीद की जा रही है। हालांकि यहां एक अप्रैल से सरकारी खरीद शुरू होने जा रही है जिसे लेकर सभी तैयारियां कर ली गई हैं।
व्यापारियों के अनुसार सरसों का आकलन तेल की मात्रा के हिसाब से होता है। एक क्विंटल सरसों में 42 किलो सरसों का तेल निकलना चाहिए। व्यापारी सरसों में अधिकतम 42 प्रतिशत तेल की मात्रा होने के हिसाब से ही किसान को दाम देते हैं। इस बार सरसों की फसल में समय-समय पर हुई बरसात से सरसों में तेल मात्रा बढ़ी है। सरसों में यदि तेल की मात्रा 42 प्रतिशत से अधिक होगी तो उसी हिसाब से अधिक भाव दिया जाएगा। इस समय सरसों में 43 से 45 प्रतिशत तेल की मात्रा मिल रही है। इसलिए किसानों को भी बेहतर दाम मिल रहे हैं।
इस बार किसानों को मंडियों में व्यापारियों द्वारा ऊंचे भावों में सरसों की खरीद की जा रही है। इससे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद कम ही हो पाएगी। बता दें कि पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान सरसों का अच्छा उत्पादन हुआ और किसानों ने रिकार्ड सरसों की सरकारी दर पर बिक्री की। इसका लाभ किसानों को मिला। अब चूंकी इस बार सरसों का बाजार भाव अधिक होने से किसानों की रूचि समर्थन मूल्य पर अपनी सरसों बेचने पर कम ही नजर आ रही है। किसानों का कहना है कि सरकार को भी बाजार भाव पर सरकारी खरीद करनी चाहिए।
सरसों का तेल अब बाजार में 140 से 150 रुपए लीटर है। जिसका भाव पिछले एक महीने में 20 से 30 रुपये लीटर तक बढ़ गया। जिले में सरसों की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। इसका असर तेल पर भी पड़ेगा। तेल कारोबारियों का कहना है कि सरसों का अच्छा उत्पादन हुआ तो बढ़े हुए तेल के दाम से आमजन को राहत मिलेगी। अब घी में अधिक मिलावट होने पर लोग सरसों का तेल ही भोजन में करने लग गए है।
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