Published - 07 Jul 2021
by Tractor Junction
कृषि विभाग इंदौर (मध्यप्रदेश) की ओर से किसानों को सामयिक सलाह दी गई है। इसमें किसानों को न्यूनतम चार इंच बारिश होने पर ही सोयाबीन की बुवाई करने को कहा गया है। इसके अलावा सोयाबीन के बेहतर उत्पादन के लिए दो-तीन किस्मों का चयन करने की सलाह दी गई है। सोयबीन उत्पादक किसानों को सलाह देते हुए विभाग की ओर से कहा गया है कि जिन किसानों ने 10 दिन 15 दिन पहले सोयाबीन की बोनी की है वे अपने खेतों से खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए उपाय करें। अनुशंसित विधि को अपनाएं और खरपतवार नाशक दवाइयों का छिडक़ाव करें। ऐसे किसान जिन्होंने अभी तक सोयाबीन की बोनी नहीं की है, उन्हें सलाह दी गई है कि वे गहरी जुताई करने के बाद ही बोनी करें। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा किसानों से कहा गया है कि वे कृषि कार्य करते समय कोरोना नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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ऐसे क्षेत्र जहां सोयाबीन की फसल 10-15 दिन की हुई है वहां के किसानों से कहा गया है कि वे खरपतवारों के कारण सोयाबीन फसल के उत्पादन में होने वाले नुकसान को कम करने के लिए फसल को प्रारंभिक 45 दिन खरपतवार मुक्त रखना अत्यंत आवश्यक हैं। यह सलाह दी गई है कि किसान अपनी सुविधा अनुसार खरपतवार नियंत्रण की विभिन्न अनुशंसित विधियों (डोरा/कुलपा/हाथ से निंदाई/रासायनिक खरपतवारनाशक) में से किसी एक का प्रयोग करें। सोयाबीन की खड़ी फसल में उपयोगी एवं अनुशंसित खरपतवारनाशकों का उपयोग करें।
ऐेसे क्षेत्र जहां पर सोयाबीन की बोवनी होना है वहां के किसानों से कहा गया है कि उत्पादन क्षमता, पकने की अवधि तथा जैविक कारकों के लिए प्रतिरोधक क्षमता के आधार पर विभिन्न समयावधि में पकनेवाली अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित 2-3 किस्मों की बोनी करें। प्रत्येक 3 वर्ष में एक बार जमीन की गहरी जुताई की जाए। इस वर्ष यदि गहरी जुताई नहीं करनी हो, तो विपरीत दिशाओं में दो बार बक्खर चलाकर खेत को बोवनी हेतु तैयार करें। सलाह दी गई है कि 4-5 वर्ष में एक बार अपने खेत में 10 मीटर के अंतराल पर आड़ी एवं खड़ी दिशा में सब-साईलर चलाएं इससे अधोभूमि की कठोर परत को तोडऩे में सहायता मिलती है, जिससे जमीन में नमी का अधिक से अधिक संचयन होता है व सूखे की स्थिति में फसल को सहायता मिलती हैं। अंतिम बखरनी के पूर्व पूर्णत: पकी हुई गोबर की खाद की अनुशंसित मात्रा 5 से 10 टन या मुर्गी की खाद 2.5 टन प्रति हेक्टेयर की दर से फैला दें।
कृषि विभाग के मुताबिक राज्य में खरीफ फसलों का सामान्य क्षेत्र 118.50 लाख हेक्टेयर है। इस वर्ष 149.29 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलें लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरुद्ध 1 जुलाई तक 56.21 लाख हेक्टेयर में बोनी कर ली गई है। जो सामान्य क्षेत्र के विरुद्ध 47 फीसदी एवं लक्ष्य के विरुद्ध 37 फीसदी है। प्रदेश की प्रमुख खरीफ फसल सोयाबीन की बोनी अब तक 28 लाख हेक्टेयर में कर ली गई है जबकि 61.65 लाख हेक्टेयर लक्ष्य रखा गया है।
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