Published - 19 Apr 2021 by Tractor Junction
एक बार फिर बदलते हुए मौसम को लेेकर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। जैसा कि पिछले एक-दो दिन से देश के कई स्थानों पर मौसम में परिवर्तन हुआ है मौसम विभाग ने कई स्थानों पर तेज आंधी एवं गरज चमक के साथ बौछारें गिरने की संभावना भी व्यक्त की है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए मौसम को लेकर किसानों के लिए समसामयिक सलाह जारी की है ताकि संभावित हानि से बचा जा सके। बता दें कि इस समय उत्तरी भारत के कई राज्यों में रबी फसल की कटाई चल रही है। ऐसे में प्रतिकूल मौसम की संभावना को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों के लिए सलाह दी है।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
किसान आने वाले दिनों में हल्के से मध्यम बादल छाए रहने एवं हल्की वर्षा होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए गेहूं फसल की कटाई का कार्य 1-2 दिनों तक न करें, कटाई से पूर्व अपने जिले के मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी लेते रहें। किसान कटी हुई फसलों को बांधकर रखे अन्यथा तेज हवा या आंधी से फसल एक खेत से दूसरे खेत में जा सकती है। गहाई के उपरांत भंडारण से पूर्व दानों को अच्छी तरह से सुखा दें। किसान कटाई के बाद फसल अवशेषों को खेत में न जलाएं।
किसान मक्का की फसल दो अवस्था में है। एक नरमंजरी अवस्था तथा दूसरा घुटने की ऊंचाई। इस अवस्था में किसान मक्का फसल की नरमंजरी अवस्था में होने पर नत्रजन की तीसरी मात्रा का छिडकाव करे। जबकि मक्के की ऊंचाई घुटने की अवस्था तक आ गई हो उन खेतों में निंदाई-गुडाई करने के उपरांत नत्रजन की शेष मात्रा का आधा हिस्सा डाल कर मिट्टी चढ़ाने के बाद सिंचाई करें। किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि आने वाले दिनों में हल्के से मध्यम बादल छाए रहने एवं हल्की वर्षा होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए मक्का की फसल में तना छेदक का प्रकोप बढ़ सकता है। इसलिए इसकी लगतार निगरानी करते रहे।
किसान ग्रीष्म कालीन फसल जैसे मूंग एवं उड़द अभी तक नहीं लगाई गई है तो खेत की जुताई कर बुवाई करें। इस समय मूंग के उन्नत बीजों (पूसा विशाल, पूसा 672, पूसा 9351, पंजाब 668)की बुवाई कर सकते हैं। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना जरूरी है। बुवाई से पूर्व बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फॉस्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें। समय पर बोई गई मूंग एवं उड़द फसल वानस्पतिक अवस्था में होने पर बदली वाले मौसम आने पर थिर्प्स कीट की उपस्थित की जांच करें व प्रकोप होने पर इमिडाक्लोप्रिड 0.3 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोलकर दिन में छिडकाव करें।
ग्रीष्म कालीन धान ग्रीष्मकालीन धान में अभी कांसे निकलने की अवस्था है। जिन खेतों में ग्रीष्मकालीन धान कन्से निकलने की अवस्था में आ गई हो वहन नत्रजन के छिडकाव की सलाह दी जाती हैद्ध किसान भाइयों को सलाह है कि ग्रीष्म कालीन धान की फसल को बचाने हेतु प्रारंभिक नियंत्रण के लिए प्रकाश प्रपंच अथवा फिरोमेन ट्रेप का उपयोग करें। रासायनिक नियंत्रण के लिए फरटेरा (रायनेक्सीपार) 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या करटाप, 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव करें।
भंडारण अनाज को भंडारण में रखने से पहले भंडार घर की सफाई करें तथा अनाज को सुखा लें। दानों में नमी 12 प्रतिशत से ज्यादा नही होनी चाहिए। भंडारघर को अच्छे से साफ कर लें। छत या दीवारों पर यदि दरारें है तो इन्हे भरकर ठीक कर लें। बोरियों को 5 प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित करें। बोरियों को धूप में सुखाकर रखें। जिससे कीटों के अंडे तथा लार्वा तथा अन्य बीमारियां आदि नष्ट हो जाएं। किसानों को सलाह है की कटी हुई फसलों तथा अनाजों को सुरक्षित स्थान पर रखे। रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई कर जमीन को खुला छोड़ दें ताकि सूर्य की तेज धूप से गर्म होने के कारण इसमें छिपे कीडों के अंडे तथा घास के बीज नष्ट हो जाएंगे।
केला एवं पपीता के पौधा में सप्ताह में एक बार पानी अवश्य देवें तथा टपक सिंचाई में सिंचाई समय बढाएं। इससे केले एवं पपीता पौधों में नमी बनी रहेगी जिससे अच्छे उत्पादन में मदद मिलेगी।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।