Published - 09 Jun 2021 by Tractor Junction
इस समय रबी फसल की खरीद जोरों पर चल रही है। इसी बीच सरकार ने जायद मूंग की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को मंजूरी दे रही है। यह मंजूरी मध्यप्रदेश राज्य को दी गई है जहां इस बार जायद मूंग की फसल काफी अच्छी हुई है। इस वर्ष राज्य में जहां जायद में मूंग की खेती के रकबे में भी बढ़ोतरी हुई है वहीं इसकी पैदावार भी अच्छी हुई है लेकिल बाजार में इसके गिरते भाव को देखते हुए किसान चिंतित हैं। इसको देखते हुए जायद में किसानों द्वारा लगाई गई मूंग को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने जायद मूंग को समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला लिया है। बता दें कि समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार से अनुमति पहले ही मिल गई है। राज्य में उत्पादित मूंग की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी किन्तु अब सरकार ने इसके लिए पंजीकरण की व्यवस्था भी कर दी है। साथ ही 15 जून से मूंग की खरीदी भी की जाएगी।
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ग्रीष्मकालीन (जायद) के मौसम में जहां सिंचाई के चलते अधिकतर खेत खाली पड़े रहते हैं। वहीं मध्यप्रदेश में हरदा और होशंगाबाद में किसानों ने 3 लाख 33 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की फसल लगाई है। कृषि मंत्री पटेल के अनुसार सिर्फ दो जिलों हरदा और होशंगाबाद में 3 हजार 500 करोड़ रुपए की मूंग का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। मध्यप्रदेश में इस वर्ष कुल 4.77 लाख हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल की बोवनी की गई है, जिससे 6.56 लाख मीट्रिक टन मूंग का उत्पादन होना संभावित है। इसका कारण कृषि मंत्री ने बताया कि इस वर्ष जायद में मूंग उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने एवं सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने तवा डैम के गेट खुलवाएं, बल्कि सिंचाई के लिए सभी को पानी उपलब्ध हो, इसके लिए मॉनिटरिंग की समुचित व्यवस्था की भी निगरानी की गई।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा प्रदेश में किसानों से मूंग की खरीदी 15 जून 2021 से प्रारंभ होगी। भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के लिए मूंग की खरीदी का लक्ष्य और समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। इसमें मूंग का समर्थन मूल्य 7196 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए राज्य में पंजीकरण 8 जून से किए जा रहे हैं। राज्य के किसानों को अपनी मूंग की फसल बेचने के लिए पहले रजिस्टे्रशन कराना जरूरी होगा। इसके अभाव में उपज की खरीद संभव नहीं होगी। इसलिए जो किसान अपनी जायद मूंग की फसल मंडियों में बेचना चाहते हैं वे अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। किसान सोसाइटी के माध्यम से अथवा ई-उपार्जन पोर्टल से पंजीयन करवा सकते हैं। इसके अलावा किसान एम.पी.किसान एप, ई-उपार्जन मोबाइल पंजीयन, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र और ई-उपार्जन केंद्रों या समिति स्तर पर स्थापित पंजीयन केंद्र पर जाकर अपनी उपज का पंजीकरण करवा सकते हैं।
किसानों को अनिवार्य रूप से समिति स्तर पर पंजीयन हेतु आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर की जानकारी उपलब्ध करवाना होगा। किसानों को पंजीयन करवाते समय कृषक का नाम, समग्र आई डी नंबर, ऋण पुस्तिका, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, बैंक का आईएफएससी कोड, मोबाइल नंबर की सही जानकारी देनी होगी।
मध्यप्रदेश में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस बार गेहूं की रिकार्ड खरीद हुई है और मध्यप्रदेश गेहूं का निर्धारित लक्ष्य पूरा करने की ओर अग्रसर है। बता दें कि इस बार राज्य में किसानों से 432.5 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। रबी मार्केटिंग सत्र (2021-22) में गेहूं की खरीद दो जून तक 411.12 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में खरीद की मात्रा 365.36 लाख टन थी।
गेहूं खरीद का पिछला रिकॉर्ड पिछले साल 389.92 लाख टन खरीद का रहा है। इसी प्रकार चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन 2020-21 में धान की खरीद भी रिकॉर्ड स्तर पर हुई है। दो जून, 2021 तक सरकार ने 800 लाख टन धान की खरीद की है, जो नया कीर्तिमान है। पिछले साल इसी सीजन में धान की कुल खरीद 771 लाख टन हुई थी। इस साल सितंबर में समाप्त होने वाले खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए धान खरीद का लक्ष्य 940 लाख टन निर्धारित किया गया है।
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