धनिया की फसल : 2 बीघा में होगा 3 लाख रुपए का मुनाफा

Share Product Published - 24 Nov 2020 by Tractor Junction

धनिया की फसल : 2 बीघा में होगा 3 लाख रुपए का मुनाफा

जानें, धनिया की वैज्ञानिक खेती और उससे होने वाले लाभ

मसाला फसलों में धनिये का विशेष स्थान है। धनिया सूखा पाउडर हो या हरा पत्तियों के रूप में इसका प्रयोग भोजन का स्वाद बढ़ा देता है। धनिये का उपयोग सब्जी में सुगंध या खुशबू के लिए किया जाता है। धनिया हर सब्जी का स्वाद और उसकी रंगत बढ़ाने का काम करता है। इसकी खुशबू इतनी मनमोहक होती है कि दूर से ही किसी भी व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। इसके अलावा धनिये में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण बाजार में धनिये की मांग के साथ ही इसके भावों में भी बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए इस बहुमूल्य और गुणकारी फसल की खेती करने से बहुत आर्थिक लाभ कमाया जा सकता है। भारत और विश्वभर में धनिये की मांग बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं, भारत धनिये का मुख्य निर्यातक देश भी है। यदि किसान सही तरीके से इसकी खेती करे तो विदेशी मुद्रा में भी कमाई हो सकती है।

धनिये की खेती की खास बात ये है कि इसे बारहों महीने उगाया जा सकता है। बात करें धनिये की खेती से होने वाली कमाई की तो यदि वैज्ञानिक तरीके से इसकी खेती की जाए तो 2 बीघा में करीब 3 लाख रुपए की कमाई हर साल की जा सकती है। इसकी निरंतर बढ़ती बाजार मांग के कारण धनिये की खेती मुनाफे का सौदा साबित हो रही है। आइए जानते हैं इसकी खेती का सही तरीका जिससे अधिक उत्पादन मिलने के साथ ही अच्छा मुनाफा मिल सके।

 

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भारत में कहां-कहां होती है धनिये की खेती

वैसे तो भारत में सभी जगह धनिये की खेती की जाती है। लेकिन सबसे अधिक धनिया का उत्पादन राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में की जाती है। मध्यप्रदेश में करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर में इसकी खेती की जाती है जिससे 2 लाख टन का धनिये का उत्पादन किया जाता है। इस तरह भारत में दुनिया का 80 प्रतिशत धनिये का उत्पादन किया जाता है।

 


धनिये में पाए जाने वाले विटामिन व पोषक तत्व

धनिये में काफी मात्रा में पोषक तत्व व विटामिन पाया जाता है। इसमें मुख्यत: कैरोटीन, कैल्शियम, मिनरल्स्, आयरन, पोटेशियम, विटामिन सी, फास्फोरस आदि तत्व पाएं जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद करते हैं। इसका सेवन स्वास्थ की दृष्टि से फायदेमंद है। धनिया सूखा पाउडर हो या हरा इसका सेवन दोनों रूपों फायदा पहुंचाता है।


