किसान करें इस फसल की खेती, सरकार दे रही 1000 रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी

Share Product प्रकाशित - 18 May 2025 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

किसान करें इस फसल की खेती, सरकार दे रही 1000 रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी

जानें, कौनसी है यह फसल और इस पर कितना मिलेगा अनुदान और क्या है इसके फायदे

किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब खाली पड़ी जमीन को उपजाऊ बनाना आसान हो गया है। केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर 'ढैंचा' जैसी हरित खाद फसल को बढ़ावा देने के लिए 1000 रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी दे रही हैं। ढैंचा की खेती न सिर्फ खेत की मिट्टी को ताकत देती है, बल्कि अगली फसल की पैदावार भी बढ़ा देती है। यदि आप भी कम लागत में खेत की उपज बढ़ाना चाहते हैं, तो इस बार ढैंचा की खेती करें, मिट्‌टी की सेहत के साथ ही अगली फसल की लागत और उत्पादन बढ़ाएं। आइए जानते हैं, कैसे की जाती है ढैंचा की खेती, इसके क्या फायदे हैं और इस पर सरकार से सब्सिडी का लाभ कैसे मिल सकता है।  

क्या है ढैंचा और क्यों है इसकी खेती फायदेमंद

ढैंचा एक फलीदार हरी खाद वाली फसल है, जिसे मुख्य फसल की बुआई से पहले खेत में बोया जाता है। कटाई से पहले इसे खेत में जोतकर जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है, बल्कि मिट्टी की संरचना और नमी बनाए रखने में भी सहायता करता है। इससे अगली फसल की पैदावार बढ़ती है और उर्वरकों पर खर्च घटता है जिससे फसल की लागत में कमी आती है जिससे मुनाफा बढ़ता है। फसल को जो लाभ मिलते हैं, वे जो इस प्रकार से हैं:

  • मिट्टी में नाइट्रोजन की प्राकृतिक पूर्ति करता है।
  • रासायनिक खाद की आवश्यकता कम होती है।
  • उत्पादन लागत घटती है।
  • मिट्टी की संरचना बेहतर होती है।
  • फसल की क्वालिटी और पैदावार में सुधार होता है।

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ढैंचा की खेती पर कितनी मिलेगी सब्सिडी और कैसे मिलेगा लाभ

हरियाणा सरकार ने राज्यभर के किसानों को ढैंचा की खेती के लिए 1,000 रुपये प्रति एकड़ की नकद सहायता देने की योजना बनाई है। यह राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि यह योजना पूरे राज्य में पहली बार लागू की जा रही है और इसका उद्देश्य किसानों को रासायनिक खाद पर निर्भरता से मुक्त करना है।

ढैंचा की खेती पर सब्सिडी पाने के लिए कहां करें आवेदन

किसान को अपनी ढैंचा की फसल की फोटो "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर समय से अपलोड करनी होगी। फोटो अपलोड करना अनिवार्य है, बिना इसके सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा। योजना के तहत राज्य के 22 जिलों में 4 लाख एकड़ भूमि पर ढैंचा की खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना से लगभग 3 लाख से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यह योजना न सिर्फ किसानों को जैविक खेती की ओर ले जाएगी, बल्कि उन्हें डिजिटल प्रणाली से जोड़कर सरकारी लाभों तक पारदर्शी पहुंच भी सुनिश्चित करेगी। कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की है कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और ढैंचा जैसी हरित खाद वाली पर्यावरण-अनुकूल फसल को अपनाकर हरियाणा को फिर से कृषि क्षेत्र में अग्रणी बनाए।

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