ई-नाम मंडी से किसानों को लाभ, अब तक 1.69 करोड़ किसानों ने कराया पंजीयन

Share Product Published - 03 Apr 2021 by Tractor Junction

ई-नाम मंडी से किसानों को लाभ, अब तक 1.69 करोड़ किसानों ने कराया पंजीयन

नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट : जानें, क्या है ई-नाम मंडी और इससे कैसे जुड़ सकते हैं आप?

ई-नाम मंडी से जुड़े किसानों को योजना का लाभ मिल रहा है। अब तक इस योजना में 1.69 करोड़ किसानों ने पंजीयन कराया है और 2021-22 में ये संख्या और बढ़ेगी। इसके पीछे कारण यह है कि इस योजना से किसान घर बैठे अपनी फसल का विक्रय कर सकता है। इस योजना के तहत देश की विभिन्न मंडियों को इससे जोड़ा जा रहा है। इस योजना से अब तक देश के अलग-अलग राज्यों से 1000 कृषि उपज मंडियां को जोड़ा गया है। सरकार का लक्ष्य 1000 और नई थोक कृषि मंडियों को इससे जोडऩे का है। हाल ही में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने इस योजना से जुड़े सवालों का जबाब सदन में दिया। 

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1


ई-नाम मंडी योजना से एक हजार मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा

इस बार के बजट में वित्त मंत्री की तरफ से यह बताया गया है कि देश भर में ई-नाम मंडी योजना से 1,000 मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा गया है तथा 1000 और मंडियों को जल्द जोड़ा जाएगा। वर्ष 2021 के बजट सत्र में जयदेव गल्ला एवं विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में कृषि मंत्री से ई- नाम योजना से जुड़े सवाल पूछे थे। जिसे लेकर लोक सभा में कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने योजना से जुड़ी जानकारी को विस्तार से बताया। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि 15 मई 2020 तक देश के 18 राज्यों के साथ ही 3 केन्द्रशासित प्रदेशों के 1000 कृषि मंडियों को ई-नाम से जोड़ा गया है। इन राज्यों तथा केन्द्रिशासित राज्यों से 1.69 करोड़ किसानों ने पंजीयन कराया है। इसके साथ ही 1,012 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और 1.31 लाख व्यापारियों का उपयोगकर्ता आधार ई-नाम प्लेटफार्म पर पंजीकरण किया है।

 


सबसे ज्यादा यूपी में 33,00,174 किसानों ने कराया पंजीयन

ई-नाम योजना में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश 33,00,174 किसानों ने पंजीयन कराया है। दूसरे और तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश और हरियाणा है, जहां क्रमश: 30,20,742 और 2,72,4420 किसानों ने पंजीयन कराया है। दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर में सिर्फ 98 किसानों ने योजना में पंजीयन कराया है। इसी प्रकार 1,197 किसान केरल तथा 1393 किसानों ने कर्नाटक में पंजीयन करवाया है। इसके अलावा अन्य राज्यों के किसान भी इस योजना में रजिस्ट्रेशन करा कर लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

 


ई-नाम योजना से कृषि श्रमिकों को भी मिल रहा है लाभ

ई-नाम मंडी योजना से किसानों के साथ ही साथ कृषक श्रमिक भी जुड़े हैं। अभी तक योजना से 11,88,08,780 कृषक श्रमिक जुड़े हैं। योजना से कृषक श्रमिक 34 राज्य तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के जुड़े हैं। लक्षद्वीप से एक भी किसान नहीं जुड़े हैं। योजना से सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 1 करोड़ 90 लाख 57 हजार 888 किसान श्रमिक जुड़े हैं। जबकि राजस्थान से 1 करोड़ 36 लाख 18 हजार 870 किसान श्रमिक जुड़े हैं। इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों के काफी श्रमिक किसान इससे जुड़े हुए हैं।


ई-नाम के तहत अब तक कुल व्यापार

कृषि मंत्री ने बताया कि इस योजना से खाद्यान्न, तिलहन, फलों और सब्जियों सहित 175 कृषि जिंसों का व्यापार किया गया है। 14 मई 2020 के अनुसार 3.43 करोड़ टन कृषि जिंसों और 38.16 बांस और नारियल के व्यापर की मात्रा के साथ ई-नाम प्लेटफार्म पर 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लेन-देन किया है।


क्या है ई-नाम?

राष्ट्रीय कृषि बाजार देश में विभिन्न कृषि उपजों को बेचने के लिए एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। बाजार किसानों, व्यापारियों और खरीदारों को उपजों की ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है। यह किसानों को बेहतर कीमत पाने में मदद करता है और उनकी उपज की बेहतर मार्केटिंग के लिए सुविधाएं प्रदान करता है। इस ऑनलाइन पॉर्टल को 14 अप्रैल 2016 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था।

 

यह भी पढ़ें : सरसों के भाव : एमएसपी से 1000 रुपए तक ज्यादा दाम पर बिक रही सरसों


ई-नाम योजना से किसानों को लाभ

ई-नाम पोर्टल का मुख्य लक्ष्य पूरे देश को एक बाजार में जगह दिलाना है। उदाहरण के लिए, अगर राजस्थान का कोई किसान हरियाणा में अपनी कृषि उपज बेचना चाहता है, तो वह इस ई-नाम के माध्यम से ऑनलाइन सौंदा कर सकता है। किसान के लिए ई-नाम की मदद से अपनी कृषि उपज को ले जाना और उसकी मार्केटिंग करना आसान हो गया है। किसान घर बैठे ये पता लगा सकता है कि उसे देश के किस राज्य के बाजार में अपनी फसल का अधिक दाम मिल सकता है। इससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है।


ई-नाम पोर्टल पर किसान कैसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन?

किसानों को ई-नाम के जरिये अपनी कृषि उपज बेचने के लिए ई-नाम मोबाइल ऐप या वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके लिए सबसे पहले आपको www.enam.gov.in की ऑनलाइन वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट के होम पेज पर आपको रजिस्ट्रेशन विकल्प का पर क्लिक करना होगा, और वैलिड ई-मेल एड्रेस देना होगा। इसके बाद आपको एक टेंपरेरी लॉगिन आईडी आपके ई-मेल एड्रेस पर दे दी जाएगी। अब आपको ई-नाम वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर करने के लिए केवाईसी डिटेल्स और अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट्स देने होंगे। इसके बाद एपीएमसी आपके केवाईसी को मंजूरी देगा, इसके बाद आप अपनी कृषि उपज की ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।

 

 

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back