Published - 16 Jul 2021 by Tractor Junction
केंद्र सरकार की ओर से देश में डेयरी और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज को मंजूरी दी गई है। सरकार का मनाना है कि इससे डेयरी सेक्टर किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और इसका फायदा करीब 10 करोड़ डेयरी सेक्टर (dairy sector ) किसानों तक पहुंचेगा। मीडिया और समाचार पत्रों से मिली जानकारी के आधार पर जैसा कि केंद्र सरकार की ओरा से कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन योजनाओं को देश में आगे भी जारी रखने के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने विशेष पशुधन सेक्टर पैकेज के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत कई गतिविधियां को शामिल किया गया है। साथ ही सरकार की इन योजनाओं के कई घटकों को संशोधित किया गया है। यह अगले पांच वर्षों के लिये है, जो 2021-22 से शुरू होकर आने वाले 5 वर्षों के लिए चलेगा। इस पैकेज से पशुधन क्षेत्र-डेयरी फार्म में विकास को प्रोत्साहन मिलेगा, जिसके कारण पशुपालन क्षेत्र से जुड़े 10 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इस पैकेज के तहत केंद्र सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान 54,618 करोड़ रुपए का कुल निवेश जुटाने के लिए 9,800 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान करेगी।
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पशुपालन विभाग की सभी योजनाओं को तीन वृहद विकास योजनाओं की श्रेणी में समाविष्ट कर दिया जाएगा। इनमें राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और पशुधन की गणना तथा एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (एलसी-एंड-आईएसएस) को उप-योजनाओं के तौर पर शामिल किया गया है। इससे किसानों को सभी उपयोजनाओं का लाभ एक साथ मिल सकेगा।
रोग नियंत्रण कार्यक्रम का नाम बदलकर पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) रख दिया गया है। इसमें मौजूदा पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण तो है ही, लेकिन इसके साथ राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और अवसंरचना विकास निधि को शामिल किया गया है। बता दें कि पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) और डेयरी अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) को आपस में मिला दिया गया है। इस तरह अवसंरचना विकास निधि तैयार की गई है। डेयरी गतिविधियों में संलग्न डेयरी सहकारिता और किसान उत्पादक संगठनों को भी इस तीसरी श्रेणी में शामिल कर लिया गया है, ताकि डेयरी सहकारिताओं को सहायता मिल सके।
राजस्थान सरकार ने किसानों के दुर्घटना बीमा के तहत जो क्लेम खारिज किए जा चुके हैं उनका पुन: सत्यापन करने का आदेश दिया है। मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर राजस्थान के रजिस्ट्रार सहकारिता श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने कहा कि बीमा कंपनी द्वारा किसानों के दुर्घटना बीमा एवं सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना के लिए किसानों के खारिज बीमा क्लेम दावों का सत्यापन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान परिवार को कठिन परिस्थितियों में मदद के लिए बीमा की व्यवस्था की गई है। ऐसे में किसी भी किसान के साथ दस्तावेजों के अभाव में यदि बीमा क्लेम खारिज हुआ है तो इसका सत्यापन करवाकर क्लेम दिलवाया जाएगा। श्री अग्रवाल ने बीमा कंपनियों के साथ वर्ष 2016-17 से वर्ष 2020-2021 तक बीमा कंपनी को प्रस्तुत दावों, क्लेम भुगतान एवं कंपनी द्वारा खारिज दावों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि कंपनी किसानों के लंबित क्लेम का त्वरित निस्तारण करें एवं किसान को राहत दे। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सल शैम्पों द्वारा वर्तमान में बड़ी संख्या में लंबित दावों की सूची में जिन दस्तावेजों की कमी है, उसे केंद्रीय सहकारी बैंकों के साथ साझा करें। बैठक में विभाग, बैंक एवं 6 बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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