Published - 02 Apr 2021 by Tractor Junction
पंजाब में न्यूनतम समर्थन मूल्य 1 अप्रैल से शुरू होने वाली गेहूं की सरकारी खरीद को फिलहाल टाल दिया गया है। अब ये खरीद 10 अप्रैल से शुरू की जाएगी। दरअसल, कोविड-19 महामारी और समय पर फसलों के तैयार नहीं होने की वजह से केंद्र सरकार को यह फैसला लेना पड़ा। बीते शनिवार को पंजाब सरकार ने केंद्र से गेहूं की सरकारी खरीद के लिए समय सीमा पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया था। मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से खाद्य मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान से पता चलता है रबी सीजऩ 2021-22 के सरकारी खरीद की समय 1 अप्रैल से 25 तक तय की गई थी। लेकिन, अब इसे 10 अप्रैल से तक कर दिया गया है। मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘रबी फसलों की सरकारी खरीद को लेकर पंजाब सरकार के अनुरोध को मान लिया गया है. फसलों के पकने में देरी और राज्य में कोविड-19 की वजह से यह फैसला लिया गया है।’
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सरकार का अनुमान के अनुसार इस साल रबी सीजन में पंजाब से 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जाएगी। पिछले साल की तुलना में यह अनुमान ज्यादा है। रबी सीजन 2020-21 में कुल 127.14 लाख मिट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी। सरकार का लक्ष्य है कि इस साल कुल 427.36 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीद की जाएगी। रबी सीजन 2020-21 की तुलना में यह 9.56 फीसदी ज्यादा है।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मध्यप्रदेश में गेहूं की शासकीय खरीदी का पहला दिन शनिवार को लडख़ड़ाती व्यवस्था के साथ शुरू हुआ। गेहूं की गुणवत्ता जांचने के सर्वेयर एप में तकनीकी दिक्कत आने से इंदौर और उज्जैन संभाग के लगभग सभी केंद्रों पर देर से खरीदी शुरू हो पाई। गेहूं की औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) जांचने का एप कई केंद्रों के कंप्यूटर पर अपडेट नहीं हो पाया था। इस कारण एफएक्यू जांचने में कठिनाई आ रही थी। बाद में इसे हर केंद्र पर अपडेट कराया गया, तब जाकर गेहूं का एफएक्यू और किसानों की जानकारी ऑनलाइन हो पाई। दरअसल, शासन ने दो बार गेहूं खरीदी की तारीख बदली। इस कारण किसान भी असमंजस में रहे। इंदौर जिले में पहले दिन के लिए मोबाइल फोन पर संदेश तो 1280 किसानों को भेजे गए थे, लेकिन हर केंद्र पर पांच-सात किसान ही गेहूं बेचने पहुंचे। देवी श्री अहिल्या सहकारी विपणन संस्था, सांवेर, देपालपुर, गौतमपुरा, चंद्रावतीगंज जैसे केंद्रों पर यही हाल रहे। इंदौर जिले में पहले दिन शाम छह बजे तक 41 केंद्रों पर 161 किसानों से 3850 क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई।
उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पहले से तय समयानुसार ही 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई है। हरियाणा में पहले दिन 6402 किसानों को मैसेज भेजकर फसल बिक्री के लिए बुलाया गया है। इस बार 63.47 लाख एकड़ में गेहूं की फसल है. 125 लाख टन उत्पादन का अनुमान है। सरकार ने 81 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा है। पिछली बार 77 लाख टन खरीद हुई थी। बता दें कि इस बार फसल का भुगतान सीधे किसानों के खाते में जाएगा। सरकार ने 48 घंटे में पेमेंट देने का आश्वासन दिया है। डिप्टी सीएम ने कहा कि 48 घंटे में पेमेंट नहीं आई तो 72 घंटे बाद सरकार कुल राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज भी देगी।
हरियाणा में जिन किसानों ने ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है, उनके लिए मंडी अधिकारी फसल खरीद के लिए दिन तय करेंगे। जो रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए, उनके लिए 5 व 6 अप्रैल को पोर्टल एक बार फिर खुलेगा। दूसरे राज्य में फसल है तो जमीन की वेरिफिकेशन दिखानी होगी. फसल मंडी में लाने के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर किसान द्वारा दर्ज मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजा जाएगा। इसमें मंडी में फसल लाने के लिए दिन व समय दिया होगा।
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