धनिये से स्वास्थ्य को होने वाले लाभ

  • धनिये का उपयोग स्वाद को बढ़ाने के लिए ही नहीं किया जाता है बल्कि ये कई रोगों में दवा के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। धनिये के सेवन से पाचन शक्ति मजबूत होती है। यह हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद है। इसका सेवन करने से पेट से संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। अगर आपके पेट में दर्द हो रहा हो तो पानी में धनिया पाउडर मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
  • आंखों की रोशनी बढ़ाने में विटामिन-ए बहुत जरूरी है और धनिये में विटामिन-ए मौजूद होता है। इसी लिए जो लोग नियमित रूप से धनिये का उपयोग करते हैं उनकी आंखों की रोशनी सही करती है।
  • यदि आपके शरीर में खून की कमी है मतलब आप एनीमिया की समस्या से ग्रसित है तो आपके लिए धनिये का सेवन काफा लाभकारी साबित हो सकता है। धनिये में आयरन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन-ए, विटामिन-सी और मिनरल जैसे तत्व पाये जाते हैं जो हमारे शरीर में खून की कमी को पूरा करने में सहायक हैं। इतना ही नहीं धनिये का सेवन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी हमें दूर रखने में मददगार है।
  • धनिये आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखने में सहायक होता है। धनिये में भरपूर मात्रा में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिनसे कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। यदि किसी व्यक्ति को कालेस्ट्रॉल की समस्या है तो उसे धनिये के बीजों को गर्म करके उसके पानी का सेवन करना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल सही होने लगेगा।
  • धनिये का नियमित सेवन करने वालों को किडनी से संबंधित समस्या कम होती है। जिन लोगों को किडनी की समस्या रहती है उनके लिए भी धनिये का उपयोग काफी फायदेमंद है। धनिया के पानी के सेवन से किडनी की सफाई होती है जिससे किडनी में स्वस्थ्य करती है।
  • धनिया का सेवन डायबिटीज के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हुआ है। हरे धनिये के सेवन शुगर लेवल को बढऩे से रोकता है। इसके सेवन से डायबिटीज के मरीजों को ब्लड में इंसुलिन की मात्रा को संतुलित करने में मदद मिलती है।
  • धनिये का अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान-
  • धनिये की खेती के लिए ठंडी व शुष्क जलवायु सबसे ज्यादा अच्छी रहती है। बीजों के विकास के लिए 25 से 26 सेंटीग्रेट तक का तापमान इसके लिए सबसे अनुकूल रहता है।
  • धनिया एक शीतोष्ण जलवायु वाली फसल होती है जब इस फसल पर फूल और दानों का बनना शुरू हो जाता है तब पाला रहित मौसम की जरूरत होती है।
  • धनिये का अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए इसकी भूमि या मिट्टी पर भी विचार किया जाना चाहिए। धनिये की खेती के लिए धनिया के बीज की बेहतर गुणवत्ता के लिए तेज धूप, ठंडी जलवायु और समुद्र से ज्यादा ऊंचाई वाली भूमि ठीक रहती है।
  • धनिये की उत्तम सिंचित फसल के लिए उर्वरा शक्ति और अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है।
  • इसके अलावा धनिये को काली भारी मिट्टी में भी धनिये की सिंचित फसल उगाई जा सकती है, लेकिन धनिये की फसल के लिए क्षारीय और लवणीय मिट्टी सही नहीं रहती है।
  • बुवाई का समय धनिया की फसल के लिए अक्टूबर से नवंबर तक बुवाई का उचित समय रहता है। बुवाई के समय अधिक तापमान रहने पर अंकुरण कम हो सकता है।
  • यदि आपके क्षेत्र में पला अधिक पड़ता है तो वहां धनिया की बुवाई ऐसे समय में नहीं करें। इस समय बुवाई करने से फसल को काफी नुकसान हो सकता है।


धनिये की बुवाई का तरीका

धनिये की अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए अच्छे तरीके से बुवाई से पहले पलेवा लगाकर भूमि की तैयारी करनी चाहिए। जुताई से पहले 5-10 टन प्रति हेक्टेयर पक्की हुई गोबर की खाद मिलाएं। धनिया की सिंचित फसल के लिए 5-5 मीटर की क्यारियां बना लें, जिससे पानी देने में और निराई-गुडाई का काम करने में आसानी होती है। अच्छे उत्पादन के लिए धनिया का 15 से 20 किग्रा प्रति बीज पर्याप्त होता है। बीजोपचार के लिए दो ग्राम कार्बेंडाजिम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। बुवाई से पहले दाने को दो भागों में तोड़ देना चाहिए। ऐसा करते समय ध्यान दे अंकुरण भाग नष्ट न होने पाए और अच्छे अंकुरण के लिए बीज को 12 से 24 घंटे पानी में भिगो कर हल्का सूखने पर बीज उपचार करके बोए। धनिये की बुवाई करते समय इस बात कर ध्यान रखें कि कतार से कतार की दूरी करीब 25 से 30 सेमी. हो और पौधे से पौधे की दूरी 5 से 10 सेमी. रखी जानी चाहिए। असिंचित फसल से बीजों को 6 से 7 सेमी. गहरा बोना चाहिए और सिंचित फसल में बीजों को 1.5 से 2 सेमी. गहराई पर बोना चाहिए, क्योंकि ज्यादा गहरा बोने से सिंचाई करने पर बीज पर मोटी परत जम जाती हैं, जिससे बीजों का अंकुरण ठीक से नहीं हो पाता हैं।


कमाई का गणित

अधिकतर किसान धनिये को मसाले के रूप में बाजार में बेचते हैं। इसके अलावा हरे धनिये को भी बाजार में बेचा जाता है। धनिये को दोनों रूपों में बाजार में बेचने से काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। अगर आप 2 बीघा जमीन पर धनिये की खेती करते हैं तो हर साल करीब 3 लाख रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं। धनिये की बुवाई के बाद करीब 40 से 50 दिनों में ये बेचने के लायक हो जाता है। बाजार के भाव से धनिया बेचकर आप हर दिन 2 हजार रुपए तक कमा सकते हैं। एक एकड़ जमीन पर 40 हजार की लागत आती है। यदि वैज्ञानिक तरीके से इसकी खेती की जाए तो इसकी 50 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। बाजार के भाव के हिसाब से आपको एक क्विंटल पर हजार रुपए मिल जाते हैं। 40 हजार रुपए की लागत के बाद आपको एक एकड़ पर धनिये की खेती करने से एक लाख तक का शुद्ध मुनाफा मिलता है। आप जैसे-जैसे मुनाफा कमाते जाएं इसका क्षेत्र बढ़ाते जाएं। जितना क्षेत्र बढ़ेगा उतनी ही अधिक कमाई होगी।

 

 

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