Published - 19 Nov 2020 by Tractor Junction
मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश के बाद अब महाराष्ट्र में भी किसानों को अपने पशुओं के इलाज की सुविधा घर बैठे मिलेगी। इसके लिए हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने भारत फाइनेंशियल इंक्लूजन लिमिटेड (बीएफआईएल) से समझौता किया है। बीएफआईएल निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक की सहायक कंपनी है। इंडसइंड बैंक ने कहा है कि उसकी सहायक कंपनी भारत फाइनेंशियल इंक्लूजन लिमिटेड (बीएफआईएल) ने महाराष्ट्र सरकार के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत राज्य में किसानों के पशुधन के इलाज की सुविधा घर पर उपलब्ध कराई जाएगी।
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बैंक ने एक बयान में कहा है कि इस योजना का नाम महा पशुधन संजीवनी है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत लागू की जाने वाली संयुक्त पहल-किसानों के लिए उपलब्ध सभी पशु चिकित्सा सेवाओं को केवल एक फोन कॉल पर मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए एक टोल-फ्री नंबर 1962 जनवरी 2021 से चालू हो जाएगा। बीएफआईएल ने महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री सुनील केदार, खेल और युवा मंत्री अनूप कुमार और राज्य सरकार और इंडसइंड बैंक के अधिकारियों की उपस्थिति में अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में महा पशुधन संजीवनी योजना को मदद देने के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस योजना के पहले चरण में महाराष्ट्र के 31 जिलों में स्थित 81 तालुकों में पशु इलाज की सुविधा मिलेगी। इन इलाकों में कुल पशुओं की संख्या 1.96 करोड़ है। राज्य सरकार की क्षेत्र पशु चिकित्सा सेवाओं को बीएफआईएल द्वारा विकसित एक एकीकृत टेलीमेडिसिन और सेवा प्रबंधन मंच के माध्यम से दिया जाएगा। पशुपालक किसानों को पशु चिकित्सा सेवाओं में पशुओं का इलाज, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, उनकी देखभाल और सभी पशुपालन संबंधित जानकारी उपलब्ध होगी।
महा पशुधन संजीवनी योजना मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में पहले से चल रही है। साल 2018 में ये योजना मध्यप्रदेश में फंड की कमी के कारण सुचारू रूप से नहीं चल सकी। बाद में कांग्रेस शासित सरकार द्वारा इसे फिर से शुरू किया गया। मध्यप्रदेश से प्रभावित होकर यूपी की आदित्यनाथ सरकार ने इसे अपने यहां तुरंत लागू कर दिया। अब ये योजना महाराष्ट्र में भी शुरू होने जा रही है जिससे पशुपालक किसानों को फायदा होगा।
मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में यह योजना चल रही है। इस योजना के तहत यहां हर ब्लॉक में एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई है। इस वैन में पैरामेडिकल स्टॉफ और दवाएं हर वक्त मौजूद रहती है। पशुपालक फोन कर पशु की बीमारी के लक्षण बताता है। बीमारी के लक्षण के आधार पर ये तय किया जाता है कि इलाज के लिए कितनी देर में पहुंचना है। डॉक्टर एसएमएस के जरिए पशुपालक तक ये सारी सूचना भेज देते हैं। ये सारा इलाज निशुल्क किया जाता है।
योजना के तहत पशुपालक को घर पर गाय, भैंस, बकरी जैसे सभी जानवरों के इलाज की सुविधा मिलती है। पशुओं को संक्रामक बीमारी से बचाने केे लिए टीकाकरण किया जाता है। पशुपालक को कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा भी घर बैठे मिलती है। पशुओं के उचित आहार और बेहतर स्वास्थ्य के बारे में भी बताया जाता है। इतना ही नहीं 1962 टोल फ्री नंबर पर पशुओं से जुड़ी योजनाओं की भी पूरी जानकारी मिलती है।
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