बीज अनुदान योजना : धान और गेहूं के बीज खरीदने पर मिलेंगे 2 हजार रुपए

Share Product Published - 18 Aug 2021 by Tractor Junction

बीज अनुदान योजना : धान और गेहूं के बीज खरीदने पर मिलेंगे 2 हजार रुपए

जानें, क्या है बीज अनुदान योजना और इससे कैसे मिलेगा किसानों को फायदा

इस समय खरीफ फसलों की बुवाई का काम तेजी से चल रहा है और ये अंतिम दौर में है। इसी बीच उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने किसानों को राहत प्रदान करने के लिए धान और गेहूं के बीज खरीदने पर अनुदान देने की पहल की है। इससे राज्य के किसानों को बीज खरीदने में सहायता मिलेगी। सरकार की ओर से बीज खरीदने पर दिए जाने वाले अनुदान का निर्धारण बीज की लागत पर निर्भर होगा। राज्य सरकार किसानों को धान और गेहूं के बीज खरीदने पर 2 हजार रुपए तक प्रति क्विंटल अनुदान प्रदान कर रही है। इससे किसानों को लाभ होगा। किसानों को कम कीमत पर बीज उपलब्ध हो सकेंगे। 

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क्या है उत्तरप्रदेश सरकार की बीज अनुदान योजना

यूपी की योगी सरकार की ओर से किसानों की मदद करने के उद्देश्य से बीज अनुदान योजना के तहत अधिकतम मदद 2 हजार रुपए तक प्रति क्विंटल के हिसाब से दी जा रही है। बता दें कि इस तरह की योजना हरियाणा सरकार भी संचालित कर रही है। फिलहाल, यूपी कैबिनेट ने गेहूं व धान के बीज पर अन्य केंद्रीय योजनाओं के बराबर अनुदान देने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 


बीज खरीदने पर कितना मिलेगा अनुदान

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, पूर्वी भारत में हरित क्रांति के विस्तार की योजना, एकीकृत धान्य विकास कार्यक्रम के तहत अब तक किसानों को धान के लिए मूल्य का 50 प्रतिशत व अधिकतम 1,750 रुपए प्रति क्विंटल तथा गेहूं के लिए 1,600 रुपए प्रति क्विंटल अनुदान की व्यवस्था है। अब इसमें राज्य सरकार अपनी ओर से भी पैसा देगी। धान व गेहूं बीज वितरण पर किसानों को मूल्य का 50 प्रतिशत व अधिकतम 2,000 रुपए प्रति क्विंटल (जो भी कम हो) का अनुदान दिया जाएगा।


केंद्र सरकार के अनुदान के अतिरिक्त राज्य सरकार देगी कितनी राशि

किसान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, पूर्वी भारत में हरित क्रांति के विस्तार की योजना एवं एकीकृत धान्य विकास कार्यक्रम में आने वाले पूरक खर्च को प्रदेश सरकार ने वहन करने का फैसला किया है। अब इन योजनाओं के तहत केंद्र द्वारा दिए जा रहे अनुदान के अतिरिक्त धान बीज पर 250 रुपए व गेहूं बीज पर 400 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त अनुदान प्रदेश सरकार वहन करेगी। 


अनुदान राशि बढ़ाने से किसान होंगे आकर्षित

कृषि जानकारों का कहना है कि किसान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, पूर्वी भारत में हरित क्रांति के विस्तार की योजना एवं एकीकृत धान्य विकास कार्यक्रम में के तहत दी जाने वाली राशि अन्य योजनाओं की तुलना में कम है। इसका परिणाम ये है कि किसान इन योजनाओं की तरफ आकर्षित नहीं हो पाते है। इससे इन योजनाओं पर खर्च किए जाने का इस्तेमाल नहीं हो पाता है। अब चूंकी इन योजनाओं के तहत धान और गेहूं के बीज खरीदने पर अनुदान राशि को बढ़ाया गया है इससे ये आशा की जा सकती है कि राज्य के किसान इस योजना की ओर आकर्षित होंगे और उन्हें राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनुदान का लाभ मिल सकेगा। इससे किसानों का रूझान धान और गेहूं के उत्पादन की ओर होगा। बता दें कि धान और गेहूं में उत्पादन लागत अधिक बैठने से कई किसान धान और गेहूं की खेती को छोडक़र अन्य प्रकार फसल की खेती कर रहे हैं। हरियाणा में राज्य सरकार खुद किसानों को धान और गेहूं की खेती के एवज में अन्य प्रकार की फसल बोने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। ऐसे में यूपी सरकार की ओर से धान और गेहूं उत्पादक किसानों की मदद के लिए ये एक बड़ी पहल है। इससे धान और गेहूं उत्पादक किसानों को फायदा होगा। 


जानें, उत्तरप्रदेश में हर साल कितना बीज दिया जाता है सब्सिडी पर

उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग के मुताबिक प्रदेश में औसतन हर साल 58 से 60 लाख हेक्टेयर में धान (खरीफ) और 98 से 99 लाख हेक्टेयर में गेहूं (रबी) की खेती होती है। पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों की तुलना में प्रदेश में गेहूं-धान की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता कम है। इसलिए प्रदेश में गुणवत्ता युक्त बीज और तकनीकी की अवश्यकता पर जोर दिए जाने की जरुरत है। उत्तर प्रदेश में करीब 8 लाख कुंतल बीज (फाउंडेशन और प्रमाणित) हर साल सब्सिडी पर दिया जाता है। जबकि 50 हजार कुंतल क्वालिटी (गुणवत्ता) वाला बीज इस्तेमाल होता है। इसमें प्राइवेट सेक्टर का बीज भी शामिल है। देश में ज्यादातर किसान अपना बीज इस्तेमाल करते हैं। 10-20 फीसदी फाउंडेशन या प्रमाणित बीज सरकार या प्राइवेट से खरीदता है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी पर अच्छा बीज दिया जाता है। उसके उगाने के तरीके बताए जाते हैं ताकि एक बार लगाने के बाद किसान न सिर्फ अपने बाकी खेतों में उसे उगाए बल्कि दूसरे किसानों को भी अच्छे बीज दे सके।


प्रदेश में कितने क्षेत्रफल में होती है धान और गेहूं खेती

प्रदेश में खरीफ की बोआई व रोपाई कुल 120 लाख हेक्टेयर जमीन में की जाती है। इसमें से आधे रकबे में धान होता है। 9 लाख हेक्टेयर में बाजरा, 2 लाख हेक्टेयर में ज्वार, 7 लाख हेक्टेयर में मक्का और 5-6 लाख हेक्टेयर में सब्जी लगाई जाती है। वहीं रबी सीजन की फसलों में गेहूं उत्पादन में उत्तरप्रदेश नंबर वन की पोजीशन में हैं। देश के कुल गेहूं उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत उत्तरप्रदेश में ही उगाया जाता है। यह फसल पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी भाग में मुख्य रूप से प्रदेश की 96 लाख हेक्टेयर जमीन पर उगाई जाती है। यहां का कुल उत्पादन लगभग 300.010 लाख मीट्रिक टन है। गेहूं और कई दूसरी फसलों के अलावा गन्ने की खेती में भी उत्तरप्रदेश सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग के मुताबिक रबी सीजन 2020 के दौरान करीब 98.42 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई थी।

 

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