एमएसपी पर खरीद : किसानों से सूखे, मुरझाए और टूटे हुए गेहूं भी खरीदेगी सरकार

Share Product Published - 19 May 2022 by Tractor Junction

एमएसपी पर खरीद : किसानों से सूखे, मुरझाए और टूटे हुए गेहूं भी खरीदेगी सरकार

सरकार ने दी 18 प्रतिशत की छूट, इन राज्यों के किसान को होगा लाभ

केंद्र सरकार की ओर से केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ सहित हरियाणा और पंजाब में एफएक्यू में छूट देकर केंद्रीय पूल के लिए गेहूं खरीदने की अनुमति दी है। इसी के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की तिथि को बढ़ा कर 31 मई तक कर दिया गया है। अब अधिकांश राज्यों में किसान गेहूं की फसल का विक्रय 31 मई तक कर सकेेंगे। बता दें कि पिछले दिनों पंजाब के किसानों ने सरकार से मौसम की वजह से गेहूं का दाना सिकुड़ने पर उन्हें पर अनुदान दिए जाने की मांग की थी। वहीं सरकारी एजेंसी ऐसे गेहूं को नहीं खरीद रहीं थी जिससे किसानों के लिए संकट की स्थिति आ गई थी। किसानों की मांग पर अब सरकार ने एफएक्यू के तहत नियमों शिथिलता प्रदान कर किसानों से सिकुड़े, मुरझाए और टूटे गेहूं की सरकारी खरीद की अनुमति प्रदान कर दी है। इससे पंजाब और हरियाणा के किसानों को लाभ होगा। 

Buy Used Tractor

गेहूं के पंजाब से लिए गए सैंपल हुए थे फेल, रोक दी गई थी सरकारी खरीद

भारतीय खाद्य निगम की तरफ से पंजाब से लिए गए गेहूं के सैंपल सिकुडऩे के कारण फेल हो कर दिए गए थे। भारतीय खाद्य निगम ने पहले ही सिकुड़ चुके दानों की फसल की सीधी डिलिवरी लेने से मना कर दिया था। गर्मी के कारण गेहूं का दाना 8 से 20 प्रतिशत तक सिकुड़ चुका था। मापदंड के अनुसार सरकारी एजेंसियां 6 प्रतिशत से अधिक सिकुड़ा हुआ दाना नहीं खरीद सकती हैं। इसका असर पंजाब में कुछ जिलों में खरीद पर पड़ा। इस पर एजेंसियों ने मीटिंग में कहा कि जब तक केंद्र सरकार खरीद नीति में बदलाव नहीं करेगी, तब तक फसल की खरीद नहीं की जाएगी। 

प्रयोगशाला में गेहूं के परीक्षण के बाद की खरीद की अनुमति

केंद्र सरकार ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में मंडियों से बहुत विशाल मात्रा में नमूने एकत्र करने के लिए अप्रैल-मई, 2022 के दौरान केंद्रीय दलों को प्रतिनियुक्त किया गया था और इनका विश्लेषण एफसीआई की प्रयोगशालाओं में किया गया। जांच के बाद परिणामों ने अलग-अलग प्रतिशत और एफएक्यू मानदंडों से हट कर सूखे या मुरझाए हुए और टूटे हुए अनाज की उपस्थिति का संकेत मिले थे। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। 

सरकार ने खरीदी में दी बिना किसी मूल्य कटौती 18 प्रतिशत तक की छूट

केंद्र की ओर से भारतीय खाद्य निगम-एफसीआई को बिना किसी मूल्य कटौती के 18 प्रतिशत तक सूखे या मुरझाए हुए और टूटे हुए अनाज की खरीद की छूट दी है। पंजाब और हरियाणा राज्य सरकारों ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) को पत्र लिखकर रबी विपणन सत्र-आरएमएस 2022-23 के लिए गेहूं के समान विनिर्देशों में छूट देने की मांग की थी। वर्तमान में सूखे या मुरझाए हुए और टूटे हुए अनाज की सीमा 6 प्रतिशत है। जब कि इन राज्यों ने 20 प्रतिशत तक की छूट मांगी थी। 

प्रति एकड़ गेहूं की उपज में आई गिरावट

आरएमएस 2021-22 के दौरान गेहूं का उत्पादन 1095 लाख मीट्रिक टन-एलएमटी और 433 एलएमटी गेहूं की खरीद की गई थी। आरएमएस 2022-23 के दौरान, 1113 एलएमटी गेहूं के उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। लेकिन गर्मियों की शुरुआत (मार्च 2022 के अंत तक) के परिणामस्वरूप पंजाब और हरियाणा में अनाज की बनावट में परिवर्तन हुआ और अनाज के सूखने या मुरझाने और टूटना सामने आया। इसी के साथ यहां प्रति एकड़ गेहूं की उपज में गिरावट आई। इसके बाद अखिल भारतीय स्तर पर गेहूं की खरीद के लक्ष्य को संशोधित कर 195 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। 

इसलिए सरकार ने लिया यह फैसला

केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्रालय ने बताया कि अनाज का सूखे या मुरझाए हुए और टूटना एक प्राकृतिक घटना है जो मार्च के महीने में देश के उत्तरी भाग में अत्यधिक गर्मी की लहर आने के कारण सामने आई है। ये प्रतिकूल मौसम की स्थिति किसानों के नियंत्रण से बाहर हैं और इसलिए, ऐसी प्राकृतिक घटना के लिए उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए। इसके अनुसार, किसानों की कठिनाई को कम करने के लिए सरकार द्वारा अनाज की बनावट में बदलाव पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए। इस प्रकार, आम तौर से पूछे जाने वाले प्रश्नों के मानदंडों में उपयुक्त छूट किसानों के हितों की रक्षा करेगी और खाद्यान्न की उचित खरीद और वितरण को बढ़ावा देगी।

क्या है गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23

केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक रबी और खरीफ विपणन वर्ष के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी तय किया जाता है। इस बार रबी की फसल गेहूं का वर्ष 2022-23 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल था। इस तरह इस वित्तीय वर्ष गेहूं का एमएसपी पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 40 रुपए अधिक है। 


अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back