फरवरी माह में करें इन 10 सब्जियों की खेती, होगा अच्छा मुनाफा

Share Product प्रकाशित - 01 Feb 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

फरवरी माह में करें इन 10 सब्जियों की खेती, होगा अच्छा मुनाफा

जानें, फरवरी माह में बोई जाने वाली सब्जियों की किस्में और लाभ

आज खेती के काम को व्यवसाय की दृष्टि से देखा जाने लगा है। ऐसे में किसानों को भी चाहिए कि वे बाजार की मांग और उससे होने वाले मुनाफे को देखकर खेती करें जिससे उन्हें बेहतर लाभ मिल सके। इसके लिए किसानों को इस बात की जानकारी होना बेहद जरूरी है कि किस महीने में कौनसी फसल की खेती करनी चाहिए। जिससे उन्हें अच्छा लाभ प्राप्त हो सके। हम किसानों को समय-समय पर अपने लेखों के माध्यम से इसके बारें में जानकारी देते रहते हैं। इसी कड़ी में आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में किसानों को फरवरी माह में बोई जाने वाली ऐसी 10 सब्जियों की खेती की जानकारी दे रहे हैं जिससे वे काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, तो आइए जानते हैं इसके बारें में।

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करेला की उन्नत किस्में और इसकी खेती से लाभ

करेला विशेष कर शुगर व डायबिटीज के रोगियों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसकी बाजार मांग भी काफी अच्छी रहती है और इसके भाव भी बेहतर मिल जाते हैं ऐसे में इसकी खेती की जाए तो किसान इससे काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक करेले की खेती की एक एकड़ में लागत 50-60 हजार रुपए तक आती है। जबकि इससे प्रति एकड़ 50-60 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है जिसका बाजार भाव करीब 2 लाख रुपए तक प्राप्त किया जा सकता है। इस तरह देखा जाए तो किसान इसकी खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती के लिए हाईब्रिड किस्में काफी अच्छी मानी गई हैं। करेले की हाईब्रिड किस्मों में पूसा हाइब्रिड 1, पूसा हाइब्रिड 2 काफी अच्छी मानी जाती है। इसकी अन्य बेहतर किस्मों में पूसा विशेष, अर्का हरित, पंजाब करेला 1 आदि शामिल हैं।

तोरई की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

फरवरी माह में तोरई की खेती से भी काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसकी बाजार मांग भी काफी अच्छी रहती है। तोरई में कई प्रकार के पोषक तत्व पाएं जाते हैं जिसमें आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए, सी और बी पाया जाता है जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। किसान इसकी पूसा चिकनी, पूसा स्नेहा, पूसा सुप्रिया, काशी दिव्या, कल्याणपुर चिकनी, फुले प्रजतका आदि उन्नत किस्मों की बुवाई करके इससे काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। बता दें कि तोरई की उन्नत किस्मों के बीज रोपाई के बाद 70 से 80 दिन में फल देना शुरू कर देते हैं। यह किस्में 100 से 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से पैदावार देती हैं।

ककड़ी की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

ककड़ी की फसल एक तरह से नकदी फसल के तौर पर जानी जाती है। इसकी खेती करके किसान अच्छा पैसा कमा सकते हैं। इसकी खेती के लिए कई हाइब्रिड किस्में हैं जो बेहतर उत्पादन देती है जिनमें जैनपुरी ककड़ी, अर्का शीतल, पंजाब स्पेशल, दुर्गापुरी ककड़ी, लखनऊ अर्ली आदि ऐसी किस्में हैं जो बेहतर पैदावार देती है। खास बात ये हैं कि ककड़ी की इन प्रजातियों के फल 60 से लेकर 70 दिन बाद ही तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। अनुमान के तौर पर देखें तो ककड़ी की एक हैक्टेयर में खेती से किसान 200-250 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। 

खीरा की उन्न्त किस्में और इसकी खेती के लाभ

खीरा की बाजार मांग को देखते हुए इसकी खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रही है। खीरे की कई उन्नत किस्में हैं खीरा की खेती करके किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी भारतीय किस्मों में स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा, पूसा उदय, पूना खीरा, पंजाब सलेक्शन, पूसा संयोग, पूसा बरखा, खीरा 90, कल्यानपुर हरा खीरा, कल्यानपुर मध्यम और खीरा 75 आदि आती है। वहीं इसकी नवीनतम किस्मों में पीसीयूएच- 1, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा और स्वर्ण शीतल आदि प्रमुख है। इसके अलावा इसकी संकर किस्मों में पंत संकर खीरा- 1, प्रिया, हाइब्रिड- 1 और हाइब्रिड- 2 आदि हैं। इसकी विदेशी किस्में भी अच्छा मुनाफा देती है जिनमें जापानी लौंग ग्रीन, चयन, स्ट्रेट- 8 और पोइनसेट किस्में काफी अच्छी मानी जाती है। अच्छी प्रजाति के बीज इस्तेमाल करने पर यह बुवाई के करीब दो माह बाद फल देने लगते हैं। इसकी अनुमानित उपज 50 -60 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक प्राप्त की जा सकती है।

