ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द के उपार्जन के लिए पंजीयन एवं सत्यापन की तिथि बढ़ाई

Share Product Published - 18 Jun 2021 by Tractor Junction

ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द के उपार्जन के लिए पंजीयन एवं सत्यापन की तिथि बढ़ाई

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद : अब किसान 20 जून तक करा सकेंगे पंजीयन

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग खरीदी के लिए व्यापक तैयारियां की गई है। राज्य शासन द्वारा मूंग खरीदी के पंजीयन तथा सत्यापन के लिए राज्य शासन द्वारा अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है। इंदौर  जिले में अब आगामी 20 जून तक पंजीयन और सत्यापन का कार्य किया जाएगा। पूर्व में अंतिम तिथि 16 जून थी। उप संचालक कृषि श्री शिवसिंह राजपूत ने मूंग उत्पादक सभी किसानों से अपील की है कि वे अपने विकासखंड में स्थित पंजीयन केंद्र पर जाकर अपना पंजीयन अवश्य कराएं। समर्थन मूल्य पर उपार्जन हेतु पंजीयन तथा सत्यापन की तिथि 16 जून 2021 के स्थान पर 20 जून 2021 हो गई है। जिलें में न्यूनतम समर्थन मूल्य 7 हजार 196 रुपए प्रति क्विंटल की दर मूंग की खरीद की जा रही है। 

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किसान जिले के इन केंद्रों पर करा सकते हैं पंजीयन

श्री राजपूत ने मीडिया को बताया कि ग्रीष्मकालीन मूंग फसल को प्रोत्साहन देने के लिए शासन द्वारा इस वर्ष इंदौर जिले को भी ई-उपार्जन हेतु चयनित किया है। इंदौर विकासखंड में सहकारी विपणन संस्था मर्यादित लक्ष्मीबाई नगर इंदौर मंडी केंद्र क्रमांक-एक महू विकासखंड में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति महूगांव केंद्र क्रमांक-एक कृषि उपज मंडी समिति महू, सांवेर विकासखण्ड में सहकारी विपणन संस्था मर्यादित सांवेर एवं देपालपुर विकासखण्ड में सहकारी विपणन संस्था मर्यादित देपालपुर में पंजीयन केन्द्र खोले गए हैं। केंद्रों पर पंजीयन कार्य चल रहा है।


अब प्रदेश के 30 जिलों में होगी मूंग की खरीद

श्री पटेल ने बताया कि पूर्व में मूंग  के उपार्जन में 27 जिलों को शामिल किया गया था। अब बुरहानपुर, भोपाल और श्योपुर कला को भी शामिल कर लिया गया है। इस प्रकार अब प्रदेश के 30 जिलों में ग्रीष्मकालीन मूंग का उपार्जन किया जाएगा।


राज्य में अमानक बीज एवं खाद किए प्रतिबंधित

मध्यप्रदेश राज्य में कृषि विभाग द्वारा रासायनिक उर्वरकों, बीज एवं कीटनाशक औषधि की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे के निर्देशन में कृषि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी अपने-अपने इलाकों में लगातार दबिश देकर बीज, खाद और कीटनाशक औषधियों के सैंपल ले रहे हैं, जिसकी जांच गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में की जा रही है। अब तक राज्य में बीज के आठ नमूने तथा उर्वरक के 16 नमूने अमानक पाए गए हैं, जिनके विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। कृषि विभाग के अनुसार खरीफ सीजन 2021 में बीज के अब तक 1203 नमूने लिए गए हैं, जिसमें से 927 नमूनों का विश्लेषित किए जा चुके हैं, जबकि 276 नमूनों की जांच जारी है। उक्त नमूनों में 919 नमूने मानक स्तर के तथा 8 नमूने अमानक पाए गए है। इसी तरह रासायनिक उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच-पड़ताल के लिए कृषि विभाग के उर्वरक निरीक्षकों द्वारा 825 नमूने विभिन्न संस्थानों से लिए गए हैं। जिसमें से 349 नमूनों की जांच की जा चुकी है। 476 नमूनों की जांच जारी है। रासायनिक उर्वरकों के विश्लेषित सैम्पल में से 333 मानक स्तर के तथा 16 अमानक पाए गए हैं। अमानक बीज एवं खाद के विक्रय को विभाग द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के साथ संबंधित संस्थाओं को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। 


बायोस्टिमुलैंट्स के अनंतिम पंजीयन की अवधि बढ़ी

केंद्रीय कृषि मंत्रालय, नई दिल्ली ने जैव उद्दीक (बायोस्टिमुलैंट्स ) के अनंतिम पंजीयन की अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया है। इसकी अधिसूचना भारत के असाधारण राजपत्र में संख्या 2169 दिनांक 15 जून 2021 में प्रकाशित की गई है। राजपत्र में प्रकाशित उक्त अधिसूचना के अनुसार केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955  (1955  का 10 ) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उर्वरक (अकार्बनिक, जैविक या मिश्रित )(नियंत्रण ) आदेश 1985 में संशोधन कर इस आदेश का संक्षिप्त नाम उर्वरक (अकार्बनिक, जैविक या मिश्रित ) (नियंत्रण ) संशोधन आदेश 2021 कर दिया गया है, जो राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से प्रभावशील होगा। इसके तहत  उर्वरक (अकार्बनिक ,जैविक या मिश्रित ) नियंत्रण आदेश 1985 खंड 20 (सी ) में उप खंड (5 ) में इस आदेश में संशोधन कर 31 मार्च 2022 से पहले कर दिया गया है।  इसी प्रकार प्रारूप छह-3 में  संशोधन कर इसे ‘अगस्त 2022 के बजाय 22 फरवरी 2023 तक किए जाने की सूचना दी गई है। मूल आदेश भारत के राजपत्र संख्या 758 (अ) 25  सितंबर 1985  को प्रकाशित किया गया था, जिसमें अंतिम संशोधन कार्यालय आदेश 2126 (अ ) दिनांक 1 जून 2021 द्वारा किए जाने का उल्लेख किया गया है।

 

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