जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, होगी बंपर पैदावार

Share Product प्रकाशित - 21 Jun 2025 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, होगी बंपर पैदावार

जानिए कौनसी है यह मूंगफली की बेहतर उपज देने वाली किस्म और बुवाई का सही तरीका

Peanut Variety: अगर आप भी खेती में ज्यादा मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं, तो इस बार जून में कादरी-2 (Kadari-2) मूंगफली किस्म की बुवाई करें। यह न सिर्फ बंपर उत्पादन देगी बल्कि बाजार में इसके अच्छे रेट भी मिलेंगे। खासकर जून के महीने में आप इस किस्म की बुवाई कर सकते हैं। यह किस्म इन दिनों किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इसका कारण इस किस्म में तेल की मात्रा अधिक पाई जाती है, वहीं इसकी पैदावार भी अच्छी मिल जाती है। इससे भी अच्छी बात यह है कि इसकी बाजार में अच्छी मांग बनी रहती है। 

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको मूंगफली की कादरी–2 (Kadari-2) किस्म खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं, तो आइए जानते हैं, इसके बारे में। 

मूंगफली की कादरी–2 किस्म की क्या है खासियत

मूंगफली की कादरी-2 किस्म की सबसे बड़ी खासियत इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता है। यह किस्म विशेष रूप से पत्ती के धब्बेदार रोगों के प्रति काफी हद तक सुरक्षित मानी जाती है, जिससे किसान को कीटनाशकों पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ता। इसके साथ ही यह किस्म सूखे जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अच्छी उपज देती है। यही कारण है कि यह किस्म कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए भी उपयुक्त मानी जा रही है। वहीं इस किस्म में तेल की मात्रा लगभग 51% तक पाई जाती है, जो अन्य किस्मों की तुलना में कहीं अधिक है। इससे मूंगफली को प्रोसेसिंग और तेल निकालने के लिए प्राथमिकता दी जाती है।

मूंगफली की कादरी-2 किस्म की खेती के लिए कैसे करें खेत की तैयारी  

मूंगफली की बुवाई से पहले खेत की सही तरीके तैयारी बहुत जरूरी होती है। कादरी-2 किस्म के लिए हल्की दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह भुरभुरा और समतल बना लेना चाहिए है ताकि बीज अंकुरण में कोई परेशानी न हो। ऐसे में खेत की 3-4 बार गहराई से जुताई करनी चाहिए और हर जुताई के बाद पाटा चलाकर मिट्टी को समतल करना चाहिए। बुवाई से पहले गोबर की सड़ी हुई खाद या वर्मी कम्पोस्ट को मिट्टी में मिला देना चाहिए। इससे फसल को शुरुआती पोषण अच्छा मिलता है। मूंगफली की इस किस्म की बुवाई करने से पहले एक–दो सिंचाई करके खेत में नमी बना लेनी चाहिए,  क्योंकि मूंगफली की  बुवाई के समय खेत में नमी होना जरूरी होता है। 

मूंगफली की कादरी-2 किस्म की कब और कैसे करें बुवाई

मूंगफली की कादरी-2 किस्म की बुवाई के लिए जून का पहला से तीसरा सप्ताह सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसकी बुवाई के लिए 12-15 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ की दर से आवश्यकता होती है। बीज को बोने से पहले फफूंदनाशक (Fungicide) से उपचारित कर लेना चाहिए ताकि फसल में कीट–रोग कम से कम लगे। अब 10–15 सेमी दूरी पर बीज की बुवाई कर दें। इस बात का ध्यान रखें कि कितार से कतार की दूरी 30–35 सेमी हो। बीजों की बुवाई के बाद हल्की सिंचाई अवश्य करनी चाहिए ताकि बीज का अंकुरण हो सके। 

मूंगफली की कादरी-2 किस्म में कितनी खाद दें और कब करें सिंचाई

मूंगफली की कादरी-2 किस्म में 20 किलो नाइट्रोजन (N), 40 किलो फास्फोरस (P) और 40 किलो पोटाश (K) प्रति एकड़ की दर से देना चाहिए। वहीं फसल की पहली सिंचाई 7–10 दिन के बाद करनी चाहिए। इसके बाद हर 15 से 20 दिन के अंतराल में इसकी सिंचाई की जानी चाहिए। एक बात अवश्य ध्यान में रखें कि फूल आने और दाना बनने के समय फसल की सिंचाई अवश्य करनी चाहिए। इससे उपज में काफी प्रभाव पड़ता है। 

मूंगफली की कादरी-2 किस्म से कितनी मिलेगी पैदावार

सही समय पर बुवाई, उचित देखरेख और वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन करने पर कादरी-2, मूंगफली की फसल 110 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है। किसान यदि सिंचाई, पोषण और कीट नियंत्रण का सही ध्यान रखें तो 20 से 25 क्विंटल प्रति एकड़ तक उपज आसानी से प्राप्त की जा सकती है। यह उपज मात्रा पारंपरिक किस्मों की तुलना में अधिक है, जो किसानों की आमदनी में इजाफा कर सकती है। 

किसान कहां से ले सकते हैं मूंगफली कादरी–2 की खेती का प्रशिक्षण

मूंगफली की इस उन्नत किस्म की लोकप्रियता को देखते हुए देशभर के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), राज्य कृषि विश्वविद्यालय, और कृषि विभाग की ओर से किसानों को विशेष प्रशिक्षण (Training) भी दिया जा रहा है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में किसानों को सिखाया जाता है कि कैसे वैज्ञानिक तरीकों से मूंगफली की कादरी-2 किस्म की खेती की जाए, कौनसी खाद कब दें, रोग नियंत्रण कैसे करें और फसल की कटाई एवं भंडारण कैसे करें। इच्छुक किसान संस्थान से इसकी खेती का प्रशिक्षण ले सकते हैं।

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