खेती-किसानी को होगा फायदा, मानसून सामान्य रहने का अनुमान-मौसम विभाग

Share Product Published - 19 Apr 2018 by Tractor Junction

खेती-किसानी को होगा फायदा, मानसून सामान्य रहने का अनुमान-मौसम विभाग

चालू खरीफ सीजन में मानसून सामान्य रहने का अनुमान है, जिससे खाद्यान्न की पैदावार अच्छी होगी। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार इस साल 97 फीसदी बारिश का अनुमान है। खराब मानसून की संभावना काफी कम है।

आईएमडी के महानिदेशक के जे रमेश के अनुसार लंबी अवधि के दौरान 97 फीसदी बारिश होने का अनुमान है और इसमें प्लस-माइनस 5 फीसदी की कमी या बढ़ोतरी हो सकती है। चालू खरीफ में देश में ज्यादा बारिश होने की संभावना ज्यादा है जबकि कम बारिश होने की उम्मीद काफी कम है। उन्होंने कहा है कि अल-नीनो का खतरा कम हो गया है, मानसून से पहले अल-नीनो की स्थिति न्यूट्रल हो गई है। ऐसे में देश में लगातार तीसरे साल बेहतर मानसून रहने का अनुमान है।

मानसून का लंबी अवधि (एलपीए) का औसत 97 फीसदी रहेगा जो कि इस मौसम के लिए सामान्य है। 96-104 फीसदी एलपीए को सामान्य मानसून माना जाता है, जबकि 104-110 फीसदी एलपीए को सामान्य से अधिक बारिश माना जाता है। वहीं एलपीए के 110 फीसदी से अधिक होने पर इसे अत्यधिक माना जाता है।

सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना 56 फीसदी बताई गई है, जबकि सामान्य से कम बारिश होने की संभावना या कम बारिश होने की संभावना 44 फीसदी है।

सामान्य बारिश की वजह से न केवल कृषि विकास को मदद मिलती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक असर होता है। मौसम विभाग की तरफ से जारी अनुमान में कहा गया है कि चार महीनों के दौरान मानसून में हर क्षेत्र में बराबर बारिश होने का अनुमान है।

खरीफ सीजन की फसलों धान, ज्वार, बाजरा, कपास, मक्का, सोयाबीन आदि की फसलों के लिए मानसून की बारिश पर निर्भरता ज्यादा होती है इसलिए सामान्य मानसून रहने से खरीफ में खाद्यान्न की पैदावार में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।

समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ज्यादा रहने पर अल-नीनो कहलाता है और समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम रहने पर ला-नीना कहलाता है। अल-नीनो मॉनसून पर उल्टा असर डालता है। वहीं ला-नीना से ज्यादा बारिश होती है।

इससे पहले मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने भी इस साल देश में मॉनसून सामान्य रहने का अनुमान लगाया था। स्काईमेट के अनुसार इस साल जून-सितंबर के दौरान 100 फीसदी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही स्काईमेट ने अपनी रिपोर्ट में कहां था कि इस बार बारिश की शुरुआत भी समय पर होगी।

Source- https://www.outlookhindi.com/

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