Published - 13 Jun 2022 by Tractor Junction
पंजाब में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन (जायद) मूंग की खरीद शुरू की गई है। बताया जा रहा है कि मूंग की एमएसपी पर खरीद से किसानों को प्रति एकड़ 36 हजार रुपए की आय होगी। मूंग की खरीद के लिए पंजाब में 40 मंडियों को अधिकृत किया गया है। मूंग की एमएसपी पर खरीद को लेकर किसान और सरकार दोनों उत्साहित हैं। इस वर्ष पंजाब में सबसे अधिक ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई हुई है। जिन किसानों की मूंग की फसल तैयार है, वे मंडियों में इसे बचने के लिए आ रहे हैं। बता दें कि जायद मूंग की खेती से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है। क्योंकि रबी की कटाई के बाद खेत खाली हो जाते हैं, ऐसे में कई किसान जायद मूंग की खेती करते हैं जिससे उन्हें अतिरिक्त आय होती है। पंजाब सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए जायद मूंग की खरीद शुरू कर दी है। बता दें कि इस बार पंजाब के इतिहास में पहली बार एक लाख एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में मूंग की बुवाई हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर पंजाब सरकार ने पहली बार ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदनी शुरू की है। पंजाब मंडी बोर्ड से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य भर की विभिन्न मंडियों में 1503 क्विंटल मूंग की आवक हुई है, जिसमें से लुधियाना जिले की जगरांव मंडी में सबसे अधिक (अब तक 58 फीसदी ) मूंग की आवक हुई है। वहीं राज्य की अन्य मंडियों में भी मूंग की आवक शुरू हो गई है।
पंजाब में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक 878 क्विंटल मूंग की खरीद की जा चुकी है। राज्य की एजेंसी मार्कफेड ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 663 क्विंटल मूंग की खरीद की गई है। जबकि शेष 215 क्विंटल निजी एजेंसियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक भाव पर किसानों से मूंग की खरीद की है।
पंजाब में ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल की खरीद 7275 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। किसानों को गेहूं काटने के बाद और धान की फसल लगाने से पहले इस फसल से औसत पांच क्विंटल की उपज निकलने पर प्रति एकड़ 36000 रुपए की अतिरिक्त आमदन होगी। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार भगवंत मान ने किसानों से अपील की थी कि इस प्रयास से हम भूजल जैसे बेशकीमती प्राकृतिक संसाधन को बचाने के अलावा जमीन की उपजाऊ शक्ति में सुधार कर सकेंगे और किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी।
पंजाब राज्य सरकार की ओर से मूंग की खरीद 31 जुलाई तक की जाएगी। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष 2022-23 सीजन के लिए मूंग की फसल खरीदने, भंडारण और अन्य प्रबंधों के लिए मार्कफेड और सहकारी सभाओं को नोडल एजेंसियां बनाया है। वहीं पंजाब मंडी बोर्ड ने राज्य भर में 40 मंडियों को मूंग की खरीद के लिए अधिसूचित किया है। मूंग की फसल बेचने में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए मार्कफेड और सहकारी सभाओं का स्टाफ अधिसूचित मंडियों में लगाया गया है।
राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से मूंग की खरीद की जा रही है जिसका भुगतान किसानों को 72 घंटों के दौरान किया रहा है। किसानों को फसल का भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानि डीबीटी के माध्यम से किया जा रहा है। खरीद एजेंसी मार्कफेड मूंग बेचने वाले किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान कर रही है।
पंजाब में इस बार एक लाख एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई की गई है। जबकि पिछले साल 50 हजार एकड़ में मूंग की बुवाई हुई थी। इस साल राज्य में 4.75 लाख क्विंटल मूंग की पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में भी राज्य के किसानों से जल्दी ही मूंग की खरीद की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से लक्ष्य जारी कर दिए गए हैं। मूंग के अलावा मध्यप्रदेश सरकार किसानों से उड़द की खरीद भी करेगी। सरकार की ओर से मूंग की खरीद को लेकर जारी किए गए लक्ष्य के मुताबिक राज्य के किसानों से करीब 2 लाख 25 हजार 525 मीट्रिक टन मूंग की खरीद की जाएगी। वहीं उड़द के लिए 21 हजार 400 मीट्रिक टन का उपार्जन लक्ष्य दिया है। बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से वर्ष 2022-23 के लिए 4 लाख 03 हजार मीट्रिक टन मूंग और 27 हजार टन उड़द के प्रस्तावित उपार्जन से संबंधित प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था। जिसमें से केंद्र सरकार ने मूंग के लिए 2 लाख 25 हजार 525 मीट्रिक टन और उड़द के लिए 21 हजार 400 मीट्रिक टन का उपार्जन लक्ष्य स्वीकृत किया है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में पिछली बार प्रदेश के किसानों से 301 केंद्रों पर 4 लाख 39 हजार 563 मीट्रिक टन मूंग की खरीद की गई थी। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के लक्ष्य से तीन गुना अधिक खरीदी की थी जिसमें कुल 1 लाख 85 हजार किसानों से मूंग की खरीद की गई थी। इस वर्ष राज्य के नर्मदापुरम जिले सबसे अधिक 2 लाख 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मूंग की बुवाई हुई है। इसके अलावा राज्य के हरदा, होशंगाबाद, जबलपुर, ग्वालियर, भिंड, मुरेना, श्योपुर जिलों में भी किसानों ने मूंग की बुवाई की है।
केंद्र सरकार की ओर से हर रबी और खरीफ विपणन सीजन के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किए जाते हैं। बार खरीफ सीजन 2022-23 के लिए सरकार ने फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। इसमें मूंग का न्यूनतम समर्थन 2022-23 मूल्य एमएसपी 7,275 रुपए से बढ़ाकर 7,755 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है क्विंटल । बता दें कि इस बार ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल किसानों से रबी मूंग सीजन के लिए जारी किए गए एमएसपी पर ही की जाएगी जो 7,275 रुपए है। सरकार द्वारा मूंग पर जो एमएसपी बढ़ाया है उसका लाभ किसानों को खरीफ सीजन की फसल के विक्रय पर मिलेगा।
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