Published - 30 Oct 2021 by Tractor Junction
जहां एक ओर देश में इस साल अच्छी बारिश हुई। इसमें कई राज्यों में बारिश से फसल को काफी नुकसान हुआ। वहीं राजस्थान में बारिश सामान्य से कम होने से फसलों को नुकसान हुआ। वहीं कई जिलों में असमय हुई बारिश से भी फसलों को नुकसान पहुंचा। राजस्थान में किसानों की फसलों के नुकसान की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। इसके लिए राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने ऐसे जिलों को चिह्नित किया है जहां कम बारिश हुई है और इससे फसल को नुकसान पहुंचा है। ऐसे जिलों में की संख्या 12 बताई जा रही है जहां बारिश कम होने से फसलें सूखी है और किसानों को नुकसान हुआ है। इन जिलों में ऐसी 69 तहसीले बताई जा रही है जहां 33 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार राजस्थान के 12 जिलों के 69 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। ग्राउंड ट्रूथिंग रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया की राज्य के इन जिलों में सूखा पड़ा है। रिपोर्ट के आधार पर इन तहसीलों के 744 गांवों में खरीफ की फसल में सूखे से 33 प्रतिशत या इससे ज्यादा नुकसान का आकलन किया गया है। इसे देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में खरीफ-2021 फसल के दौरान सूखे से हुए नुकसान की भारपाई करने के लिए राहत गतिविधियां चलाने और प्रभावित किसानों को एग्रीकल्चर प्रोक्योरमेंट और सब्सिडी (कृषि आदान-अनुदान) बांटने की मंजूरी दी है।
ग्राउंड ट्रूथिंग रिपोर्ट के अनुसार बाड़मेर की 16, जोधपुर की 10, जालोर और जैसलमेर की 9-9, बीकानेर और पाली की 6-6, अजमेर जिले की 4, डूंगरपुर की 3, सिरोही और नागौर की 2-2 , हनुमानगढ़ और चूरू की 1-1 तहसीलों में कम बारिश होने के कारण किसानों को नुकसान हुआ है। इन सभी जगहों पर नुकसान का आकलन किया गया है। इनमें 10 जिलों की 64 तहसीलों को गंभीर सूखाग्रस्त श्रेणी में रखा गया है। इन जिलों में फसल नुकसान के आधार पर किसानों को राहत प्रदान की जाएगी। बता दें कि ये वे जिले है जहां फसलों को 33 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है।
राजस्थान के उन जिलों में जहां बारिश से कम नुकसान हुआ है उसमें डूंगरपुर की 3 और नागौर की 2 तहसीलों को मीडियम सूखाग्रस्त श्रेणी में रखा गया है। इन जिलों की तहसीलों को फसलों को 33 प्रतिशत से कम नुकसान हुआ है।
राजस्थान में इस बार सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में एक जून से 31 अगस्त कर सामान्य से 12.30 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई थी जिसमें 14 जिलों ऐसे जिले थे जिनमें औसत से कम बारिश हुई थी। इन जिलों सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चितौडग़ढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, पाली, राजसमंद और उदयपुर जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की गई थी। इसके बाद इन जिलों में सूखे के हालात का जायजा लेने के लिए सीएम अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सूखाग्रस्त जिलों के कलेक्टर से वीडियो कान्फ्रेस के माध्यम से चर्चा की थी और हालात का जायजा लिया था। साथ ही उनसे कम बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान का जायजा भी लिया था। नुकसान का आकलन करने, सर्वे और गिरदावरी का काम जल्द पूरा करवाकर रिपोर्ट भिजवाने को कहा था ताकि किसानों को शीघ्र आर्थिक सहायता दी जा सके।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने अधिक बारिश के कारण खरीफ की फसल में हुए नुकसान से प्रभावित 7 जिलों के 3704 गांवों को भी अभावग्रस्त घोषित करने की स्वीकृति दी थी। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के दौरान राज्य के कई जिलों में बेमौसमी बरसात से खरीफ की सोयाबीन, धान, मूंग, बाजरा एवं उड़द की फसलों को नुकसान हुआ था। इसी प्रकार जिन खेतों में रबी की सरसों एवं चने की बुआई हो गई थी, उनमें भी बीज नष्ट होने के कारण किसानों को दुबारा बुआई करनी पड़ेगी। विशेषकर पूर्वी राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, टोंक, दौसा आदि जिलों में अधिक बारिश से फसलों में नुकसान हुआ।
कृषि आयुक्त डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि इस वर्ष जुलाई में हुई अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष गिरदावरी कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 7 जिलों- बारां, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर एवं टोंक के 3704 गांवों में 6 लाख 79 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत एवं इससे अधिक खराबे का आकलन किया गया है। जिसके आधार पर करीब 12 लाख 11 हजार प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरित किए जाने के संबंध में काम किया जा रहा है। इसके तहत अधिकतम 2 हैक्टेयर तक के मुआवजे का प्रावधान है। उधर, प्रमुख शासन सचिव राजस्व, आपदा प्रबंधन एवं सहायता आनंद कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष गिरदावरी के संबंध में विभाग की ओर से जिला कलेक्टरों को शीघ्र ही आदेश जारी किए जा रहे हैं। जल्द ही सर्वे कर बारिश से फसल नुकसान प्रभावित जिलों के किसानों को मुआवजा राशि का वितरण किया जाएगा।
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