पालक की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

पालक में आयरन की प्रचुर मात्रा होती है। सेहत के लिए पालक का सेवन काफी अच्छा माना गया है। इसकी बाजार में डिमांड रहती है। पालक की अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों में आल ग्रीन, पूसा हरित, पूसा ज्योति, बनर्जी जाइंट, जोबनेर ग्रीन आती हैं। इनकी खेती करके किसान प्रति हैक्टेयर 80 से लेकर 90 क्विंटल तक हरी पत्तियां के रूप में उपज प्राप्त कर सकते हैं। किसान मंडी के अलावा इसकी सप्लाई होटलों और ढावों पर करके भी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। 

लौकी की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

लौकी की खेती से भी किसान काफी अच्छी इनकम कर सकते हैं। इसकी खेती के लिए अर्का नूतन, अर्का श्रेयस, पूसा संतुष्टि, पूसा संदेश, अर्का गंगा, अर्का बहार, पूसा नवीन, पूसा हाइब्रिड 3, सम्राट, काशी बहार, काशी कुंडल, काशी कीर्ति एंव काशी गंगा आदि किस्में बेहतर पैदावार देने वाली किस्में हैं। वहीं इसकी हाइब्रिड किस्में भी अच्छा उत्पादन देती है जिनमें काशी बहार, पूसा हाइब्रिड 3, और अर्का गंगा आदि लौकी की हाइब्रिड किस्में शामिल हैं। इसकी उन्नत किस्में 50-55 दिनों में तैयार हो जाती है। इन किस्मों से औसत उपज 32 से 58 टन प्रति हैक्टेयर के आसपास तक प्राप्त की जा सकती है। इसकी एक एकड़ में बुवाई की लागत 15 से 20 हजार रुपए तक आती है। बाजार भाव अच्छा मिल जाने पर इससे करीब 80 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक की आय प्राप्त की जा सकती है।

बैंगन की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

बैँगन की खेती करके भी किसान इससे अच्छा पैसा कमा सकते हैं। बैंगन की उन्नत किस्मों में पूसा पर्पर लोंग, पूसा पर्पर कलस्टर, पूर्सा हायब्रिड 5, पूसा पर्पर राउंड, पंत रितूराज, पूसा हाईब्रिड-6, पूसा अनमोल आदि शामिल है। इसका एक हैक्टेयर में करीब 450 से 500 ग्राम बीज डालने पर करीब 300-400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक का उत्पादन मिल जाता है। 

फूलगोभी की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

फूल गोभी में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ए, ‘सी तथा निकोटीनिक एसिड जैसे पोषक तत्व होते है जो हमारे शरीर के लिए लाभकारी होते हैं। इसके सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है तथा कैंसर जैसे रोगों की रोकथाम में भी मदद मिलती हैं। किसान भाई इसकी खेती करके बेहतर लाभ कमा सकते हैं। इसकी अगेती किस्मों में अर्ली, कुंआरी, पूसा कातिकी, पूसा दीपाली, समर किंग अच्छी उपज देने वाली किस्में मानी जाती है। पछेती किस्मों में इसकी पूसा स्नोबाल-1, पूसा स्नोबाल-2, पूसा स्नोबाल-16 किस्में अच्छी हैं। इसके अलावा इसकी मध्यम किस्मों में पंत सुभ्रा, पूसा सुभ्रा, पूसा सिन्थेटिक, पूसा अगहनी, पूसा स्नोबाल किस्में बेहतर उत्पादन देने वाली किस्में हैं।

भिंडी की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

भिंडी की फसल दो से ढाई महीने के बाद ही तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है और इसकी बाजार मांग भी अच्छी रहती है। इसकी उन्नत किस्मों में परभन क्रांति, पूसा सावनी, पंजाब पद्मनी, पूजा ए-4, अर्का भय, अर्का अनामिका, पंजाब-7, पंजाब-13 भिंडी की उन्नत किस्में अच्छी मानी जाती है। इसकी अन्य किस्मों में वर्षा, उपहार, वैशाली, लाल हाइब्रिड, ई.एम.एस.-8 (म्यूटेंट), वर्षा, विजय, विशाल आदि शामिल हैं। भिंडी की खेती से किसान प्रति हैक्टेयर 115-125 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। 

अरबी की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

अरबी की खेती भी किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित हो रही है। इसकी कई किस्में हैं जो अधिक उत्पादन देती है जिनमें पंचमुखी, सफेद गौरिया, सहस्रमुखी, सी-9, सलेक्शन प्रमुख हैं। इसके अलावा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित इंदिरा अरबी -1 और नरेंद्र अरबी-1 किस्म भी अच्छा उत्पादन देती है। यदि उन्नत तरीके से इसकी खेती की जाए तो इससे 150 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त की जा सकती है। इसका भाव बाजार में अच्छा भाव मिल जाता हैं। यदि भाव बेहतर मिल जाए तो अरबी से आप प्रति एकड़ 1.5 से 2 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। 

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