Published - 11 Jul 2020 by Tractor Junction
भगवान शिव को बेलपत्र प्रिय है और यही कारण है कि सावन माह में भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र चढ़ाया है। बेलपत्र के बिना इनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। बेलपत्र का जितना धार्मिक महत्व है उससे ज्यादा इसका औषधीय महत्व है। अपने औषधीय गुणों के कारण बेलपत्र का कई रोगों में दवाओं के रूप में उपयोग किया जाता है। आज हम बताएंगे कि बेलपत्र का उपयोग किन रोगों को दूर करने के लिए किया जा सकता है। वैसे तो इसके अगिनत फायदे हैं लेकिन हम यहां आपको प्रमुख रोगों में इसके सरल प्रयोगों की जानकारी देंगे।
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बेल के रस को हल्के गुनगुने पानी में मिलाएं और इसमें शहद की कुछ बूंदें डालें। इस घोल का नियमित सेवन करने से खून साफ होने में मदद मिलती है। इसके अलावा बेल के पके फल को शहद और शकर मिलाकर खाने पर भी खून साफ होता है। खून साफ होने से रक्त प्रवाह सुचारू हो जाता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। वहीं बेलपत्र का काढ़ा नियमित पीने से दिल मज़बूत रहता है और हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है।
सिर और बालों से संबंधी समस्या को भी बेलपत्र की सहायता से दूर किया जा सकता है। इसके लिए बेल के पके हुए फल के छिलके लें, उन्हें साफ करके उनमें तिल का तेल और कपूर मिलाएं। अब इस तेल को रोजाना सिर में लगाएं, इससे सिर में जूं खत्म के अलावा अन्य समस्याओं में भी फायदा होता है। बेलपत्र बालों को झडऩे से रोकने में भी मददगार है। इसके लिए रोजाना एक बेल के पत्ते को धोकर खा सकते है। जल्द ही आपको फर्क दिखना शुरू हो जाएगा।
मधुमेह या डायबिटीज में बेल में भी बेलपत्र का उपयोग फायदेमंद है। इसके लिए 10-20 ग्राम बेल के ताजे पत्तों को पीस लें। उसमें 5-7 काली मिर्च भी मिलाकर पानी के साथ सुबह खाली पेट सेवन करें। इससे मधुमेह में लाभ होता है।
बेलपत्र पित्त की समस्या, खुजली और त्वचा के दाग-छब्बों को भी दूर करने में सहायक है। इसके लिए बेल के रस में जीरा मिलाकर पीना फायदेमंद है। इसके अलावा बेलपत्र की मदद से सफेद दाग भी ठीक होते हैं। बेल के गूदे में सोरलिन नामक तत्व पाया जाता है जो त्वचा की धूप सहने की क्षमता बढ़ता है, साथ ही इसमें कैरोटीन भी पाया जाता है जो सफेद दाग हल्के करने में मदद करता है।
बेलपत्र शरीरिक कमजोरी दूर करने में भी बेहद उपयोगी है। इसके लिए बेल को सुखा लें। इसके गूदे का महीन चूर्ण बना लें। इसे थोड़ी मात्रा में रोज सुबह और शाम सेवन करें। इससे कमजोरी दूर होती है। इसके अलावा 20-25 मिली बिल्व के पत्ते के रस में 6 ग्राम जीरक चूर्ण, 20 ग्राम मिश्री, तथा 100 मिली दूध मिला लें। इसे पीने से शारीरिक कमजोरी दूर होकर चुस्ती-फुरती का अहसास होगा।
शरीर से आ रही दुर्गंध को खत्म करने के लिए भी बेलपत्र का इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए बेल के पत्तों का रस पूरे शरीर पर लगाकर कुछ देर रखे फिर एक घंटे बाद नहा लें। इससे शरीर में दुर्गंध दूर होकर ताजगी आएगी।
मुंह के छाले ठीक करने के लिए पके हुए बेल के गूदे को पानी में उबाल कर ठंडा कर लें। अब इस पानी से कुल्ला करें। छालों में आराम होगा।
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