Posted On - 12 Dec 2020
देश में किसान आंदोलन के बीच पंजाब से दो बड़ी सकारात्मक खबरें सामने आई है। पंजाब में गेहूं की बुवाई जहां 4 फीसदी ज्यादा बढ़ी है। वहीं केंद्र सरकार ने भी समर्थन मूल्य पर सबसे ज्यादा धान पंजाब से ही खरीदा है। पंजाब में गेहूं की बुवाई ऐसे समय में बढ़ी है, जब राज्य के किसान बड़ी संख्या में कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर पिछले दो हफ्ते से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहेे हैं।
पिछले साल देश में गेहूं का रकबा 31 मिलियन हेक्टेयर था। इस बार देशभर में गेहूं का रकबा 31.8 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में करीब एक लाख हेक्टेयर अधिक है। तिलहन और दालों का रबका पिछले साल के बराबर है। कुल मिलाकर सभी फसलों का बुआई रकबा पिछले साल से 4 फीसदी बढक़र 4.36 करोड़ हेक्टेयर पहुंच गया है। पंजाब में बड़े पैमाने पर कृषि गतिविधियां यह एहसास दिलाती हैं कि सभी किसान आंदोलन में शामिल नहीं हैं। आंदोलन के दौरान रेल सेवाओं में व्यवधान के कारण यूरिया और अन्य खेती से जुड़ी चीजों की कमी होने के बावजूद गेहूं का बुआई रकबा काफी बढ़ गया है।
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किसान आंदोलन के बीच दूसरी सकारात्मक खबर यह है कि केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पिछले साल के मुकाबले इस साल 22 फीसदी ज्यादा धान खरीदा है। इसमें भी 55 प्रतिशत धान पंजाब से खरीदा गया है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है कि मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 22.5 प्रतिशत बढक़र 368.7 लाख टन तक पहुंच गई है। यह खरीद 69 हजार 612 करोड़ रुपये में की गई।
वक्तव्य में कहा गया है कि अक्टूबर 2020 से शुरू हुए मौजूदा खरीफ विपणन सत्र 2020-21 में सरकार लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीफ फसलों की खरीदारी कर रही है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिल नाडु, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, आडीशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में 2020- 21 खरीफ सत्र की सरकारी खरीद लगातार सुनियोजित ढंग से चल रही है।
वक्तव्य में कहा गया है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्यों की अन्य एजेंसियों ने 10 दिसंबर 2020 तक 368.7 लाख टन धान की खरीद की है। जबकि इसी अवधि तक पिछले साल 300.97 लाख टन धान की खरीद की गई थी। इसमें कहा गया कि मौजूदा खरीफ विपणन सत्र के तहत एमएसपी पर चल रही खरीदारी से 39.92 लाख किसानों को फायदा हुआ है। यह खरीद कुल मिलाकर 69 हजार 611.81 करोड़ रुपये की हुई है। वक्तव्य के मुताबिक धान की कुल 368.70 लाख टन की खरीद में से अकेले पंजाब में 202.77 लाख टन की खरीद की गई है। इस प्रकार खरीफ की धान खरीद में करीब 55 प्रतिशत खरीदारी पंजाब से हुई है।
देश में गेहूं के बढ़ते उत्पादन को देखते हुए कई विशेषज्ञों ने भविष्य में भारत के गेहूं निर्यात पर संभावना जताई है। विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले समय में सभी के सहयोग से उत्पादन को आगे बढ़ाकर नया कीर्तिमान बनाया जा सकता है। लॉकडाउन में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज दिया गया, उसमें इस उत्पादन का बहुत बड़ा योगदान है। यह किसान व वैज्ञानिकों के सहयोग व मेहनत से संभव हो पाया है। हम खाद्यान्न के मामले में ना केवल आत्मनिर्भर हैं बल्कि और देशों की सहायता करने में भी सक्षम हैं। इस साल अप्रैल व मई में ईराक व अफगानिस्तान में भारत से गेहूं निर्यात हुआ है। भविष्य में भारत बहुत बड़ा गेहूं निर्यातक बन सकता है।
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