IOTECH | Tractorjunction

सीमैप किसान मेला : किसानों को दी जाएगी औषधीय पौधों की उन्नत किस्में

Share Product Published - 20 Jan 2022 by Tractor Junction

सीमैप किसान मेला : किसानों को दी जाएगी औषधीय पौधों की उन्नत किस्में

ऑनलाइन करना होगा रजिस्ट्रेशन, जानें, सीमैप किसान मेले की पूरी जानकारी

वैज्ञानिक संस्थान केंद्रीय औषधीय एवं सुगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप) की ओर से लखनऊ (यूपी) में सीमैप किसान मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले की शुरुआत 21 जनवरी को हो रही है और ये मेला 31 जनवरी तक चलेगा। जबकि 26 जनवरी का अवकाश होने के कारण मेला का आयोजन नहीं किया जाएगा। 

Buy Used Tractor

बता दें कि सीमैप पिछले करीब डेढ़ दशक से हर साल 31 जनवरी को किसान मेले का आयोजन करता आ रहा था, जिसमें यूपी, बिहार, एमपी, उत्तराखंड, लेकिन दक्षिण भारत के राज्यों के भारी संख्या में किसान शामिल होते थे। लेकिन कोविड महामारी के चलते पिछले साल 15 जनवरी से 5 फरवरी तक कोविड प्रोटोकॉल के साथ मेले का आयोजन हुआ था, जिसमें करीब 4 हजार लोग शामिल हुए थे। 

मेले में किसानों को दी जाएगी ये जानकारियां

इस 10 दिवसीय किसान मेले के बारें में जानकारी देते हुए सीमैप के निदेशक प्रमोद कुमार त्रिवेदी ने मीडिया को बताया कि किसान मेले के दौरान किसानों को उन्नत पौध सामग्री, औषधीय और सुगंध पौधों के बाजार की जानकारी, सीमैप के उत्पादों का प्रदर्शन, आसवन यूनिट और प्रसंस्करण का सजीव प्रदर्शन के अलावा उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

इस बार मेले के लिए हुए 1500 रजिस्ट्रेशन

सीमैप के वैज्ञानिक और मीडिया हेड डॉ. मनोज सेमवाल बताया कि इस बार मेले के लिए करीब 1500 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। सीमैप मेले में प्रतिदिन करीब 200 किसानों को बुलाया जाएगा और उन्हें कोविड गाइडलाइन का पालन के तहत बरती जाने वाली एहतियात के साथ कृषि संबंधी जानकारी और प्लांटिंग मैटेरियल दिया जाएगा। 

किसानों को वितरित की जाएगी इन औषधीय उन्नत किस्मों की पौध सामग्री

जैसा कि मेले का आयोजन 21 जनवरी को होने जा रहा है। मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बार आयोजित किए जा रहे किसान मेले में किसानों को मेंथा सकर्स, नींबू घास, कालमेघ, अश्वगंधा समेत कई औषधीय और सुंगध पौधों की उन्नत प्रजातियों की पौध सामग्री किसानों को वितरित की जाएगी। इसके अलावा गुलाब जल और फूलों से अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। 

गोष्ठियों का होगा आयोजन, किसानों से होगी मन की बात

सीमैप के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि किसान मेले में कई तरह की गोष्ठियां का आयोजन भी किया जाएगा। इनमें हमारी कोशिश रहेगी कि एरोमा इंडस्ट्री, आयुर्वेद-आयुष और उससे जुड़े लोगों को प्रतिनिधि भी शामिल हों और किसानों से अपनी बात रख सकें। किसानों के विचारों को भी सुन सकें। पिछले साल हमने दो से ढाई हजार किसानों तक ये किस्म पहुंचा पाए थे जो अब उनके खेतों के जरिए और हमारी कोशिश के जरिए इस साल 3 से 35 हजार किसानों तक पहुंचने की उम्मीद है। 

किसानों को सलाह : खेती के पैटर्न में करें बदलाव

डॉ. कुमार ने कहा कि हम किसानों को सलाह देंगे कि वो खेती के पैटर्न में थोड़ा बदलाव करें और कुछ खेत पहले खाली करके उसमें मेंढ़ पर मेंथा लगाएं और बाकी बाद में करें ताकि एक साथ किसी तरह से नुकसान से बचा जा सके। बता दें कि इस बार यूपी में मेंथा की फसल को नुकसान हुआ है जिसे देखते हुए कृषि वैज्ञानिक की ओर से किसानों को ये सलाह दी जा रही है। 

यूपी में कहां-कहां होती है मेंथा की खेती

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा मेंथा ऑयल का उत्पादन करता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथा निर्यातक भी है। देश में सबसे अधिक मेंथा की खेती करने वाला राज्य यूपी है। यूपी में देश की 80 फीसदी मेंथा की खेती की जाती है। उत्तर प्रदेश में बाराबंकी, चंदौली, सीतापुर, बनारस, मुरादाबाद, बदायूं, रामपुर, चंदौली, लखीमपुर, बरेली, शाहजहांपुर, बहराइच, अंबेडकर नगर, पीलीभीत, रायबरेली में इसकी खेती होती है। इसमें सबसे अधिक बाराबंकी में मेंथा की खेती की जाती है। बागवानी विभाग के अनुसार यहां करीब 88 हजार हेक्टेयर में मेंथा की खेती होती है। बाराबंकी अकेले प्रदेश में कुल तेल उत्पादन में 25 से 33 फीसदी तक योगदान करता है।

क्या होता है मेंथा और किस काम आता है

मेंथा या मिंट जिसे पुदीना भी कहते हैं। इसका इस्तेमाल दवाएं, सौंदर्य उत्पाद, टूथपेस्ट के साथ ही कन्फेक्शनरी उत्पादों में होता है। भारत में मेंथा की बुवाई आमतौर से मार्च से अप्रैल के दौरान होती है जबकि इसकी फसल की कटाई जून-जुलाई में होती है।  


अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back