कपास से किसानों को अच्छा लाभ होने की उम्मीद

Share Product Published - 05 Oct 2020 by Tractor Junction

कपास से किसानों को अच्छा लाभ होने की उम्मीद

पंजाब व हरियाणा में समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होने से किसानों को होगा फायदा

भारतीय कपास की मांग बढऩे से इसके निर्यात में तेजी आई है। इससे किसानों को फायदा होने की उम्मीद जागी है। कपास निर्यात में आई तेजी को लेकर व्यापारियों में भी उत्साह है। जानकारी के अनुसार कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने पिछले दो महीनों में करीब 50 लाख गांठ कपास बेची है, जिसमें से बहुत सारा कपास निजी व्यापारियों द्वारा विदेश में भेजा गया है। कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया देश में कॉटन का सबसे बड़ा स्टॉक रखता है। कपास की एक गांठ 170 किलो की होती है।

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1


विश्व बाजार में बढ़ी भारतीय कपास की मांग, निर्यात में आई तेजी

बता दें कि विश्व बाजार में भारतीय कपास विश्व भर में सबसे सस्ती कपास है। इधर पंजाब व हरियाणा में एक अक्टूबर से कपास की खरीद शुरू करने का ऐलान कर दिया गया। इसी के साथ पंजाब व हरियाणा के किसानों को बाजार में भी कपास बेचने पर अच्छा मुनाफा होने लगा लेकिन 4 अक्टूबर तक हरियाणा में कपास की खरीद शुरू नहीं की गई जिससे बाजार का रूख नरम दिखा जिसका असर कपास की बाजार की कीमतों पर नजर आया। इसका परिणाम ये हुआ कि किसानों को समर्थन मूल्य से एक हजार रुपए कम में बाजार में कपास को बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वैसे सोमवार को हरियाणा में कपास की खरीद शुरू करने की बात कही गई है।

 


खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाएगी सरकार

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया को बताया कि इस बार राज्य सरकार कपास खरीद केंद्रों की संख्या भी बढ़ाएगी। पिछले साल हरियाणा में 20 कपास खरीद केंद्र थे, जिसे इस साल बढ़ाकर 40 किया जा रहा है। सरकार ने साफ कर दिया है कि कपास की खरीद के दौरान 12 फीसदी तक नमी के पहले से ही तय मानक का पालन किया जाएगा और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल भारतीय कपास निगम यानी कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा हरियाणा के किसानों से सीधे 30 लाख क्विंटल कपास की खरीद की गई थी। हरियाणा सरकार ने इस वर्ष 2020-2021 में कपास की खरीद को और बढ़ाने का लक्ष्य है।


इस साल के लिए तय किया गया कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य

इस साल खरीफ सीजन की कपास के लिए केंद्र सरकार ने 5515 और 5825 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है। मीडियम स्टेपल कपास का एमएसपी 5515 रुपए/क्विंटल और स्टेपल कपास का एमएसपी 5825 रुपए / क्विंटल है। पिछले साल यह मूल्य 5,150 और 5,450 रुपए प्रति क्विंटल था।


बांगलादेश में भारतीय कपास की जबरदस्त मांग

कॉमट्रेंड्ज़ रिसर्च के डायरेक्टर टी ज्ञानशेखर ने मीडिया को बताया कि कपास का निर्यात तेजी से बढ़ा है। इसलिए हमें उम्मीद है कि आने वाले सप्ताह में कीमतों में बढ़ोतरी होगी। अधिक वर्षा के कारण, कपास में अधिक नमी है और अच्छी गुणवत्ता वाले कपास के आगमन में देरी हुई है, जिससे कीमतों में तेजी आई है। कपास व्यापारी दिनेश हेगड़े ने बताया कि बांग्लादेश से ऑर्गेनिक कपास की जबरदस्त मांग है। बांग्लादेश को ऑर्गेनिक और नॉन ऑर्गेनिक दोनों कपास की भारी आवश्यकता है।


समर्थन मूल्य से नीचे चल रहे है कपास के बाजार भाव

वर्तमान में, कपास की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे चल रही हैं। केंद्र सरकार ने कपास का एमएसपी 5825 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। अक्टूबर के अंत से आवक बढऩे पर निजी व्यापारियों को कपास खरीदने से दूर रहने की संभावना है। कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने कहा है कि वह उत्तरी भारत में कपास खरीदने के लिए पूरी तरह तैयार है, जबकि वह दक्षिणी भारत में भी एक अक्टूबर से एमएसपी पर कपास की खरीद शुरू किए जाने का ऐलान किया गया है। बता दें कि वर्तमान में कपास का बाजार भाव करीब 4,700-4,800 रुपए चल रहा है जो केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए समर्थन मूल्य से कम है।


एजेंसी के नहीं पहुंचने से कपास की सरकारी खरीद में हो रही है देरी

पंजाब व हरियाणा में एक अक्टूबर से कपास की खरीद शुरू करने के ऐलान के बावजूद यहां 4 अक्टूबर यानि दो दिन बाद तक खरीद शुरू नहीं हो सकी। सोमवार को खरीद शुरू करने की बात कही जा रही है। कपास की खरीद शुरू नहीं होने को लेकर हरियाणा के किसानों का कहना है कि हरियाणा में कपास खरीद का ऐलान करने के बाद सरकारी खरीद एजेंसी के अब तक मंडी नहीं पहुंचने की वजह से कपास की सरकारी खरीद नहीं शुरू हो पाई हैं जिसका किसानों को नुकसान हो रहा है। खरीद केंद्रों पर कपास की खरीद शुरू नहीं होने से किसानों को कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य से 1,000 रुपए प्रति क्विंटल कम भाव पर बेचना पड़ रहा है। उत्तर भारत की मंडियों में कपास की आवक लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन एजेंसियां अब तक अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं करा सकी हैं। 

आईएएनएस की खबर के मुताबिक, हरियाणा के मंडी डबवाली के किसान जसबीर सिंह भट्टी ने बताया कि भारतीय कपास निगम की खरीद शुरू होने की उम्मीद में भाव में तेजी आई थी, लेकिन खरीद शुरू नहीं होने से फिर नरमी आ गई है। भट्टी ने बताया कि डबवाली और सिरसा में कपास का भाव 4,700-4,800 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। जबकि केंद्र सरकार ने चालू सीजन के लिए लंबा रेशा कपास का एमएसपी 5,825 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। भट्टी ने बताया कि सरकारी खरीद में देरी होने से किसानों को मजबूरी में एमएसपी से 1,000 रुपए प्रति क्विंटल कम भाव कपास बेचना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें मजदूरों की मजदूरी से लेकर बैंकों का लोन चुकाना है और अगली फसल की बुवाई के लिए भी पैसों की जरूरत है।

 

 

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back