प्रकाशित - 15 Apr 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
कपास की बुवाई का समय आ गया है। अप्रैल माह में किसान देसी कपास की बुवाई करेंगे। ऐसे में उन्हें कपास के अच्छे बीजों की जरूरत होगी जिसकी खरीद वे बाजार से करेंगे। किसानों को कपास का सही बीज उपलब्ध हो इसके लिए सरकार की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजूद कई बार किसान जानकारी के अभाव में किसी दुकान से बीज की खरीद कर लेते हैं जिससे खराब बीज निकलने पर सारी फसल खराब हो जाती है। कपास की बुवाई का काम शुरू होने वाला है। इसी बीच कृषि विभाग ने कपास किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। इसमें किसानों को कपास के बीज की खरीद में क्या सावधानी रखनी चाहिए, कहां से बीज खरीदना चाहिए आदि बातों की जानकारी दी गई है, तो आइए जानते हैं, इसके बारे में।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक, अलवर राजस्थान ने बताया कि बीटी कपास की बुवाई के लिए 20 अप्रैल से 15 मई तक का समय उचित रहेगा। संयुक्त निदेशक पीसी मीणा ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे अधिकृत कृषि आदान विक्रेता से ही बीटी कपास के बीज की खरीद करें और उसका पक्का बिल अवश्य लें। यदि कोई दुकानदार बीज का बिल देने से इनकार करता है तो उसकी जानकारी कृषि विभाग के कृषि पर्यवेक्षक को या किसी भी अन्य अधिकारी को दें। बिना बिल के बीज लेने पर नकली बीटी कपास का बीज भी दिए जाने की संभावना बनी रहती है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ने बताया कि कृषि आयुक्तालय में अधिकृत कंपनी की बीटी किस्म के कपास का ही बीज खरीदे। पिकअप या अन्य वाहन में रखकर गांवों में नकली बीटी कपास बेचने वाले लोगों से बीज की खरीद नहीं करें। उन्होंने कृषि आदान विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि कृषि आयुक्तालय से जल्द ही कंपनियों की किस्म की परमिशन जारी होने वाली है, जब तक परमिशन जारी नहीं हो बीटी कपास के किसी भी कंपनी की किसी भी किस्म का विक्रय नहीं करें। यदि बिना अनुमति के कोई विक्रेता बीज बेचता पाया गया तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी और बीज को जब्त कर लिया जाएगा। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित विक्रेता की होगी।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कपास की खेत के लिए जारी किए गए सुझावों के अनुसार किसान नरमा की बिजाई अप्रैल में शुरू कर मध्य मई तक करें। जून के महीने में नरमा की बिजाई नहीं करनी चाहिए। किसान बिजाई से पहले गहरा पलेवा लगाएं। बिजाई का काम सुबह या शाम के समय ही किया जाना चाहिए। किसान जहां तक हो पूर्व से पश्चिम दिशा में ही कपास की बिजाई करें, इससे अधिक लाभ होता है। किसान खेत की तैयारी सुबह या शाम को ही करें। खरपतवार के लिए स्टॉम्प दो लीटर प्रति एकड़ का छिड़काव बिजाई के बाद या जमाव से पहले करें। कृषि विश्वविद्यालय के अनुसार वर्तमान में गुलाबी सुंडी के प्रति बीटी का प्रतिरोधक बीज उपलब्ध नहीं है, ऐसे में किसान 3 जी, 4जी और 5 जी के नाम से आने वाले बीजों से सावधान रहें और इनकी खरीद नहीं करें।
बीटी कपास का उन्नत बीज अलवर में कृषि विभाग की ओर से अधिकृत कृषि आदान विक्रेताओं से प्राप्त किया जा सकता है। किसान कृषि विभाग अलवर द्वारा अधिकृत कृषि आदान विक्रेताओं की सूची प्राप्त कर सकते हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आप कृषि विभाग अलवर के संयुक्त निदेशक से संपर्क कर सकते हैं।
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