Published - 16 May 2020 by Tractor Junction
ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का स्वागत है। कोरोना लॉकडाउन से कमजोर हुई देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इस 20 लाख करोड़ के पैकेज में से 30 हजार करोड़ रुपए कृषि क्षेत्र को दिए गए हैं। इसके अलावा कृषि क्षेत्र के लिए कई अन्य घोषणाएं की गई है। सभी जानते हैं कि केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इस काम में राज्य सरकारें भी सहयोग कर रही हैं। लॉकडाउन में किसानों को राहत देने के लिए सरकार की एक जोरदार स्कीम आई है। इसमें किसान अपनी उपज को सरकार के पास गिरवी रखकर लोन ले सकेंगे। इस योजना की खास बात यह है कि इस योजनों में किसानों को लोन मात्र 3 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा। तो आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से जानते हैं योजना की खास बातें।
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योजना के तहत किसानों को उनके द्वारा गिरवी रखी गई उपज के बाजार मूल्य या समर्थन मूल्य, जो भी कम हो, के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा तथा मूल्यांकित राशि की 70 फीसदी राशि रेहन ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।
लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए 1.50 लाख तथा बड़े किसानों को 3 लाख रुपए तक का ऋ ण मात्र तीन फीसदी ब्याज दर पर मिल सकेगा। इसमें किसान को 90 दिन के लिए कर्ज मिलेगा। हालांकि विशेष परिस्थितियों में यह सीमा 6 माह तक हो सकेगी।
इसी तरह मंडियों में भूखंडों पर निर्माण नहीं करा पाने वाले आवंटियों को भी गहलोत सरकार की ओर से राहत दी गई है। मंडियों में आवंटित भूखंड पर निर्माण नहीं कराने के कारण जिनके आवंटन निरस्त हो गए थे अगर उन भूखंडों का किसी अन्य को आवंटन नहीं किया गया है तो ऐसे आवंटन पुन: बहाल हो सकेंगे। इसके लिए आवंटियों को 30 जून तक आवंटन राशि का 25 प्रतिशत शास्ति जमा कराने की छूट प्रदान की है।
राजस्थान की गहलोत सरकार के एक अन्य फैसले के तहत किसानों को प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने के लिए 200 मंडियों में बिक्री केंद्र बनेंगे। मुख्यमंत्री ने राजस्थान राज्य बीज निगम को बीज वितरण केंद्र स्थापित करने के लिए प्रदेश के 200 कृषि उपज मंडी परिसरों में भूखंड तथा रिक्त निर्मित परिसंपत्तियां उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इसी तरह निजी लघु मंडी को प्रतिभूति राशि एवं भूमि की आवश्यकता की अनिवार्यता में ढील दी गई है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार फसल को गिरवी रखकर कम ब्याज पर लोन उठाकर किसान भाई कई तरीकों से फायदा उठा सकते हैं। जानकारों का मामना है कि अगर किसान अपनी उपज के संबंध में भविष्य की तेजी-मंदी की जानकारी रखता है तो वह फायदा उठा सकता है। किसान को अगर लगता है कि वर्तमान में उसकी उपज का भाव कम है और भविष्य में इसमें तेजी आ सकती है तो वह सरकार के पास अपनी उपज गिरवी रखकर लोन ले सकता है। इस लोन की रकम को अन्य उत्पादक कार्यों में लगा सकता है और उससे आमदनी पैदा कर सकता है। भविष्य में गिरवी रखी उपज के भावों में तेजी आने पर अपनी को गिरवी से छुड़ाकर बाजार में बेच सकता है। इस तरह वह ज्यादा लाभ कमा सकता है। लेकिन इसके लिए किसानों का जागरूकता होना अति आवश्यक है।
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