प्रकाशित - 24 Aug 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसान भाइयों अगस्त का महीना समाप्ति की ओर है तथा सितंबर आने में कुछ ही दिन शेष बचे है। यह उचित समय है, अब आपकाे सितंबर महीने में लगाए जाने वाले पौधों की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए और बगीचों में किए जाने वाले कार्यों की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। यह महीना सब्जीवर्गीय फसलों एवं बागवानी कार्यों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। आप इस समय फूलगोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, बैगन, मिर्ची, गाजर, मूली आदि फसलें उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
देश के कई राज्यों में इस महीने से रबी की फसलों की बुवाई का कार्य शुरू हो जाता है, साथ ही ये महीना सब्जी वर्गीय फसलों की खेती का भी है, अगर आप सब्जी की खेती कर मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं तो इन सब्जियों की खेती कर सकते हैं। ये सब्जियां मौसमी होने के कारण स्वास्थ्य के लिए अच्छी मानी जाती हैं।
फूलगोभी - फूलगोभी की खेती सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में की जाती है। ज्यादातर फूलगोभी बुवाई के 60-150 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके बाद आप इसे बाजार मे बेचकर अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। फूलगोभी का उपयोग सब्जी बनाने में, सूप, अचार, सलाद, बिरियानी, पकौडा इत्यादि बनाने में किया जाता है। साथ ही यह पाचन शक्ति को बढ़ाने में अत्यंत लाभदायक है।
पत्ता गोभी - किसान भाई पत्ता गोभी की फसल के लिए सितंबर से अक्टूबर तक क्यारियों में बिजाई कर सकते हैं। कई लोग पत्ता गोभी की नर्सरी लगा चुके हैं बाकी बिजाई की तैयारी कर रहें है। इसकी फसल आपको अच्छा खासा लाभ दे सकती हैं। सब्जी विशेषज्ञों के अनुसार फसल की अवधि 60-120 दिन होती है। आपको बता दें कि इस सब्जी की मांग बहुत होती है जिससे अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।
टमाटर - किसान भाई आमतौर पर टमाटर की तीन फसलें ले सकते हैं। अगर हम टमाटर की विशेष फसल की बात करें तो सितंबर-अक्टूबर माह में इसकी बुवाई की जा सकती है। जिसकी फसल साठ दिन बाद यानी दिसंबर-जनवरी में आती है। टमाटर की मांग वर्ष भर बने रहने से अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है।
बैंगन - यह भारत का मूल निवासी है, इसलिए इसकी खेती कई राज्यों में बड़े स्तर पर की जाती है और सभी घरों में इसका सेवन किया जाता है। बैंगन की मांग 12 महीने बनी रहती है जिसकी वजह से इसका अच्छा दाम मिल जाता है। भारत में बैगन की सब्जी बहुत प्रसिद्ध है। बैंगन की खेती करना भी आसान हैं। सितंबर में उगाई जाने वाली सब्जियां में से एक बैंगन भी हैं। यह एक लंबी अवधि की फसल है इसमे रोपाई से लेकर कटाई तक औसतन 60 से 100 दिनों की आवश्यकता होती है।
मिर्ची - इस फसल की रोपाई सितम्बर-अक्टूबर माह में की जाती है। आचार या सलाद के रूप में प्रयोग की जाने वाली मिर्च को हरी अवस्था में ही पूर्ण विकसित हो जाने पर तोड़ लेते हैं। सूखे मसालों के रूप में प्रयोग की जाने वाली मिर्चों को पूरी तरह पक जाने पर तोड़ते हैं। मिर्च की फसल की अवधि सामान्यतः 140 से 180 दिन तक की होती है।
गाजर - इसकी बुवाई के लिए मध्य अगस्त से नवम्बर तक का समय इसकी बुवाई के लिए उपयुक्त रहता है। यह भारत की प्रमुख सब्जी वाली फसल है। भारत में हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्य गाजर उगाने वाले प्रमुख राज्य हैं। गाजर की फसल 110 से 120 दिन में तैयार हो जाती है जिसे आप बाजार मे बेचकर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
मूली - इसकी फसल कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है। वैसे ये ठंडी जलवायु की फसल मानी जाती है लेकिन इसकी खेती मुख्य रूप से रबी के मौसम में की जाती है। मूली का उपयोग कच्चे सलाद के रूप में साथ ही सब्जी बनाने के अलावा अचार बनाने में भी किया जाता है। साधारणत: मूली की फसल 40 से 50 दिन में तैयार हो जाती है। जिसके कारण इसका बाजार भाव अच्छा मिल जाता है।
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